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    सुबह से शाम तक जाम से कराहता रहा शहर

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 23 Nov 2020 11:20 PM (IST)

    शहर के लिए जाम की समस्या एक बार फिर नासूर बन गई है। पिछले एक सप्ताह से लोग परेशान हैं। शहर का कोई ऐसा इलाका नहीं है जहां जाम न लगता हो। सोमवार को तो स ...और पढ़ें

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    सुबह से शाम तक जाम से कराहता रहा शहर

    समस्तीपुर । शहर के लिए जाम की समस्या एक बार फिर नासूर बन गई है। पिछले एक सप्ताह से लोग परेशान हैं। शहर का कोई ऐसा इलाका नहीं है, जहां जाम न लगता हो। सोमवार को तो सुबह से ही जाम की स्थिति बनी रही। दिनभर सड़कों पर वाहन रेंगते रहे। मोहनपुर के बीआरबी कॉलेज से लेकर मथुरापुर बाजार समिति तक यह समस्या रही। यह समस्या ओवरब्रिज पर एक ट्रक के खराब होने के कारण हुई। लेकिन, ऐसी स्थिति हमेशा बनी रहती है। ऐसा नही है कि जाम से निबटने के लिए प्रशासन ने व्यवस्था नहीं कर रखी है, लेकिन वह सिर्फ दिखावे के लिए। प्रशासन की ढिलाई के चलते यह समस्या आम लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। अर्थात यदि आपको शहर के एक छोड़ से दूसरे छोड़ तक जाना है तो कम से कम दो घंटे समय जरूर लगेंगे। ई-रिक्शा व टेंपो के कारण लगता है ओवरब्रिज पर जाम

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    शहर में जाम का प्रमुख कारण ई-रिक्शा और टेंपो है। सदर अनुमंडल कार्यालय के सामने ओवरब्रिज पर ई-रिक्शा और टेंपो चालकों द्वारा सवारी बैठाए जाते हैं। कतार में खड़े इन ई-रिक्शा और टेंपो की वजह से लंबा जाम लग जाता है। यही स्थिति कर्पूरी प्रतिमा से लेकर पुराना बस स्टैंड तक का है। जहां दर्जनों ई-रिक्शा और टेंपो सवारी को बैठाने के लिए दिनभर खड़े रहते हैं। पैसेंजर को चढ़ाने एवं उतारने का काम होता है। इससे यहां पर जाम लगता है। ऐसा नहीं है कि इसको रोकने के लिए पुलिस कर्मी की व्यवस्था नही हैं, लेकिन वह सिर्फ दिखावे के। होमगार्ड के जवानों को इसके लिए लगाया गया है। लेकिन, उनकी बातों को सुनता कौन है। होमगार्ड के जवान देखते रहते हैं और टेंपो और ई-रिक्शा चालक अपने वाहन खड़े कर यात्रियों को चढ़ाते और उतारते रहते हैं। जिससे हमेशा यहां पर जाम की समस्या बनी रहती है। नो पार्किंग का भी नहीं है कोई असर

    सदर अनुमंडल कार्यालय से लेकर परिसदन तक नो पार्किंग जोन प्रशासन ने घोषित कर रखा है। लेकिन, इसका तनिक भी असर नहीं दिखता है। जाम से निपटने के लिए ही प्रशासन ने इस तरह का आदेश दिया था। समाहर्ता के आवास के गेट के पास टेंपो से सवारी उतारने के दौरान हुई दुर्घटना में जब एक की मौत हो गई थी और कुछ यात्री घायल हो गए थे, तो इसे सख्ती से लागू कर दिया गया था। लेकिन, बाद में फिर पहले की तरह ही सुस्ती बरती जाने लगी। शहर का हर गली-मोहल्ला जूझता है जाम से

    शहर का हर गली और मोहल्ला जाम से जूझता है। चाहे वह स्टेशन रोड हो या आर्य समाज रोड। गोला रोड हो या फिर ताजपुर रोड। केई इंटर रोड हो या फिर तिरहुत एकेडमी रोड। पुरानी पोस्ट ऑफिस रोड हो या फिर मारवाड़ी बाजार, कोई ऐसा मोहल्ला नही है, जहां जाम की समस्या नहीं हो। नगर परिषद के कर्मियों के सहयोग से सड़क पर ही दुकानें सजी रहती हैं। जो स्थायी दुकानदार हैं, वे भी आधी सड़क पर अपने सामान या दुकान का साइन बोर्ड रखकर जाम की स्थिति उत्पन्न करते हैं। बड़ी-बड़ी खड़ी कर ली अटालिकाएं पर नहीं है पार्किंग की सुविधा

    सबसे बड़ी बात यह है कि करोड़ों रुपये की लागत से लोगों ने बड़ी-बड़ी अटालिकाएं खड़ी कर ली हैं। अपने दुकान, मॉल, होटल आदि बना रखा है। लेकिन, अधिकांश के पास पार्किंग की सुविधा नहीं है। ग्राहक सड़क पर ही अपने वाहनों को पार्क कर खरीदारी करते हैं। इस वजह से भी जाम की स्थिति बनी रहती है।

    वर्जन :

    शहर में जाम की समस्या जटिल होते जा रही है। इससे निपटने के लिए प्लान किया जा रहा है। जाम से निपटने के लिए यहां के जनप्रतिनिधियों से भी सुझाव मांगे गए हैं। मंगलवार को जिलाधिकारी की अध्यक्षता में इसको लेकर बैठक होनी है। जिसमें इसके त्वरित समाधान से लेकर स्थायी समाधान तक के विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा कर फैसला लिया जाएगा।

    आरके दिवाकर, सदर एसडीओ, समस्तीपुर।

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    इनसेट :::

    जाम से कैसे निबट सकता है प्रशासन

    -- शहर में जगह-जगह हो वाहन पार्क करने की व्यवस्था

    -- ई-रिक्शा और ऑटो चालकों की मनमानी पर लगे अंकुश

    -- नो पार्किंग जोन में वाहनों को खड़ी करने पर जुर्माना की हो व्यवस्था

    -- मगरदहीघाट से धर्मपुर होते हुए ताजपुर रोड तक हो बाइपास की व्यवस्था

    -- वाहनों के खराब होने पर उसे हटाने के लिए पुलिस के पास हो क्रेन की सुविधा

    -- सड़क पर चलने वाले वाहन चालकों को कतार तोड़ने पर जुर्माना का हो प्रावधान

    -- सड़क को हमेशा अतिक्रमण से मुक्त रखने को लेकर दी जाए जिम्मेवारी

    -- पुलिस एवं प्रशासन को कड़ाई से कराना होगा नियमों का पालन

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