गले में इंफेक्शन, खांसी व वायरल बुखार के बढ़ रहे मरीज, तापमान में लगातार हो रहे उतार-चढ़ाव ने बढ़ाई परेशानी
बदलते मौसम के कारण सदर अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ गई है। उमस भरी गर्मी और तापमान में उतार-चढ़ाव से सर्दी खांसी बुखार और वायरल संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। डॉक्टरों ने सावधानी बरतने साफ-सफाई रखने और प्रोटीन व फाइबर युक्त भोजन करने की सलाह दी है ताकि रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे।

जागरण संवाददाता, समस्तीपुर। जिले में मौसम का मिजाज लगातार बदल रहा है। कभी आसमान में बादल तो कभी चिलचिलाती धूप और उमस ने लोगों को बेहाल कर दिया है। जिले भर में उमस भरी गर्मी का असर दिनभर महसूस किया गया।
बारिश के बाद तेज धूप और फिर बढ़ती उमस से हर कोई परेशान है, जिसका लोगों की सेहत पर सीधा असर पड़ रहा है। तापमान में लगातार हो रहे उतार-चढ़ाव के चलते सदर अस्पताल और निजी क्लीनिक की ओपीडी में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है।
सदर अस्पताल के फिजिशियन ओपीडी में 270 से 300 लोग इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। इनमें सर्दी, खांसी, बुखार, सिर दर्द, उल्टी और दस्त जैसे लक्षणों से पीड़ित मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है।
शहर के प्रमुख अस्पतालों में ओपीडी मरीजों की संख्या में 20 प्रतिशत तक इजाफा हुआ है। सदर अस्पताल से लेकर निजी अस्पतालों में सर्दी-खांसी, बुखार, पेट दर्द, उल्टी, डायरिया, स्किन इंफेक्शन और वायरल फीवर के मरीज बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं।
सिविल सर्जन डा. एसके चौधरी ने बताया कि इस मौसम में सावधानी न बरती जाए, तो संक्रमण तेजी से फैल सकता है। मौसम लोगों की सेहत पर बुरा असर डाल रहा है।
प्रोटीन व फाइबर से लेना चाहिए भरपूर डाइट
ईएनटी विशेषज्ञ डा. सैयद मेराज इमाम ने साफ-सफाई बनाए रखने और खानपान पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी है। मौसम में लगातार उतार-चढ़ाव के चलते गले में इंफेक्शन के कारण खांसी व सर्दी-जुकाम के साथ ही वायरल बुखार और जोड़ों में दर्द के मरीजों में अधिक इजाफा हुआ है।
मौसमी बीमारियों से बचने के लिए लोगों को चाहिए की बारिश के दौरान ठंडी चीज कम खाएं और ठंडे एसी के कमरे से निकलकर अचानक धूप में न जाएं। लोगों को प्रोटीन व फाइबर से भरपूर डाइट लेना चाहिए।
प्रभावित होने लगती है रोग-प्रतिरोधक क्षमता
इम्युन सिस्टम हमारे शरीर का एक सुरक्षा तंत्र है। मौसम में बदलाव होने से शरीर का प्रतिरोधक क्षमता सबसे ज्यादा प्रभावित होता है। जब मौसम में बदलाव होता है तो अलग-अलग तरह के बैक्टीरिया वायरस तापमान के अनुसार सक्रिय हो जाते हैं, जो शरीर पर आक्रमण करते हैं।शरीर का इम्युन सिस्टम कमजोर होगा, तो बैक्टीरिया आसानी से शरीर को कमजोर करना शुरू कर देता है। इससे लोगों को अधिक सावधान रहना चाहिए।
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