समस्तीपुर जिले में बनाए जाएंगे 20 कृषि आदर्श गांव, हर क्लस्टर में होंगे कम से कम 100 किसान
समस्तीपुर जिले में कृषि विभाग किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 20 कृषि आदर्श ग्राम बनाएगा। प्रत्येक गांव में 100 किसानों का समूह होगा, जहाँ समेकित क ...और पढ़ें

समस्तीपुर जिले में बनाए जाएंगे 20 कृषि आदर्श गांव
जागरण संवाददाता, समस्तीपुर। समस्तीपुर जिले के किसानों को आत्मनिर्भर बनाने को लेकर कृषि विभाग ने पहल की है। इसके तहत जिले के सभी 20 प्रखंडों में एक कृषि आदर्श ग्राम बनाया जाएगा। चयनित ग्राम में कम से कम 100 किसानों का होना जरूरी है। वहां समेकित कृषि प्रणाली विकसित की जाएगी। इसे लेकर 10-10 एकड़ का क्लस्टर बनाया जाएगा।
प्रत्येक क्लस्टर में कम से कम 100 किसानों को शामिल किया जाएगा। कृषि आदर्श ग्राम में कृषि उद्यानीकरण, सब्जी उत्पादन, मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन, पशुपालन, मत्स्य पालन, चारा उत्पादन, डेयरी विकास, जैविक खेती, जड़ी-बूटी उत्पादन पर जोर दिया जाएगा।
जिले के प्रत्येक प्रखंड में एक कृषि आदर्श ग्राम बनाया जा रहा है। कृषि आदर्श ग्राम के चयन के लिए कृषि विभाग ने कवायद शुरू कर दी है। चयनित गांव में कृषि विभाग द्वारा संचालित सभी योजनाओं का लाभ किसानों को दिया जाना है, ताकि यहां के किसानों का कौशल विकास हो सके। साथ ही उनको आजीविका का अवसर प्राप्त हो सकेगा।
एक कृषि आदर्श ग्राम का कलस्टर कम से कम 10 हेक्टेयर का होगा। आत्मा के उप परियोजना निदेशक गंगेश कुमार चौधरी ने बताया कि कृषि आदर्श ग्राम का गठन होने के बाद मॉडल के रूप में कृषि विभाग के द्वारा विकसित किया जाएगा। इससे अन्य गांव के किसान भी देखकर अपना सकेंगे।
चयन में स्थानीय जनप्रतिनिधि की सहमति जरूरी:
जिले में आदर्श कृषि गांव के चयन को लेकर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारियों के साथ-साथ कृषि समन्वयक को कृषि आदर्श ग्राम का चयन जल्द से जल्द कर विभाग को चयनित गांवों की सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है।
चयन के दौरान स्थानीय जनप्रतिनिधियों से राय लेने का भी निर्देश दिया गया है। ताकि चयनित गांव को लेकर किसी तरह की समस्या उत्पन्न नहीं हो सके।
समेकित कृषि प्रणाली को माडल गांव करेगा प्रदर्शित:
कृषि आदर्श गांव जिले के सभी 20 प्रखंडों में बनाया जाएगा। चयनित गांव में समेकित कृषि प्रणाली को विकसित किया जाएगा। इसको लेकर 10-10 एकड़ का कलस्टर बनाया जाएगा। प्रत्येक एक कलस्टर में कम से कम 100 किसानों को शामिल किया जाएगा।
कृषि आदर्श ग्राम में कृषि उद्यानीकरण, सब्जी उत्पादन, मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन, पशुपालन, मत्स्य पालन, चारा उत्पादन, डेयरी विकास, जैविक खेती, जड़ी बूटी सुगंध पौधा उत्पादन पर जोर दिया जाएगा।
किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में हो रही पहल:
कृषि आदर्श गांव का चयन होने के उपरांत यहां कम से कम 100 किसानों का समूह बनाकर कलस्टर तैयार किया जाना है। वित्तीय वर्ष 2025-26 की कार्य योजना के तहत किसानों की आय बढ़ाना मुख्य उद्देश्य है।
इसी के तहत कृषि आदर्श गांव की योजना लाई गई है। योजना के तहत किसानों की उपज का सही मूल्य दिलाना एवं किसानों के खेतों में वर्ष भर फसल लगे रहने जैसे प्रयास किए जाएंगे।

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