छपरा में पीएम सुरक्षा में जा रहे अर्द्धसैनिक बल की बस और ट्रक में टक्कर, 25 जवान और अधिकारी घायल
बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस (बीएसएपी) के जवानों से भरी एक बस को छपरा-आरा पुल के पास एक तेज रफ्तार ट्रक ने टक्कर मार दी। इसमें बस पर सवार 25 जवान और अधिकारी घायल हो गए जिनमें कई महिला जवान शामिल हैं। घटना मंगलवार-बुधवार की रात करीब ढाई बजे की है।

जागरण संवाददाता, छपरा। प्रधानमंत्री की सुरक्षा ड्यूटी में सिवान जा रहे बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस (बीएसएपी) के जवानों से भरी एक बस को छपरा-आरा पुल के पास एक तेज रफ्तार ट्रक ने टक्कर मार दी। दुर्घटना में बस पर सवार 25 जवान और अधिकारी घायल हो गए, जिनमें कई महिला जवान शामिल हैं। बस चालक भी गंभीर रूप से घायल हो गया है, उसे बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर किया गया है। घटना मंगलवार-बुधवार की रात करीब ढाई बजे की है।
छपरा-आरा पुल पर खराब होकर खड़ी थी बस
बताया जाता है कि डेहरी ऑन सोन के बीएसएपी-2 स्थित स्थायी बीएसएपी-18 कैंप से सिवान जा रही यह बस छपरा-आरा पुल पर खराब होकर खड़ी हो गई थी। इसी दौरान छपरा की ओर से आ रहे एक तेज रफ्तार ट्रक ने साइड से जोरदार टक्कर मार दी।
सीट पर ही फंस गए चालक
टक्कर इतनी भीषण थी कि बस चालक रमेश कुमार अपनी सीट पर ही फंस गए और उनका दाहिना पैर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। उन्हें बड़ी मशक्कत के बाद उनकी सीट से निकाला गया। बस में सवार अन्य जवान, हवलदार और कंपनी कमांडर सहित 25 लोग भी जख्मी हो गए। हवलदार सुनील कुमार ने बताया कि वे सिवान में प्रधानमंत्री के आगमन पर सुरक्षा ड्यूटी के लिए जा रहे थे।
घायलों को आंशिक चोटें आई हैं
घटना के तुरंत बाद डायल 112 की टीम मौके पर पहुंची और घायलों को इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंचाई। सदर अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक ने बताया कि ज्यादातर घायलों को आंशिक चोटें आई हैं, लेकिन बस चालक रमेश कुमार की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें पटना रेफर कर दिया गया है।
ये जवान हादसे में हुए घायल
घायलों में बीएसएपी महिला बटालियन के कंपनी कमांडर अशोक कुमार सिंह, सहायक उपनिरीक्षक वकील कुमार, हवलदार आयुष प्रधान, हवलदार दिलीप तमांग और महिला सिपाही अमृता कुमारी, सोनी कुमारी, प्रेमलता, अर्चना, कंचन, सुषमा, चंद्रिका, रंजना समेत अन्य शामिल हैं।
घायलों को इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजा
घटना के बाद अपने जख्मो की परवाह ना करते हुए कंपनी कमांडर अशोक कुमार सिंह अपने अन्य सहयोगियों के साथ दुर्घटनास्थल पर ही रुक गए। उन्होंने बस में रखे बटालियन के हथियारों की सुरक्षा करते हुए घायलों को इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजा।

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