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    Bihar: ऐसा पुल जहां से गुजरते समय भगवान को याद करते हैं राहगीर, हिलने-डुलने पर अटक जाती हैं सांसें

    तरैया के सानी खराटी स्थित खदरा नदी पर बना पुल खतरनाक हो गया है। बिना रेलिंग के बना यह पुल आवागमन के समय हिल डुल कर लोगों को डराता भी है। ब्रिज से बड़ी आबादी गुजरती है। स्थानीय लोगों ने जिम्मेदार को समस्या से अवगत भी कराया है लेकिन सुनवाई नहीं हो रही।

    By rajeev kumar Edited By: Akshay Pandey Updated: Sun, 04 May 2025 04:11 PM (IST)
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    तरैया में जर्जर पुल-पुलिया से होकर आते-जाते लोगों की अटक जाती है सांसें।

    राणा प्रताप सिंह, तरैया (सारण)। प्रखंड में ऐसे कई पुल पुलिया हैं, जहां कभी भी बड़ा हादस हो सकता है। इसके बावजूद विभाग इन पर ध्यान नहीं दे रहा है। खास बात यह है कि जिम्मेदार इससे अनजान बने हैं। जर्जर पुल पुलिया से आवागमन करने के समय लोगों की सांसे अटक जाती हैं।

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    बिना रेलिंग के बना है पुल

    आप तरैया के सानी खराटी स्थित खदरा नदी पर बने पुल को यह देख कर समझ ही नहीं पाएंगे कि आगे पुल है। ऐसा पुल जो बिना रेलिंग का है। साथ ही आवागमन के समय हिल डुल कर लोगों को डराता भी है। इसके बावजूद भारी वाहनों का आवागमन जारी है।

    अपनी जर्जरता पर बहा रहा है आंसू

    यह पुल लगभग 40 वर्ष पहले बनाया गया था। अब तो उसमें रेलिंग भी नहीं है। जो अपनी जर्जरता पर आंसू बहा रहा है। यहां के सरपंच किरण देवी व ग्रामीण आलम मियां, कन्हैया महतो, धरम महतो, लंगर महतो, प्रशन महतो, अशोक कुमार, जितेंद्र महतो, वार्ड सदस्य विनोद महतो समेत अन्य लोगों का कहना है कि कई बार बाढ़ को झेलने से यह पुल पूरी तरह कमजोर हो गया है।

    पुल से होकर गुजरती है बड़ी आबादी

    अब वह धारासायी होने के कगार पर पहुंच गया है। तरैया बाजार से गंडक नदी के तटीय इलाकों में जाने का यह मुख्य रास्ता है, जो इस पुल से होकर शीतलपट्टी, सिरमी, उसरी, डुमरी, अरदेवा, माधोपुर, भगवानपुर समेत कई गावों के लोग आवागमन करते है। 

    भारी वाहन आया, तो हिलने लगता पुल

    सरेया बसंत चौहान टोला गांव स्थित गंडक नहर पर बना पुल धराशाई के कगार पर पहुंच गया है। ग्रामीण अजय सिंह, मुकुल सिंह, नागेंद्र सिंह समेत अन्य ने बताया कि लगभग 30 वर्ष पहले यह पुल बना था। अब बिलकुल जर्जर हो गया है। भारी वाहन के गुजरते ही पुल हिलने लगता है।

    स्थानीय लोगों ने की निर्माण की मांग

    ग्रामीणों ने भारी वाहनों के आने जाने पर रोक लगाने की मांग करते हुए पुल के नवनिर्माण की मांग की है। यह पुल सड़क के कई गांवों को जोड़ता है। इसके धराशाई होते ही लोगों का आवागम ठप हो जाएगा। इसी सरेया बसंत गांव स्थित गंडक नहर पर स्लूईस गेट से सटे बिना रेलिंग का पुल जर्जर स्थिति में पहुंच गया है।