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    छपरा में अपहरण कांड का 23 घंटे में खुलासा; पुलिस मुठभेड़ में पांच बदमाश गिरफ्तार, दो घायल

    Updated: Thu, 18 Dec 2025 10:30 PM (IST)

    बिहार के छपरा में पुलिस ने अपहरण कांड का 23 घंटे में खुलासा करते हुए पांच बदमाशों को गिरफ्तार किया है। पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें दो ...और पढ़ें

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    छपरा सदर अस्पताल में जख्मी बदमाश का इलाज करते स्वास्थ्य कर्मी। फोटो जागरण

    जागरण संवाददाता, छपरा। सारण जिले में पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए चिकित्सक अपहरण प्रयास कांड का 23 घंटे के भीतर पर्दाफाश कर दिया। भगवान बाजार थाना क्षेत्र में डॉ. पीएम सिंह डिग्री कालेज के समीप पुलिस और अपराधियों के बीच हुई मुठभेड़ में दो बदमाशों के पैर में गोली लगी, जबकि इस कांड में शामिल कुल पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।

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    घायल बदमाशों की पहचान नगर थाना क्षेत्र के दहियावां निवासी रंजन राय और अवतारनगर थाना क्षेत्र के धर्मबागी निवासी सोनू कुमार के रूप में की गई है। दोनों का इलाज छपरा सदर अस्पताल में चल रहा है।

    घटना की पुष्टि करते हुए सारण के वरीय पुलिस अधीक्षक डॉ. कुमार आशीष ने बताया कि ये बदमाश शहर के चिकित्सक डॉ.सजल कुमार के अपहरण के प्रयास में शामिल थे। पुलिस ने महज 23 घंटे के भीतर मामले का उद्भेदन कर अपराधियों को पकड़ लिया, जिससे आम लोगों ने राहत की सांस ली है।

    एसएसपी ने बताया कि 17 दिसंबर की रात करीब 10:20 बजे नगर थाना क्षेत्र के दहियावां मुहल्ला स्थित कुमार हेल्थ केयर रिसर्च सेंटर के संचालक डॉ. सजल कुमार अपने क्लीनिक से साधनापुरी स्थित आवास लौट रहे थे। जैसे ही वे घर के पास पहुंचे, पहले से घात लगाए चार बदमाशों ने हथियार के बल पर चिकित्सक और उनके चालक वीरेंद्र को कब्जे में ले लिया।

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    (छपरा सदर अस्पताल में जानकारी लेने पहुंचे एसएसपी डॉ. कुमार आशीष)

    इसी दौरान बदमाशों ने घर के एक कर्मी नीतीश को भी जबरन कार में बैठा लिया और तेज रफ्तार में फरार हो गए।अपहरण के बाद बदमाश शहर के विभिन्न इलाकों में कार घुमाते रहे।

    नगर पालिका चौक के पास कुहासे के कारण वाहन की गति धीमी हुई, जिसका फायदा उठाते हुए डॉ. सजल कुमार ने साहस का परिचय दिया और कार का दरवाजा खोलकर सड़क पर छलांग लगा दी। इसके बाद वे किसी तरह बचकर निकलने में सफल रहे, जबकि बदमाश मौके से फरार हो गए।

    घटना के बाद पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर एएसपी राम पुकार सिंह के नेतृत्व में विशेष जांच टीम का गठन किया गया। टीम ने तकनीकी और मानवीय सूत्रों के आधार पर छानबीन शुरू की। जांच के क्रम में एक चिकित्सक समेत चार संदिग्धों को हिरासत में लिया गया। पूछताछ के दौरान मिले अहम सुराग के आधार पर पुलिस दो बदमाशों को हथियार बरामदगी के लिए इनई क्षेत्र स्थित प्रभुनाथ सिंह महाविद्यालय के पास ले गई।

    इसी दौरान बदमाशों ने पुलिस टीम पर अचानक फायरिंग कर दी। पुलिस ने आत्मरक्षा में जवाबी कार्रवाई की, जिसमें दोनों बदमाशों के घुटने के पास गोली लगी और उन्हें मौके पर ही दबोच लिया गया। बाद में उन्हें इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजा गया।

    प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि डॉ. सजल कुमार के अपहरण की साजिश व्यावसायिक प्रतिद्वंद्विता के कारण रची गई थी। एक अन्य चिकित्सक ने अपने प्रतिस्पर्धी को डराने और रास्ते से हटाने के उद्देश्य से अपराधियों को सुपारी दी थी।

    पुलिस ने साजिश में शामिल सभी आरोपियों को हिरासत में लेकर गहन पूछताछ शुरू कर दी है।पुलिस के अनुसार, इस कांड में प्रयुक्त हथियारों की बरामदगी के साथ-साथ अपराधियों के नेटवर्क और उनके आपराधिक इतिहास की भी जांच की जा रही है। त्वरित कार्रवाई से बदमाशों के मनोबल पर भी करारा प्रहार हुआ है।