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    Samastipur News: जीविका समूह के बकाया से बैंक परेशान, समय से पैसे नहीं लौट रही महिलाएं

    समस्तीपुर में जीविका सदस्यों को साहूकारों से बचाने के लिए बैंक खाते खुलवाए गए परन्तु कई खाते निष्क्रिय हो गए हैं। बहादुरपुर के बिहार ग्रामीण बैंक शाखा में 128 खाते बकाया श्रेणी में हैं और एक एनपीए है। लक्ष्मी जीविका का खाता निष्क्रिय है। बैंक मित्रा पर अनियमितता के आरोप हैं। शाखा प्रबंधन ने नवीनीकरण और वसूली पर जोर दिया है।

    By Mukesh Kumar Edited By: Nishant Bharti Updated: Sun, 24 Aug 2025 03:50 PM (IST)
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    जीविका समूह के खातों में बढ़ा बकाया, बैंक प्रबंधन परेशान(फाइल फोटो)

    मनीष कुमार, समस्तीपुर। जीविका सदस्य अपनी व्यावसायिक जरूरतों को पूरा करने के लिए साहूकारों के कर्ज पर निर्भर न हो इसके लिए बैंक में खाता खोल खोलने की सुविधा दी गई। ताकि वहां से आसानी से ऋण लेकर वे अपने व्यवसाय को आगे बढ़ा आर्थिक रूप से मजबूत हो सकें। लेकिन, जीविका समूह से जुड़े बैंक खातों की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है।

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    समस्तीपुर जिले के बहादुरपुर स्थित बिहार ग्रामीण बैंक शाखा में संचालित जीविका समूहों के खातों में बकाया राशि दिनों दिन बढ़ती जा रही है। शाखा में कुल 189 खाते जीविका से जुड़े हैं। इसमें से करीब 128 खाते लंबे समय से जमा और नवीनीकरण का कार्य नियमित रूप से नहीं होने के कारण बकाया की श्रेणी में चले गए हैं और एक खाता नान परफार्मिंग एसेट (एनपीए) है।

    जीविका समूहों के खातों में बकाया राशि का दबाव दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। इस शाखा में लक्ष्मी जीविका का खाता (संख्या 39780510002110) पिछले कई माह से निष्क्रिय है। समय पर भुगतान और नवीनीकरण न होने के कारण यह खाता पीएनपीए से अब एनपीए की श्रेणी में आ गया है। बैंक अधिकारियों का कहना है कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई तो और भी कई खाते डूबने की स्थिति में पहुंच सकते हैं।

    बैंक मित्र पर अनियमितता का आरोप

    शाखा में कार्यरत बैंक मित्रा सुमन कुमारी पर भी वित्तीय अनियमितता के आरोप लग रहे हैं। जीविका समूह से जुड़ी महिलाओं का आरोप है कि उनके लेन-देन में पारदर्शिता नहीं बरती जा रही है। एक जीविका महिला संगठन ने उन्हें शाखा में प्रवेश नहीं करने का निर्देश भी जारी किया है। महिलाओं का कहना है कि जब तक जांच पूरी नहीं होती, तब तक उन्हें शाखा से दूर रखा जाए।

    बहादुरपुर ग्रामीण बैंक शाखा प्रबंधन ने इस स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा है कि सभी खातों का नवीनीकरण और बकाया की वसूली जल्द की जानी चाहिए, ताकि महिला समूहों की वित्तीय स्थिति मजबूत बनी रहे और बैंकिंग व्यवस्था पर लोगों का विश्वास कायम रहे। साथ ही बैंक मित्रा पर लगे आरोपों की जांच कर जल्द स्थिति स्पष्ट करने की भी जरूरत बताई गई है।