इंतजार की घड़ी खत्म! 2026 तक पूरा हो जाएगा NH-19 का काम, नई एजेंसी को मिली जिम्मेदारी
लगभग 16 वर्षों से लंबित छपरा-हाजीपुर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-19 (एनएच-19) परियोजना अब पटरी पर लौटने की उम्मीद है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने एआइपीएल कंपनी को चुना है और जल्द ही निर्माण कार्य शुरू होगा। विभाग का दावा है कि 25 जनवरी 2026 तक सड़क जनता को समर्पित कर दी जाएगी। भूमि अधिग्रहण और प्रशासनिक देरी के कारण परियोजना में विलंब हुआ है।

प्रवीण, छपरा। करीब 16 वर्षों से अधर में लटकी छपरा-हाजीपुर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-19 (एनएच-19) परियोजना अब पटरी पर लौटने की ओर है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने अधूरे काम को पूरा करने के लिए एआइपीएल कंपनी को नई एजेंसी के रूप में चुन लिया है। बैंकिंग प्रक्रिया पूरी होते ही इसी महीने से निर्माण कार्य की दोबारा शुरुआत होगी।
विभाग ने दावा किया है कि इस बार काम समयबद्ध ढंग से होगा और 25 जनवरी 2026 तक सड़क जनता को समर्पित कर दी जाएगी। यह परियोजना सारण प्रमंडल और उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों को राजधानी पटना से जोड़ने वाली जीवन रेखा मानी जाती है।
लेकिन लगातार एजेंसियों की लापरवाही, भूमि अधिग्रहण की समस्या और प्रशासनिक शिथिलता के कारण यह काम अधूरा रह गया था। अब नई एजेंसी के चयन के साथ लोगों की उम्मीदें एक बार फिर बढ़ गई हैं। बताया जाता है कि इस प्रोजेक्ट को 2013 में ही पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इसकी देरी को लेकर हाई कोर्ट ने भी संज्ञान लिया था।
66.7 किलोमीटर लंबा है छपरा-हाजीपुर सेक्शन
एनएच-19 का छपरा से हाजीपुर तक का यह हिस्सा 66.74 किलोमीटर लंबा है। दिघवारा से सुमेरपट्टी और शीतलपुर होते हुए परसा रोड तक करीब तीन किलोमीटर सड़क का निर्माण कार्य पूरी तरह बाधित है।
इसके अलावा कई जगहों पर डिवाइडर, पुलिया और साइड स्ट्रक्चर का कार्य भी अधूरा है। अधूरे निर्माण के कारण आए दिन लोगों को जाम और दुर्घटनाओं की समस्या झेलनी पड़ती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि हर बार नई एजेंसी आने पर उम्मीद जगती है, लेकिन काम समय पर पूरा नहीं हो पाने से अब तक निराशा हाथ लगी। इस बार एनएचएआई की सख्ती और निगरानी से उन्हें उम्मीद है कि काम तय समय सीमा में पूरा होगा।
भूमि अधिग्रहण बनी सबसे बड़ी बाधा
इस महत्वाकांक्षी परियोजना में सबसे बड़ी अड़चन भूमि अधिग्रहण ही रही। वित्तीय वर्ष 2008-09 में जब इस सड़क का डीपीआर तैयार हुआ, तभी से जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया सुस्त रही।
सारण जिले के मेथवलिया से लेकर वैशाली जिले के हाजीपुर तक के हिस्से में कई गांवों के किसान अपनी जमीन देने को तैयार नहीं थे। मुआवजे को लेकर बार-बार विवाद हुए और कई मामलों में न्यायालय तक जाना पड़ा।
इसके अलावा प्रशासनिक स्तर पर भी फाइलों के अटकने से एनएचएआई को समय पर जमीन नहीं मिल सकी। निर्माण कंपनियों ने भी कई बार एनएचएआई को पत्र लिखकर शिकायत की कि अधिग्रहित भूमि देर से उपलब्ध कराई जा रही है।
नतीजा यह हुआ कि मशीनरी और श्रमिक लगने के बावजूद काम बीच-बीच में रुकता रहा। अगर जिला प्रशासन समय रहते जमीन उपलब्ध करा देता तो यह सड़क बहुत पहले बनकर तैयार हो जाती और उत्तर बिहार को एक बड़ी सौगात मिलती।
89.81% कार्य पूर्ण, 2026 तक पूरी सड़क बनने की उम्मीद
एनएचएआई के अनुसार अब तक परियोजना का 89.81 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। शेष काम को एआइपीएल कंपनी की जिम्मेदारी में इसी महीने से शुरू करने की तैयारी है। विभाग का दावा है कि 25 जनवरी 2026 तक पूरा काम खत्म कर सड़क पूरी तरह जनता को सौंप दी जाएगी।
बीओटी और एनेन्युटी मॉडल पर बन रहा एनएच-19
एनएच-19 का निर्माण बीओटी (बिल्ड ऑपरेट ट्रांसफर) और एनेन्युटी मॉडल पर किया जा रहा है। इस मॉडल में कंपनी सड़क निर्माण करती है और सरकार उसे निश्चित अवधि तक हर साल तयशुदा राशि देती है। इसमें कंपनी को टोल वसूलने की जरूरत नहीं होती, बल्कि सरकार ही भुगतान करती है। इस व्यवस्था में बैंक और वित्तीय संस्थानों की अहम भूमिका होती है।
15 सालों में एनएच-19 की अधूरी कहानी
2008-09: छपरा से हाजीपुर तक 66.74 किमी सड़क निर्माण के लिए डीपीआर तैयार हुआ।
2010: मधुकान कंपनी को 575 करोड़ की लागत से निर्माण कार्य का ठेका मिला।
2010-2022: भूमि अधिग्रहण में देरी और निर्माण में शिथिलता के कारण काम अधूरा रहा।
2023: तय समय पर काम पूरा न होने पर मधुकान कंपनी का अनुबंध एनएचएआइ ने समाप्त कर दिया।
2024: नई एजेंसी अनबान कंपनी को शेष काम सौंपा गया।
25 फरवरी 2025: अनबान कंपनी भी समय पर काम पूरा न कर सकी, एनएचएआई ने उसका अनुबंध रद्द कर दिया।
अगस्त/सितंबर 2025: एनएचएआइ ने एआइपीएल कंपनी को जिम्मेदारी सौंपी। बैंक स्वीकृति के बाद काम इसी महीने शुरू होने की उम्मीद।
25 जनवरी 2026: शेष सड़क निर्माण कार्य पूरा होने की समय सीमा तय।
एनएच-19 निर्माण कार्य के बचे हुए हिस्से के लिए नई एजेंसी का चयन कर लिया गया है। कुछ कागजी प्रक्रियाएं शेष हैं, जिन्हें पूरा करने के बाद जल्द ही काम की शुरुआत की जाएगी।- राजू कुमार, परियोजना निदेशक, एनएचएआई सारण
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