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कचरे की सफाई के साथ अब होगी कमाई भी

समस्तीपुर। स्थानीय जवाहर नवोदय विद्यालय बिरौली में गुरुवार की संध्या ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में सूखा एवं गीला कचरा के प्रबंधन को लेकर कार्यशाला आयोजित हुई।

By JagranEdited By: Published: Fri, 25 Mar 2022 11:26 PM (IST)Updated: Fri, 25 Mar 2022 11:26 PM (IST)
कचरे की सफाई के साथ अब होगी कमाई भी
कचरे की सफाई के साथ अब होगी कमाई भी

समस्तीपुर। स्थानीय जवाहर नवोदय विद्यालय बिरौली में गुरुवार की संध्या ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में सूखा एवं गीला कचरा के प्रबंधन को लेकर कार्यशाला आयोजित हुई। इसके माध्यम से इसके निवारण एवं प्रबंधन को लेकर जिला प्रशासन एवं सीईई के बीच समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किया गया है। राज्य में पटना के बाद समस्तीपुर दूसरा जिला है जहां सूखे कचरे के री-साइक्लिग के लिए प्लांट लगाए जाएंगे। सफाई साथी के माध्यम से सूखे एवं गीले कचरे इकट्ठा किए जाएंगे और उसे फैक्ट्री में री-साइक्लिग कर प्लास्टिक की सामग्री समेत अन्य चीजें बनाई जाएगी। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अवकाश प्राप्त आइएएस हेम पांडे ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत कचरे की सफाई के साथ-साथ कमाई भी होगी। उन्होंने पर्यावरण एवं स्वच्छता अभियान में सभी लोगों को एकजुट होकर कार्य करने की अपील की है। कहा कि दुनिया में 40 करोड़ टन प्रत्येक वर्ष प्लास्टिक यूज होता है। जिसमें 9 प्रतिशत ही री-साइक्लिग हो पाता है। 12 प्रतिशत जलाया जाता है। जबकि बाकी वैसे ही रहते हैं। जिससे पर्यावरण दूषित हो रहा है। उन्होंने समस्तीपुर के बारे में बताया कि यहां ड्रेनेज की सुविधा उपलब्ध नहीं है। पूरा शहर अतिक्रमण की चपेट में है। इसलिए हमें साफ- सफाई पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक का ठोस विकल्प निकाले बिना यह बंद नहीं हो सकता है। इसलिए हमें इसके प्रबंधन पर ध्यान देने की आवश्यकता है। सीईई के सीनियर डायरेक्टर प्रभजोत सोघी ने कहा कि ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में तीन तरह के कचरे सूखा, गीला एवं घरेलू कचरा यह सभी कचरो का प्रबंधन किया जाएगा। जिससे स्वच्छ पर्यावरण के साथ-साथ रोजगार की भी अपार संभावनाएं हैं। मौके पर मौजूद अपर समाहर्ता विनय कुमार राय, डीडीसी संजय कुमार, एसडीओ आरके दिवाकर ने भी संबोधित करते हुए पर्यावरण संरक्षण के लिए इसे जरूरी बताया। अधिकारियों ने कहा कि समस्तीपुर के नया आयाम प्रारंभ होने जा रहा है, जिसमें सभी का सहयोग अनिवार्य है। इसके माध्यम से कचरा निस्तारण के साथ-साथ स्वरोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा। आने वाले समय में प्लास्टिक के उत्पाद भी अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। यह कार्यक्रम जिला प्रशासन एवं सीईई के द्वारा संयुक्त रूप से चलाया जाएगा। इसको लेकर नगर आयुक्त संजीव कुमार और सीईई के निदेशक के बीच समझौता पत्र पर हस्ताक्षर भी किया गया। जिसमें एचडीएफसी भी सहयोग कर रही है। मौके पर सीईई पटना के अरविद कुमार, नवोदय विद्यालय के प्राचार्य डॉ डीके ठाकुर, शिक्षक सहित कई पदाधिकारी मौजूद थे।

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