बिहार में स्वास्थ्य सेवाएं का होगा डिजिटलीकरण, आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन से जुड़ेंगे प्रदेश के सभी निजी अस्पताल
बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं को डिजिटल किया जा रहा है। सभी निजी अस्पतालों को आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन से जोड़ा जाएगा, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ और कुशल होंगी। मरीजों को पंजीकरण और अपॉइंटमेंट में आसानी होगी, साथ ही डॉक्टरों को बेहतर इलाज करने में मदद मिलेगी। यह मिशन स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाएगा।

बिहार में स्वास्थ्य सेवाएं होंगी डिजिटल। सांकेतिक तस्वीर
जागरण संवाददाता, छपरा। स्वास्थ्य सुविधाओं को अधिक आधुनिक, पारदर्शी और तकनीक-संचालित बनाने के उद्देश्य से बिहार स्वास्थ्य विभाग ने अहम निर्णय लिया है। अब राज्य के सभी निजी अस्पताल, क्लिनिक और लैब को आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन से अनिवार्य रूप से जोड़ना होगा। विभाग का मानना है कि इस व्यवस्था से मरीजों को तेज, बेहतर और सरल स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होंगी।
मिशन के तहत प्रत्येक नागरिक को एक यूनिक डिजिटल हेल्थ आईडी यानी एबीएचए नंबर दिया जाएगा, जिसमें मरीज का संपूर्ण मेडिकल डेटा- रिपोर्ट, प्रिस्क्रिप्शन, दवाओं का विवरण, उपचार का इतिहास- सुरक्षित रहेगा।
इससे मरीजों को फाइलों और कागज़ी रिकॉर्ड्स की झंझट से मुक्ति मिलेगी। दूसरी ओर, डाक्टर को एक क्लिक पर मरीज का पूरा स्वास्थ्य विवरण उपलब्ध होगा, जिससे उपचार और भी सटीकता के साथ किया जा सकेगा।
निजी अस्पताल, लैब व फार्मेसी सहित सभी होंगे ऑनलाइन
स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट निर्देश जारी करते हुए बताया कि एबीडीएम से निजी अस्पताल, नर्सिंग होम, क्लिनिक, पैथोलॉजी और रेडियोलॉजी केंद्र, दंत चिकित्सालय, फिजियोथैरेपी सेंटर और फार्मेसी सहित सभी निजी स्वास्थ्य इकाइयों को अवश्य जोड़ा जाएगा। जल्द से जल्द ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन पूरा करने की हिदायत दी गई है।
पंजीकरण प्रक्रिया सरल की गई है। डाक्टर व स्वास्थ्यकर्मी पहले हेल्थ प्रोफेशनल रजिस्ट्री पर अपनी एचपीआर आईडी बनाएगे। वहीं संस्थानों को हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्री पर लाइसेंस, स्टाफ व अन्य संबंधित जानकारियाँ अपलोड करनी होंगी। इसके सक्रिय होते ही संस्थान डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपने मरीजों को ऑनलाइन सुविधाएँ प्रदान कर सकेंगे।
पारदर्शिता बढ़ेगी, गलत इलाज व फर्जी रिपोर्ट पर लगेगी रोक
आयुष्मान भारत के प्रभारी डीपीसी अभिनय कुमार ने इसे स्वास्थ्य क्षेत्र में ऐतिहासिक सुधार बताया। उनके अनुसार डिजिटल हेल्थ रिकॉर्ड आने से उपचार व्यवस्था में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। दवाइयों की आपूर्ति, जांच और प्रिस्क्रिप्शन पर निगरानी सुदृढ़ होगी और अनियमितताओं पर प्रभावी रोक लग सकेगी।
उन्होंने कहा कि विभाग लगातार निजी संस्थानों से संपर्क कर रहा है ताकि जल्द से जल्द सभी को एबीडीएम से जोड़ा जा सके। इस मिशन के लागू होने से बिहार की स्वास्थ्य प्रणाली अधिक सक्षम, व्यवस्थित और तकनीक आधारित बन जाएगी, जिसका प्रत्यक्ष लाभ आम जनता को मिलेगा।

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