सारण में साइबर ठगों का आतंक, सात महीने में रिकॉर्डतोड़ लोग हुए ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार
सारण जिले में साइबर अपराध बढ़ रहा है जहां सात महीनों में 241 मामले दर्ज किए गए हैं। साइबर ठग नए तरीकों से लोगों को धोखा दे रहे हैं जैसे कि फर्जी लिंक भेजना और ओटीपी मांगना। पुलिस ने 60 लाख से ज्यादा रुपये पीड़ितों को वापस दिलाए हैं। पुलिस लोगों को सतर्क करके अनजान कॉल या मैसेज पर प्रतिक्रिया न देने की सलाह दे रही है।

अमृतेश, छपरा। डिजिटल इंडिया की तेज रफ्तार के बीच आम नागरिक अब इंटरनेट की दुनिया में जितना आगे बढ़ रहा है, उतना ही तेजी से साइबर अपराधियों का निशाना भी बन रहा है। सारण जिले में बीते सात महीनों के भीतर कुल 241 साइबर ठगी के मामले दर्ज किए गए हैं।
हर दिन औसतन एक से अधिक व्यक्ति किसी न किसी रूप में ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार हो रहा है। इसके साथ ही इंटरनेट मीडिया पर तस्वीर प्रसारित कर धमकी देने के भी 37 मामले दर्ज किए गए हैं। इस मामले में पुलिस 13 लोगों को गिरफ्तार भी की है।
साइबर ठग अब पहले से ज्यादा शातिर और तकनीकी रूप से दक्ष हो गए हैं। वे लोगों को झांसे में लेने के लिए फोन काल, फर्जी लिंक, वीडियो काल, ओटीपी मांग और अन्य डिजिटल माध्यमों का उपयोग कर रहे हैं।
जिले में सामने आए मामलों में सबसे अधिक शिकायतें ओटीपी साझा करने या लिंक पर क्लिक करने के बाद बैंक खाते से रकम गायब होने की रही हैं। इतना ही नहीं सारण पुलिस ने सात महीना में साइबर फ्राड के द्वारा गये राशि में से 60,08,501.69 रिफंड कराकर पीड़ितों को दिया है।
हर वर्ग को बनाया जा रहा है निशाना
साइबर ठग आम नागरिकों से लेकर दुकानदार, शिक्षक, नौकरीपेशा और यहां तक कि वरिष्ठ नागरिकों को भी निशाना बना रहे हैं। अपराधी खुद को बैंककर्मी, पुलिस अधिकारी या किसी प्रतिष्ठित संस्था का प्रतिनिधि बताकर डिजिटल अरेस्ट, सेक्सटार्शन और सस्पेंस अकाउंट जैसे झूठे बहाने से डराते हैं और फिर धीरे-धीरे व्यक्ति की संवेदनशील जानकारी हासिल कर लेते हैं।
लिंक पर क्लिक करते ही खाता साफ
पुलिस को मिली शिकायतों के मुताबिक, अधिकतर मामलों में लोगों के मोबाइल पर एक लिंक भेजा जाता है। उस पर क्लिक करते ही फोन में एक सॉफ्टवेयर इंस्टाल हो जाता है, जिससे ठग बैंक खातों, यूपीआई ऐप्स और पर्सनल डेटा तक पहुंच बना लेते हैं। इसके बाद या तो बड़ी रकम की निकासी हो जाती है या फिर खाते को फ्रीज कर दिया जाता है।
सेक्सटार्शन भी बना नई चुनौती
पुलिस के अनुसार हाल के महीनों में सेक्सटार्शन के मामलों में भी तेजी से वृद्धि हुई है। वीडियो कॉल के जरिए अश्लील क्लिप तैयार कर लोगों को ब्लैकमेल किया जा रहा है। कई लोग सामाजिक शर्म और बदनामी के डर से सामने आकर शिकायत भी नहीं कर पाते।
क्या कहती है सारण पुलिस
सारण के वरीय पुलिस अधीक्षक डा. कुमार आशीष ने बताया कि आम जनता को बार-बार सतर्कता और जागरूकता के लिए चेताया जा रहा है। फिर भी कई लोग जल्दबाज़ी या डर में आकर ठगों के झांसे में आ जाते हैं।
पुलिस पदाधिकारी ने बताया कि कोई भी बैंक, सरकारी संस्था या पुलिस ओटीपी, पासवर्ड या पर्सनल जानकारी फोन पर नहीं मांगती है। उन्होंने बताया कि डिजिटल युग जितना सुविधाजनक है, उतना ही जोखिमपूर्ण भी।
इसलिए जरूरी है कि हम तकनीक के इस्तेमाल में सावधानी बरतें और किसी भी अनजान काल या मैसेज पर तुरंत प्रतिक्रिया न दें। जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है।जिससे हम साइबर बदमाशों को मात दे सकते हैं।
सारण में जनवरी से जुलाई 25 तक साइबर फ्राड का आंकड़ा
माह | साइबर फ्रॉड का दर्ज कांड | इंटरनेट मीडिया संबंधित दर्ज कांड | निष्पादित कांड | दूसरे थाना का निष्पादित कांड |
---|---|---|---|---|
जनवरी | 26 | 03 | 09 | 17 |
फरवरी | 22 | 00 | 05 | 12 |
मार्च | 40 | 10 | 07 | 10 |
अप्रैल | 24 | 04 | 10 | 05 |
मई | 50 | 09 | 10 | 02 |
जून | 34 | 03 | 06 | 02 |
जुलाई | 45 | 08 | 05 | 01 |
कुल | 241 | 37 | 52 | 49 |
जनवरी से जुलाई 25 तक साइबर थाने द्वारा रिफंड की गई राशि का विवरण
माह- रिफंड राशि
- जनवरी- 1,19,999 रुपये
- फरवरी- 6,82,605 रुपये
- मार्च- 9,95,208 रुपये
- अप्रैल- 4,28,717 रुपये
- मई- 17,60,401.51 रुपये
- जून- 12,88,923.32 रुपये
- जुलाई- 7,32,647.86 रुपये
- कुल- 60,08,501.69 रुपये
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