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    छपरा अपहरण कांड का खुलासा: एक करोड़ की फिरौती के लिए रची गई साजिश, साथी डॉक्टर मास्टरमाइंड

    Updated: Fri, 19 Dec 2025 10:32 PM (IST)

    छपरा अपहरण कांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। इस अपहरण की साजिश एक करोड़ की फिरौती के लिए रची गई थी, जिसमें एक डॉक्टर मास्टरमाइंड के रूप में सामने आय ...और पढ़ें

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    छपरा में चिकित्सा के अपहरण के प्रयास मामले के खुलासा करते एसएसपी डॉ. कुमार आशीष। फोटो जागरण

    जागरण संवाददाता, छपरा। छपरा में चर्चित चिकित्सक डॉ. सजल कुमार के अपहरण के प्रयास मामले में पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। इस पूरे कांड की साजिश किसी बाहरी अपराधी ने नहीं, बल्कि उन्हीं के क्लीनिक में कार्यरत एक चिकित्सक ने हरियाणा के अपने साथी के साथ मिलकर रची थी।

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    एक करोड़ रुपये की फिरौती वसूलने के बाद डॉ. सजल कुमार की हत्या की भी आशंका जताई गई है। पुलिस ने इस मामले में मुख्य साजिशकर्ता समेत कुल छह आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है।

    साजिश का मास्टरमाइंड निकला क्लीनिक का डॉक्टर

    वरीय पुलिस अधीक्षक डा. कुमार आशीष ने शुक्रवार को अपने कार्यालय प्रकोष्ठ में प्रेस वार्ता कर पूरे मामले का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि मुख्य साजिशकर्ता डॉ. शिव नारायण हैं, जो पहले डॉ. सजल कुमार के क्लीनिक में एनेस्थीसिया चिकित्सक के रूप में कार्यरत थे।

    उन्हें एक लाख रुपये मासिक वेतन पर रखा गया था। आर्थिक लालच में आकर उन्होंने हरियाणा निवासी अपने सहयोगी मान्टी भारती के साथ मिलकर अपहरण की योजना बनाई। डॉ. शिवनारायण पर मोतिहारी एवं गोपालगंज में भी फर्जीवाड़ा का मुकदमा दर्ज है।

    हरियाणा कनेक्शन और बाउंसर की भूमिका

    पुलिस के अनुसार मान्टी भारती, जो हरियाणा के फरीदाबाद बल्लभगढ़ का निवासी है, इस साजिश का मुख्य सहयोगी था और वह डा. शिव नारायण का बाउंसर भी बताया जाता है। इसी नेटवर्क के माध्यम से स्थानीय अपराधियों को जोड़ा गया और पूरी योजना को अंजाम देने की तैयारी की गई।

    कैसे हुआ अपहरण का प्रयास

    घटना 17 दिसंबर की रात करीब 10:20 बजे की है। नगर थाना क्षेत्र के दहियावां मोहल्ला स्थित कुमार हेल्थ केयर रिसर्च सेंटर से डा. सजल कुमार अपने चालक वीरेंद्र के साथ साधनापुरी स्थित आवास लौट रहे थे। घर के पास पहले से घात लगाए चार बदमाशों ने हथियार के बल पर चिकित्सक, उनके चालक और घर के एक कर्मी नीतीश को जबरन कार में बैठा लिया और फरार हो गए।

    शहर में घुमाते रहे बदमाश

    अपहरण के बाद बदमाश शहर के विभिन्न इलाकों में कार घुमाते रहे। नगर पालिका चौक के पास कुहासे के कारण वाहन की रफ्तार धीमी हुई। इसी दौरान साहस का परिचय देते हुए डा. सजल कुमार ने कार का दरवाजा खोला और सड़क पर छलांग लगा दी। किसी तरह वे बदमाशों के चंगुल से निकलने में सफल रहे, जबकि अपराधी मौके से फरार हो गए।

    एसआईटी का गठन, तकनीकी जांच शुरू

    घटना के बाद पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर एएसपी राम पुकार सिंह के नेतृत्व में विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया गया। टीम ने तकनीकी और वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर जांच शुरू की। सीसीटीवी फुटेज, काल डिटेल्स और लोकेशन के आधार पर एक चिकित्सक समेत छह संदिग्धों को हिरासत में लिया गया।

    हथियार बरामदगी के दौरान मुठभेड़

    पूछताछ में मिले सुराग के आधार पर पुलिस रंजन राय और सोनू राय को हथियार बरामदगी के लिए इनई क्षेत्र स्थित प्रभुनाथ सिंह महाविद्यालय के पास ले गई। इसी दौरान दोनों बदमाशों ने पुलिस टीम पर अचानक फायरिंग कर दी। पुलिस ने आत्मरक्षा में जवाबी कार्रवाई की, जिसमें दोनों के घुटने के पास गोली लगी और उन्हें दबोच लिया गया। बाद में दोनों को इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजा गया।

    मोबाइल व हथियारों की बरामदगी

    पुलिस ने बदमाशों के पास से कांड में छीने गए डा. सजल कुमार के चालक और केयर टेकर का मोबाइल बरामद किया। पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि भागने के दौरान उनकी कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी, जिससे एक देशी कट्टा गाड़ी में ही छूट गया। जबकि एक पिस्टल और एक अन्य देशी कट्टा भगवान बाजार थाना क्षेत्र स्थित पीएन सिंह कॉलेज के पीछे बगीचे में छुपाया गया था।

    गलत रास्ते पर जाने से बिगड़ी योजना

    पुलिस ने बताया कि कुहासे के कारण बदमाश नगर पालिका चौक से थाना चौक की ओर न जाकर शीश महल-सलेमपुर की ओर मुड़ गए। डबल डेकर पुल निर्माण के कारण सड़क बंद मिलने पर उन्हें गाड़ी बैक करनी पड़ी। इसी अफरातफरी में डा. सजल कुमार कार से कूदकर भागने में सफल हो गए।पुलिस ने इस मामले में

    डॉ. शिव नारायण (पटना), मान्टी भारती (हरियाणा),गोलू कुमार,धीरज गिरि,रंजन राय और सोनू राय को गिरफ्तार किया है। इनके पास से दो देशी कट्टे, एक देशी पिस्टल, पांच खोखे, दो जिंदा कारतूस और मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं।एसएसपी ने बताया कि यह एक संगठित आपराधिक साजिश थी, जिसे समय रहते नाकाम कर दिया गया। सभी आरोपितों को न्यायिक हिरासत में भेजने की कार्रवाई की जा रही है।