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    समस्तीपुर में अगले चार दिनों में बढ़ेगी ठंड, न्यूनतम तापमान 8-10 डिग्री तक गिरने की संभावना

    Updated: Sat, 13 Dec 2025 12:45 PM (IST)

    समस्तीपुर और उत्तरी बिहार के जिलों में अगले चार दिनों में ठंड बढ़ने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार, न्यूनतम तापमान 8 से 10 डिग्री सेल्सियस तक गिर ...और पढ़ें

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    अगले चार दिनों में बढ़ेगी ठंड

    संवाद सहयोगी, समस्तीपुर। उत्तर बिहार के जिलों में अगले चार दिनों में ठंड बढ़ेगी। सुबह के समय जहां कुहासा छाया रहेगा। वहीं धूप देर से निकलेगी और मौसम शुष्क बना रहेगा। पछिया हवा के झोंके कनकनी का एहसास कराएंगे। 

    हालांकि, रफ्तार धीमी होने से यह अधिक महसूस नहीं होगी। डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के मौसम पूर्वानुमान के अनुसार अगले चार दिनों में अधिकतम तापमान 24 से 25 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 8 से 10 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है। 

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    3 से 5 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से पछुया हवा

    वहीं शुक्रवार को मौसम विभाग के द्वारा रिकॉर्ड अधिकतम तापमान 25.5 व न्यूनतम तापमान 7.5 रहा। अधिकतम तापमान लगभग सामान है। वहीं न्यूनतम तापमान में चार डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। पूर्वानुमान अवधि में 3 से 5 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से पछिया हवा चल सकती है। 

    सापेक्ष आर्द्रता सुबह में 85 से 95 फीसदी और शाम को 40 से 45 फीसदी रहने की संभावना है। हवा की रफ्तार कम होने से ठंड महसूस कम होगी। 

    वहीं लगातार पछिया हवा चलने की वजह से ठंड में बढ़ोतरी होगी। वैज्ञानिकों ने लोगों को ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़ा और खाना पान में गर्म चीजों को शामिल करने की सलाह दी है।

    पिछात गेहूं की जल्द कर लें बुआई

    किसान गेहूं की पिछात किस्मों की बुआई 20 दिसंबर से पहले संपन्न करें। इसके बाद बुआई करने पर उपज में भारी कमी होती है। पिछात किस्मों के लिए एचयूडब्लू 234, डब्लूआर 544, डीबीडब्लू 39, एचआई 1563, राजेंद्र गेहूं-1, एचडी 2967 व एचडब्लू 2045 किस्में शामिल है। 

    प्रति किलोग्राम बीज को 2.5 ग्राम बेबीस्टीन की दर से पहले उपचारित करें, फिर बीज को क्लोरपायरीफास 20 ईसी दवा का 8 मिली प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचारित करें। बुआई के पूर्व खेत की जुताई में 40 किलोग्राम नेत्रजन, 40 किलोग्राम फाआसफोरस एवं 20 किलोग्राम पोटास प्रति हेक्टेयर डालें। 

    गेहूं की फसल में पहली सिंचाई

    जिन क्षेत्रों में फसलों में जिंक की कमी के लक्षण दिखाई देती हो वैसे क्षेत्रों के किसान खेत की अंतिम जुताई में जिंक सल्फेट 25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से व्यवहार करें। छिटकवां विधि से बुआई के लिए प्रति हेक्टेयर 150 किलोग्राम व सीड ड्रील से पंक्ति में बुआई के लिए 125 किलोग्राम बीज का व्यवहार करें। 

    गेहूं की फसल में पहली सिंचाई के बाद रोपाई के 20 से 25 दिन में कई प्रकार के खर-पतवार उग आते है। जिनका विकास काफी तेजी से होता है और जो गेहूं की बढ़वार को प्रभावित करती है। 

    इन सभी प्रकार के खरपतवारों के नियंत्रन हेतु सल्फोसल्फयुरान 33 ग्राम प्रति हेक्टर एवं मेटसल्फयुरान 20 ग्राम प्रति हेक्टर 500 लीटर पानी में मिलाकर खड़ी फसल में आसमान साफ रहने पर छिड़काव करें।