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    बिहार के अस्पतालों में तेजी से बढ़ रही Eye Flu के मरीजों की संख्या, इन बातों का ध्यान रखकर कर सकते हैं बचाव

    बरसात के मौसम में कई सारी बीमारी और संक्रमणों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में अचानक आई फ्लू के बढ़ते मामलों ने सरकारी व निजी अस्पतालों में आंख से जुड़े समस्याओं लेकर काफी भीड़ पहुंच रही है। आंखों में एक तरह के वायरल इंफेक्शन देखने को मिल रहे हैं। प्रत्येक दिन के मुकाबले सदर अस्पताल में आई फ्लू के मरीज काफी बढ़ते जा रहे हैं।

    By rajeev kumarEdited By: Mohit TripathiUpdated: Wed, 02 Aug 2023 06:09 PM (IST)
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    अस्पतालों में आई फ्लू के मरीजों की उमड़ रही भीड़। (प्रतीकात्मक फोटो)

    जागरण संवाददाता, छपरा: बरसात के मौसम में कई सारी बीमारी और संक्रमणों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में अचानक आई फ्लू के बढ़ते मामलों ने सरकारी व निजी अस्पतालों में आंख से जुड़े समस्याओं लेकर काफी भीड़ पहुंच रही है। आंखों में एक तरह के वायरल इंफेक्शन देखने को मिल रहे हैं।

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    हर दिन के मुकाबले सदर अस्पताल में आई फ्लू के मरीज काफी बढ़ते जा रहे हैं। मंगलवार को सदर अस्पताल में 40 आई फ्लू के मरीज आए। यह बीमारी एक घर में किसी एक को होने पर पूरे परिवार को अपनी चपेट में ले ले रहा है।

    इस बीमारी के उपचार में ज्यादा दवा की जरूरत नहीं होती, मगर जिस आई ड्राप व दवा की जरूरत है वह सदर अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। जो भी मरीज अस्पताल में आंख की समस्या को लेकर आ रहे हैं उन्हें जांच करने के बाद दवा दिया जा रहा है।

    क्यों होता है आई फ्लू

    आई स्पेशलिस्ट संजीव कुमार गुप्ता बताते हैं कि आंख की समस्या से परेशान ज्यादातर लोग कंजक्टिवाइटिस यानी आई फ्लू की चपेट में है। आमतौर पर यह मौसम में नमी और उमस भरी गर्मी से आई फ्लू के मरीजों की संख्या में इजाफा हो जाता है। इसका एक अहम कारण मानसून में वायरस और क्लैमाइडिया इंफेक्शन का खतरा ज्यादा रहता है।

    इस मौसम में ह्यूमिडिटी की वजह से वायरस को जहां फैलने का मौका मिलता है, वहीं नमी की वजह से इन्फेक्शन हमारे शरीर में लंबे समय तक रहता है। ऐसा ही कुछ कंजक्टिवाइटिस के साथ भी है। इस मौसम में ज्यादा पसीना आने की वजह से लोग अपनी आंखों को बार-बार छूते हैं, जिसकी वजह से इंफेक्शन फैलने लगता है।

    बड़ी बात यह है कि इस संक्रमण की चपेट में सबसे ज्यादा बच्चे आ रहे हैं। मगर यह वायरस किसी भी उम्र के लोगों में हो सकता है। परिवार में अगर कोई एक इसकी चपेट में आ गया तो बाकी सदस्यों को ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है।

    कैसे कर सकते है बचाव

    एक्टिव आई फ्लू वाले लोगों में काले चश्मे का उपयोग फोटोफोबिया को कम करने और आंखों को बार-बार छूने और संक्रमण फैलने से रोकने में मदद कर सकता है। संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सभी को स्वच्छता बनाए रखने और बार-बार अपने हाथ और चेहरा भी धोने चाहिए।

    यह बीमारी हवा या आंखों के संपर्क से नहीं फैलती है। हालांकि, सीधे तौर पर तौलिये, चादर आदि के माध्यम से फैल सकती है। बीमारी के दौरान संक्रमण के प्रसार को कम करने के लिए पर्सनल चीजों को शेयर नहीं करना चाहिए। इस बार बड़ी संख्या में बच्चे भी प्रभावित हो रहे हैं।

    बच्चों में तेजी से फैलने वाले संक्रमण को रोकने के लिए स्कूल अधिकारियों को भी उचित दिशा-निर्देश जारी किए जाने चाहिए। स्वीमिंग पूल के इस्तेमाल से बचा जा सकता है।