बिहार में बुलडोजर एक्शन का खौफ, अतिक्रमणकारी खुद हटाने लगे कब्जा
बिहार के सारण जिले में अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन की सख्ती के बाद लोगों में बुलडोजर कार्रवाई का डर बैठ गया है। जिसके चलते अतिक्रमण करने वाले खुद ही अपन ...और पढ़ें

खुद अपने कब्जे हटाते लोग। फोटो जागरण
संवाद सहयोगी, जलालपुर (सारण)। कोपा चट्टी और बाजार क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने को लेकर 16 दिसंबर को प्रस्तावित प्रशासनिक कार्रवाई की सूचना से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है।
बुलडोजर चलने की आशंका के बीच अतिक्रमणकारियों ने किसी भी सख्त कार्रवाई से पहले ही खुद अपने कब्जे हटाने शुरू कर दिए हैं। सोमवार की सुबह से ही सड़क किनारे हलचल बढ़ गई और लोग अपनी दुकानों व गुमटियों को समेटने में जुट गए।
कोपा चट्टी से बाजार की ओर जाने वाली मुख्य सड़क के दोनों ओर नाला के ऊपर वर्षों से जमी अस्थायी दुकानों और गुमटियों को दुकानदारों ने स्वयं हटाना शुरू कर दिया।
कई स्थानों पर गुमटियां उखाड़ी जा रही थीं तो कहीं सामान लादकर दूसरी जगह ले जाया जा रहा था। सुबह से ही सड़क किनारे यह दृश्य आम रहा, जिससे साफ झलक रहा था कि प्रशासनिक सख्ती का असर दिखने लगा है।
दुकानदारों के अनुसार रविवार की शाम अंचलाधिकारी अविनाश कुमार ने खुद मौके पर पहुंचकर नाला के ऊपर से अतिक्रमण हटाने का स्पष्ट और सख्त निर्देश दिया था।
उन्होंने बताया था कि निर्धारित तिथि पर प्रशासन बुलडोजर के साथ कार्रवाई करेगा। इसी चेतावनी के बाद लोग किसी तरह की तोड़फोड़ या जबरन हटाने की कार्रवाई से बचने के लिए स्वयं ही अतिक्रमण हटाने लगे हैं।
अतिक्रमण से आमलोगों को परेशानी
उल्लेखनीय है कि कोपा क्षेत्र में लंबे समय से अस्थायी और स्थायी दोनों प्रकार के अतिक्रमण की समस्या बनी हुई है। कोपा हाईस्कूल की जमीन और उससे सटे तालाब पर भी वर्षों से कब्जा है। इसको लेकर विद्यालय के पूर्व प्राचार्य स्व. रघुवंश सिंह ने अपने जीवनकाल में लगातार संघर्ष किया था।
उस समय अंचल कार्यालय द्वारा नोटिस भी जारी किए गए थे, लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं होने से मामला ठंडा पड़ गया। इसी तरह कोपा चट्टी स्थित यात्री विश्राम गृह भी लगभग 15 वर्षों से अतिक्रमण की चपेट में है।
करीब दस वर्ष पहले तत्कालीन बीडीओ सह सीओ गुलाबचंद ने इसे अतिक्रमण मुक्त कराया था, लेकिन कुछ ही समय बाद फिर से कब्जा कर लिया गया।
अब एक बार फिर प्रशासनिक सख्ती और बुलडोजर की कार्रवाई की सूचना से अतिक्रमणकारियों में अफरा-तफरी का माहौल है। स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि इस बार कार्रवाई केवल नोटिस और चेतावनी तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि क्षेत्र को स्थायी रूप से अतिक्रमण से मुक्त कराया जाएगा।

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