Bihar Police News: समस्तीपुर में खाकी वर्दी पर दाग, रिश्वत के आरोप में SP ने ASI को किया सस्पेंड
पटोरी में रिश्वतखोरी के आरोप में एएसआई मृत्युंजय कुमार को निलंबित कर दिया गया है। एसपी अशोक मिश्रा ने भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति बताई है। वायरल वीडियो में एएसआई रिश्वत लेते दिखे थे जिसकी जांच में पुष्टि हुई। पटोरी में पहले भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जिससे पुलिस की छवि खराब हुई है।

संवाद सहयोगी, शाहपुर पटोरी। पटोरी में एक बार फिर खाकी वर्दी दागदार हो गई। पुलिस अधीक्षक अशोक मिश्रा ने रिश्वत लेने के आरोप में सहायक अवर निरीक्षक (एएसआई) मृत्युंजय कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। पटोरी के लिए यह बात कोई नई नहीं है। एक वर्ष के अंदर पुलिस अधिकारी सहित तीन पुलिस कर्मियों पर निलंबन की कार्रवाई की जा चुकी है।
केस में पैरवी करने के नाम पर धन की उगाही की बात तो यहां सामान्य थी ही किंतु कुछ पुलिस कर्मियों ने मानवीय मूल्यों की मर्यादाओं का खुल्लम खुल्ला उल्लंघन करते हुए पैरवी के लिए यौन शोषण भी किया। पिछले दिनों एएसआई मृत्युंजय कुमार का एक वीडियो वायरल हुआ था।
जिसमें पटोरी थाना अंतर्गत इस्लाइलपुर लगुनियां में मारपीट के एक केस में रिश्वत लेने की बात सामने आई थी। एसपी ने दावा किया है कि पुलिस प्रशासन में किसी भी तरह के भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और मामला सत्य पाए जाने पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी।
वायरल वीडियो की जांच में सत्यता की हुई पुष्टि:
वायरल वीडियो की जांच का आदेश एसपी ने पटोरी डीएसपी वीरेंद्र कुमार मेधावी को दिया था। डीएसपी ने जांचोपरांत वायरल वीडियो की सत्यता की पुष्टि करते हुए रिपोर्ट दी। इस पर एसपी ने कार्रवाई करते हुए निलंबित कर दिया। पटोरी में इससे पूर्व पीटीसी नवीन कुमार सिंह का भी निलंबन हो चुका है।
इन पर वाहन चेकिंग के क्रम में जनता के साथ अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाया गया था और जांच के बाद इसकी पुष्टि भी हुई थी। सबसे बड़ी बात यह की पटोरी थाना में पदस्थापित दरोगा बलाल खां के द्वारा केस में पैरवी के लिए यौन शोषण करने का एक वीडियो वायरल हुआ था।
वीडियो में केस की पैरवी के नाम पर दारोगा द्वारा एक महिला से अश्लील हरकत करते हुए वीडियो वायरल हो गया था। जब इस वायरल वीडियो की जांच की गई और मामले को सत्य पाए जाने पर उन्हें भी तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था।
इससे पहले भी पटोरी थाना के दो पुलिस कर्मियों पर निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की कार्रवाई की गई थी और रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ने के बाद उन्हें हिरासत में लिया गया था।
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