महिलाओं के स्वास्थ्य पर बिहार सरकार का विशेष फोकस, 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चलेगा अभियान
बिहार सरकार ने 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक स्वास्थ्य जागरूकता पखवाड़ा चलाने का फैसला किया है। इसका उद्देश्य गर्भवती महिलाओं किशोरियों और नई माताओं को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है। महिलाएं एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के तहत आयरन की गोलियां बांटी जाएंगी और स्वच्छता पर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।

जागरण संवाददाता, छपरा। बिहार सरकार ने महिलाओं के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक “स्वास्थ्य जागरूकता पखवाड़ा” चलाने की घोषणा की है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी एक आधिकारिक पत्र में निर्देश दिया गया है कि इस अभियान के दौरान गर्भवती महिलाओं, किशोरियों और नई माताओं को लक्षित कर विशेष स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
पत्र में कहा गया है कि एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के तहत गर्भवती महिलाओं और किशोरियों को आयरन-फोलिक एसिड की गोलियां दी जाएंगी, ताकि खून की कमी की समस्या कम हो सके। साथ ही, स्कूलों, मदरसों और आंगनबाड़ी केंद्रों में किशोरियों व बच्चों को अल्बेंडाजोल की खुराक खिलाने की योजना बनाई गई है।
महिलाओं की स्वच्छता और मासिक धर्म के दौरान साफ-सफाई को लेकर भी सरकार ने व्यापक कदम उठाने का निर्णय लिया है। विशेष सूत्रों के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों में सैनिटरी नैपकिन उपलब्ध कराने और उनके सही उपयोग पर प्रशिक्षण देने के लिए कार्यशालाएं आयोजित होंगी। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, जीविका दीदी, विकास मित्र और पंचायत प्रतिनिधियों की मदद से यह जानकारी महिलाओं तक पहुंचाई जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग ने जिलों के सिविल सर्जन और स्वास्थ्यकर्मियों को निर्देश दिया है कि वे घर-घर जाकर महिलाओं को अभियान की जानकारी दें और उन्हें आवश्यक दवाएं व पोषण संबंधी परामर्श उपलब्ध कराएं। पोषण स्तर में सुधार के लिए संतुलित आहार और प्रसव के बाद माताओं के स्वास्थ्य पर विशेष फोकस रखने की बात भी कही गई है।
अभियान में डिजिटल हेल्थ आईडी यानी आभा कार्ड और आयुष्मान भारत कार्ड बनाने के लिए भी कैंप लगाए जाएंगे, ताकि महिलाओं को सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं से अधिक से अधिक लाभ मिल सके। विभाग ने चेतावनी दी है कि पखवाड़े की प्रगति की निगरानी नियमित रूप से होगी और किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह पखवाड़ा महिलाओं और किशोरियों के स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता को बढ़ाने का बड़ा अवसर है। उनका मानना है कि इन प्रयासों से मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी आएगी और राज्य में महिलाओं के स्वास्थ्य को नई मजबूती मिलेगी। इस अभियान में दवा और टेस्ट किट आदि की व्यवस्था हेतु राज्य स्वास्थ्य समिति के सहायक निदेशक मनीष रंजन को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है। इस अभियान के लिए राज्य नोडल के रूप में बिहार प्रशासनिक सेवा के सुरेंद्र राय और राजेश कुमार के साथ मनीष रंजन अभियान का अनुश्रवण करेंगे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।