उत्तर बिहार की होगी चांदी! 50 साल बाद सपने को मिलेगी मंजिल, जल्द पूरा होगा 81 KM लंबा रेलवे प्रोजेक्ट
पांच दशक से लंबित हसनपुर-सकरी रेल परियोजना मार्च 2027 तक पूरी होने की उम्मीद है। 81 किलोमीटर लंबी यह लाइन उत्तर बिहार और मिथिलांचल के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। 1974 में शुरू हुई इस परियोजना में कई बदलाव हुए। फिलहाल बिथान से कुशेश्वरस्थान तक का कार्य तेजी से चल रहा है। इसके पूरा होने से समस्तीपुर-खगड़िया रेलखंड का महत्व बढ़ेगा और स्थानीय लोगों को लाभ होगा।
संवाद सहयोगी, बिथान। पांच दशक से लंबित पड़ी हसनपुर-सकरी रेल परियोजना अब अपने अंतिम चरण में है। रेलवे ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना को मार्च 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया है। इसके पूरे हो जाने पर न केवल उत्तर बिहार बल्कि पूरे मिथिलांचल के लोगों को बड़ा फायदा मिलेगा। यह रेल लाइन क्षेत्र के विकास की जीवनरेखा साबित होगी।
ज्ञात हो कि इस परियोजना की शुरुआत 1974 में तत्कालीन रेल मंत्री ललित नारायण मिश्रा ने छोटी लाइन के रूप में की थी। इसके बाद 1996 में तत्कालीन रेल मंत्री रामविलास पासवान ने बड़ी रेल लाइन परियोजना का शिलान्यास किया। तब से लोगों में उम्मीद जगी कि यह लाइन उत्तर बिहार को नई पहचान देगी, लेकिन कई उतार-चढ़ावों के बाद भी यह सपना अधूरा ही रह गया।
रेलवे ने दो वर्ष पूर्व परियोजना के एलाइनमेंट में बदलाव किया है। अब हसनपुर-सकरी 79 किलोमीटर के स्थान पर 81 किलोमीटर लंबी लाइन बनेगी। पर्यावरण विभाग और रेलवे बोर्ड से भी संशोधित प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। इसके बाद हसनपुर से कुशेश्वरस्थान की दूरी 19 किलोमीटर से बढ़कर 21 किलोमीटर हो जाएगी।
रेलवे के अनुसार, बिथान से कुशेश्वरस्थान तक का कार्य तेजी से जारी है, जो मार्च 2027 तक पूरा कर लिया जाएगा। इस खंड में 9 पुलों का निर्माण होना है, जिनमें से 3 का काम पूरा हो चुका है। साथ ही, बिथान और कौराही से हरिनगर तक का कार्य पूरा होने के बाद ही परियोजना का पूरा स्वरूप सामने आएगा।
गौरतलब है कि 2008 में सकरी से बिरौल तक ट्रेन परिचालन शुरू हुआ था और 2018 में बिरौल से हरिनगर तक ट्रेनें चलीं। मार्च 2023 में हसनपुर से बिथान तक सीआरएस ट्रायल हुआ। जिसके बाद अप्रैल 2025 से प्रतिदिन एक लोकल ट्रेन का परिचालन शुरू हुआ। हसनपुर रोड रेलवे स्टेशन को जंक्शन का दर्जा मिल गया है, लेकिन फिलहाल लंबी दूरी की ट्रेनों का नियमित परिचालन शुरू नहीं हो पाया है।
इस परियोजना के पूरा हो जाने पर समस्तीपुर-खगड़िया रेलखंड का महत्व और बढ़ जाएगा। इस परियोजना में कुल दस स्टेशन होंगे। हसनपुर, बिथान, कौराही, हरिनगर, बिरौल, नेउरी, बेनीपुर, जगदीशपुर, कुशेश्वरस्थान और सकरी।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि मार्च 2027 तक काम पूरा हो जाता है, तो यह न केवल आवागमन को सरल बनाएगा, बल्कि व्यापार, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को भी नई गति देगा। मिथिलांचल के लिए यह परियोजना एक लंबे इंतजार के बाद नई सुबह की तरह होगी।
परियोजना पर कार्य जारी है। 2027 तक हसनपुर-सकरी रेल परियोजना पूरा होने की उम्मीद है। - सरस्वती चंद्र, रेलवे अधिकारी
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