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    UPSC CSE Result: समस्तीपुर की बेटी Trainee IRS प्रीति ने दूसरी बार UPSC में हासिल की सफलता, मिला 130वां स्‍थान

    By Jagran NewsEdited By: Prateek Jain
    Updated: Tue, 23 May 2023 08:48 PM (IST)

    Preeti Kumari UPSC CSE 130th Rank समस्तीपुर शहर के धर्मपुर निवासी ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष से सेवानिवृत डॉ. हरिप्रसाद राय की पोती प्रीति कुमारी ने यूपीएससी में 130वां स्थान प्राप्त किया है। प्रीति ने लगातार दूसरी बार यह कामयाबी हासिल की है।

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    UPSC CSE Result: समस्तीपुर की बेटी Trainee IRS प्रीति ने दूसरी बार UPSC में हासिल की सफलता, मिला 130वां स्‍थान

    समस्तीपुर, जागरण संवाददाता: समस्तीपुर शहर के धर्मपुर निवासी ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष से सेवानिवृत डॉ. हरिप्रसाद राय की पोती प्रीति कुमारी ने यूपीएससी में 130वां स्थान प्राप्त किया है।

    प्रीति ने लगातार दूसरी बार यह कामयाबी हासिल की है। पिछली बार उन्‍हें 242वां स्थान मिला था। आईआरएस कैडर मिलने के बाद वे प्रशिक्षण ले रही हैं।

    प्रशिक्षण के साथ तैयारी करते हुए उन्‍होंने दूसरी बार सफलता प्राप्त की है। अब वह आईएएस बनना चाहती हैं।वैज्ञानिक पिता कुमार लालबाबू और मां डॉ. नीलम कुमारी केंद्र सरकार के अंतर्गत विभाग में नियुक्‍त हैं।

    प्रीति ने स्कूली शिक्षा पटना के निजी विद्यालय से पूरी की। इसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय में मिरांडा हाउस से राजनीति विज्ञान में स्नातक की पढ़ाई की और बाद में यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी।

    पिछले वर्ष चौथे प्रयास में प्रीत‍ि ने 242वां स्थान प्राप्त किया था। स्वाध्याय के बल पर यूपीएससी में सफलता प्राप्त कर प्रीति ने उन छात्रों को प्रेरणा दी है, जो वर्तमान में तैयारी में जुटे हैं।

    प्रीति ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता के अलावा ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान के पूर्व विभागाध्यक्ष दादा डॉ. हरि प्रसाद राय को दिया है। सफलता पर उनके भाई और बेगूसराय जिला के चेरिया बरियारपुर प्रखंड विकास प्रियतम सम्राट ने हर्ष व्यक्त किया है।

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    IAS बनना ही था एकमात्र लक्ष्य

    प्रीति ने बताया कि सेल्फ स्टडी ने ही उन्हें सफलता के इस मुकाम तक पहुंचाया। युवाओं के लिए संदेश देते हुए कहा कि प्रत्येक दिन कम से कम आठ घंटे की पढ़ाई करनी चाहिए। कड़ी मेहनत और लगन से हर मुकाम हासिल किया जा सकता है।

    धैर्य और लगन से पढ़ाई करने के बाद किसी भी परीक्षा में सफल हो सकते हैं, उनका कहना है कि आईएएस बनना ही एकमात्र लक्ष्य था। तीन बार में सफलता नहीं मिलने के बाद भी वे इससे जरा भी डिगी नहीं और फिर से तैयारी में जुट गई। इसी संकल्प ने आज उन्‍हें सफलता दिली दी।

    आशुतोष को यूपीएससी में मिला 489वां रैंक

    उजियारपुर प्रखंड के बेलामेघ गांव निवासी आशुतोष सनी को संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 489 वां रैंक मिला है। आशुतोष की सफलता पर उसके दादा डॉ. बालेश्वर सिंह, पिता अरविंद कुमार ही नहीं पूरे गांव के लोग फूले नहीं समा रहे हैं।

    इससे पूर्व में उन्‍होंने 66वीं बीपीएससी की परीक्षा में 61वां स्थान प्राप्त किया था, जिसके बाद उनका चयन राजस्व पदाधिकारी के पद पर हुआ था। इंटर की पढ़ाई सेंट्रल स्कूल से पूरी की थी, फिर बेंगलुरू के रमैया से बीटेक किया।

    पहली बार में ही पहुंचे थे इंटरव्‍यू राउंड तक

    इसके बाद यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। पहली बार में यूपीएससी में इंटरव्यू तक का सफर पूरा किया था। इसके बार दूसरी बार में सफलता मिली। आशुतोष ने बताया कि कि यूपीएससी की परीक्षा में सफलता प्राप्त करना ही उनका एकमात्र लक्ष्य था।

    यूपीएससी तैयारी करने वाले छात्रों के लिए सुझाव दिया कि उन्हें सबसे पहले सिलेबस की पूरी जानकारी होनी चाहिए, जिस किताब को भी पढ़ें उसे समझने का प्रयास करें। रिवीजन करते रहने के साथ नोट्स बनाना जरूरी है।