ड्रम सीडर से धान की सीधी बुआई में जलजमाव जरूरी नहीं
समस्तीपुर। बिथान प्रखंड के पुसहो गांव के किसानों ने ड्रम सीडर से धान की सीधी बुआई की। गांव के किसान दिनेश कुमार एवं उमेश कुमार के 2 एकड़ खेत में धान की सीधी बुआई को दर्जनों लोगों ने अपनी आंखों से देखा।

समस्तीपुर। बिथान प्रखंड के पुसहो गांव के किसानों ने ड्रम सीडर से धान की सीधी बुआई की। गांव के किसान दिनेश कुमार एवं उमेश कुमार के 2 एकड़ खेत में धान की सीधी बुआई को दर्जनों लोगों ने अपनी आंखों से देखा। डा. रेड्डी फाउंडेशन के क्षेत्र प्रबंधक गुलशन कुमार ने बताया कि ड्रम सीडर मशीन संस्थान द्वारा उपलब्ध करायी गई। इसकी विशेषता बताते हुए कहा कि इसका वजन 20 किलोग्राम होता है। जिसे कहीं भी उठाकर ले जाया जा सकता है। इसमें चार ड्रम लगे होते है, प्रत्येक ड्रम में तीन किलोग्राम बीज रखा जाता है। इस विधि से बुआई के लिए सबसे पहले बीज को 12 घंटों के लिए पानी में छोड़ा जाता है। इसके बाद उपचार के लिए कार्बेन्डाजीम 2 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से मिलाकर जूट के बोरे में बांध कर 20 घंटे के लिए छोड़ दिया जाता है। बीज में हल्का अंकुरण होने के बाद ही बुआई के लिए ड्रम में रखा जाता है। बुआई वाले खेत में पानी की अधिक मात्रा नहीं रहनी चाहिए, लेकिन खेत में कीचड़ होना आवश्यक है। अकेला किसान यह मशीन लेकर धान की बुआई कर सकता है। ड्रम सीडर मशीन में बीज भरने के लिए 4 प्लास्टिक के खोखले ड्रम लगे होते हैं जो कि एक बेलन पर बंधे रहते हैं। बेलन के दोनों किनारों पर पहिए होते हैं। इसका व्यास लगभग 60 सेंटीमीटर तक होता है। प्लास्टिक के इन ड्रम में 2 पंक्तियों पर लगभग 8 से 9 मिलीमीटर व्यास के छेद बने रहते हैं। ड्रम सीडर मशीन को खींचने के लिए एक हत्था भी लगा होता है। किसान जैसे-जैसे आगे बढ़ता जाएगा बीज स्वत: बोते जाएंगे। ड्रम विधि से अगर कोई किसान इस वक्त धान बोता है तो कम से कम उसका 21 दिन का समय बच जाएगा। मौके पर एटीएम उमेश प्रसाद यादव, किसान सलाहकार अर्जुन पंडित, सीएफ मो. मंगनु, किसान चंद्रशेखर यादव, रूपी महतो, मुरारी कुमार, रामचंद्र महतो, राज बब्बर कुमार आदि मौजूद रहे।
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