Bihar News: छपरा जंक्शन पर यात्री सुविधाओं का अभाव, निर्माण कार्य कछुआ गति से जारी
छपरा जंक्शन पर प्लेटफ़ॉर्मों की संख्या बढ़ रही है लेकिन यात्री सुविधाओं की कमी बनी हुई है। प्लेटफ़ॉर्म नंबर छह सात और आठ पर निर्माण कार्य धीमा होने से यात्रियों को परेशानी हो रही है। प्लेटफ़ॉर्म आठ पर यात्री शेड का काम अधूरा है और स्टेशन हेड हाउस की हालत भी ख़राब है। अधिकारियों का दावा है कि अगस्त तक काम पूरा हो जाएगा।

जागरण संवाददाता, छपरा। पूर्वोत्तर रेलवे के महत्वपूर्ण छपरा जंक्शन पर प्लेटफार्मों की संख्या तो बढ़ाई जा रही है, लेकिन यात्रियों के लिए मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव चिंता का विषय बना हुआ है। प्लेटफार्म संख्या छह, सात और आठ पर स्थिति खास तौर पर दयनीय है, जहां निर्माण कार्य की धीमी गति के कारण यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
प्लेटफार्म संख्या छह और सात पर यात्री सुविधाओं का इतना अभाव है कि धूप और बारिश में यात्रियों को घर से छाता और रेनकोट लाने की सलाह देनी पड़ सकती है। यहां यात्री शेड भी नहीं है।
बहुप्रचारित प्लेटफार्म संख्या आठ का निर्माण कार्य भी कछुआ गति से चल रहा है। मुख्य भवन को छोड़कर इसके पूर्व और पश्चिम दिशा में निर्माण कार्य महीनों से अधूरा है। एक तरफ की दीवारें अभी लिंटल तक पहुंची हैं, जबकि दूसरी तरफ छत की शटरिंग की तैयारी अभी शुरू भी नहीं हुई है। यह हाल तब है जब रेलवे के आला अधिकारी अगस्त तक पूरा निर्माण कार्य पूरा होने का दावा कर रहे हैं।
प्लेटिस नंबर आठ: सुविधाओं का अभाव और जोखिम भरा माहौल
सबसे ज़्यादा चर्चा में रहने वाले प्लेटफ़ॉर्म नंबर आठ पर भी यात्री सुविधाओं का घोर अभाव है। जून का आधा महीना बीत चुका है, लेकिन प्लेटफ़ॉर्म पर यात्री शेड का काम सिर्फ़ दस प्रतिशत ही पूरा हुआ दिख रहा है। टिकट काउंटर और सहायता केंद्र बेकार पड़े हैं और कभी-कभार ही खुलते हैं।
स्टेशन के दूसरे प्रवेश द्वार पर बना स्टेशन हेड हाउस गोशाला में तब्दील हो गया है, जहाँ जानवरों का गोबर बिखरा रहता है, जो साफ़-सफ़ाई की कमी को दर्शाता है। प्लेटफ़ॉर्म आठ पर लोहे की चीज़ें और मलबा बिखरा पड़ा है, जो यात्रियों के लिए बेहद जोखिम भरा है।
खुले आसमान के नीचे इंतज़ार करने को मजबूर यात्री
उत्सर्ग एक्सप्रेस और छपरा-सूरत ताप्ती गंगा जैसी ट्रेनें, जो छपरा से चलती हैं या कई घंटों तक रुकती हैं, के यात्रियों को प्लेटफ़ॉर्म आठ पर खुले आसमान के नीचे घंटों इंतज़ार करना पड़ता है। बलिया से आने वाली और थावे की ओर जाने वाली ट्रेनें भी प्लेटफ़ॉर्म नंबर छह, सात या आठ से होकर गुज़रती हैं, जिससे इन ट्रेनों के यात्रियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
रेलवे जंक्शन निदेशक का अगस्त तक लक्ष्य पूरा होने का दावा
इस संबंध में रेलवे जंक्शन निदेशक राजेश प्रसाद ने बताया कि अगस्त माह तक सभी कार्य पूरे करने का लक्ष्य है और कार्य प्रगति पर है। हालांकि, जिन यात्रियों को बिना सुविधाओं वाले स्टेशनों से गुजरने का अनुभव नहीं है, वे छपरा जंक्शन के प्लेटफार्म छह, सात और आठ पर एक बार जा सकते हैं। हाँ, प्लेटफार्म टिकट लेना न भूलें, क्योंकि सुविधा हो या न हो, जुर्माना ज़रूर लगेगा।
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