Strawberry Farming:स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए 3 लाख रुपये देगी सरकार, इस तरीके से होगा किसानों का चयन
समस्तीपुर जिले में स्ट्रॉबेरी की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को 3 लाख रुपये की सहायता मिलेगी। जिले में स्ट्रॉबेरी की खेती का क्षेत्र बढ़ाया जाएगा जिसके लिए सरकार किसानों को आर्थिक मदद देगी। टमाटर लहसुन और मिर्च की खेती के लिए भी किसानों को अनुदान मिलेगा। किसानों को समूह में खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

जागरण संवाददाता, समस्तीपुर। समस्तीपुर जिला में स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए किसानों को पौधा सहित 3 लाख रुपये मिलेंगे। जिले में स्ट्रॉबेरी की खेती का क्षेत्र विस्तार होगा। स्ट्रॉबेरी की खेती पर सात लाख 56 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर लागत आएगी।
जिला में इस बार 8 हेक्टेयर में खेती का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। प्रति हेक्टेयर 40 प्रतिशत यानी तीन लाख दो हजार चार सौ रुपये का अनुदान पौधा सहित एकमुश्त मिलेगा। स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए 0.4 गुणा 0.4 मीटर पौधा से पौधा की दूरी के अनुसार प्रति हेक्टेयर की आवश्यकता होगी।
प्रति पौधा 12.50 रुपये में मिलेगा। इस योजना का लाभ न्यूनतम 0.1 हेक्टेयर व अधिकतम दो हेक्टेयर का मिलेगा। अनुदान प्राप्त करने वाले व खुद की लागत से स्ट्रॉबेरी की खेती करने वाले किसानों को भी कूट का डिब्बा व प्लास्टिक का छोटा डिब्बा का लाभ दिया जाएगा। योजना का लाभ देने के लिए कृषकों का चयन लाटरी के आधार पर किया जाएगा।
एक हेक्टेयर में 20 से 25 टन होगी उपज
स्ट्राबेरी के पैकेजिंग के लिए कूट के डिब्बा के लिए भी इस बार अनुदान मिलेगा। 14.50 रुपये प्रति पीस पर 40 प्रतिशत यानी 5.80 रुपये प्रति पीस अनुदान मिलेगा। स्ट्रॉबेरी के पैकेजिंग के लिए प्लास्टिक का छोटा डिब्बा 2.90 रुपये प्रति पीस पर 40 प्रतिशत यानी 1.16 रुपये प्रति पीस की दर से अनुदान मिलेगा।
स्ट्राबेरी के खेती के अंतर्गत प्रति हेक्टेयर उपज 20 से 25 टन होता है। जिसके मार्केटिंग के लिए 12 हजार 500 कूट का डिब्बा व एक लाख प्लास्टिक के डिब्बा की आवश्यकता होगी। एक प्लास्टिक के डिब्बे में दो सौ ग्राम स्ट्रॉबेरी रखा जाता है। एक कूट के डिब्बा में आठ प्लास्टिक का डिब्बा रखा जाता है।
क्लस्टर बना कर खेती करेंगे किसान
किसानों को टमाटर, लहसुन और मिर्च की खेती के लिए अनुदान मिलेगा। सब्जी-मसाला योजना के अंतर्गत किसान समूह में इसकी खेती कर सकेंगे। प्रत्येक समूह में छह हेक्टेयर के लिए योजना स्वीकृत है। इसमें न्यूनतम तीन कृषक सदस्य होंगे।
इस योजना का उद्देश्य टमाटर, मिर्च, लहसुन का क्षेत्र विस्तार कराकर उत्पादन व उत्पादकता में वृद्धि व उचित बाजार मूल्य से कृषक की कृषक की आय में वृद्धि कराना है। यह केंद्र प्रायोजित योजना है।
समस्तीपुर जिले में वित्तीय वर्ष 2025-26 में 55 क्लस्टर बनाने का लक्ष्य रखा गया है। टमाटर की खेती 25 क्लस्टर में 150 हेक्टेयर भूमि पर कराई जाएगी। इसके अलावा 30 क्लस्टर बना 180 हेक्टेयर में मिर्च की खेती होगी। योजना का लाभ न्यूनतम 0.25 एकड़ एवं अधिकतम 5 एकड़ में दिया जाएगा। किसानों की आमदनी में वृद्धि करने के साथ ही उत्पादकता बढ़ेगी।
टमाटर और मिर्च की खेती पर मिलेगा 50 प्रतिशत अनुदान
टमाटर और मिर्च की खेती के लिए प्रति हेक्टेयर 60 हजार रुपये लागत आएगी। इसमें 50 प्रतिशत अनुदान मिलेगा। लहसुन की खेती के लिए प्रति हेक्टेयर एक लाख रुपये लागत आएगी। किसानों को प्रति हेक्टेयर 50 प्रतिशत का अनुदान मिलेगा। अनुदान 60-40 के अनुपात में दो किस्तों में मिलेगा। प्रति कृषक परिवार को अधिकतम दो हेक्टेयर का लाभ दिया जाएगा।
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