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    Samastipur News: पांच दिवसीय पल्स पोलियो अभियान शुरू, 7.06 लाख बच्चों को खुराक पिलाने का लक्ष्य

    By Prakash Kumar Edited By: Ajit kumar
    Updated: Wed, 17 Dec 2025 05:54 PM (IST)

    समस्तीपुर में पांच दिवसीय पल्स पोलियो अभियान का शुभारंभ सिविल सर्जन ने किया। इस दौरान 7.06 लाख बच्चों को खुराक पिलाने का लक्ष्य रखा गया है। जिले में 2 ...और पढ़ें

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    सदर अस्पताल में सिविल सर्जन ने नवजात को खुराक पिलाकर अभियान का किया शुभारंभ। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, समस्तीपुर।Samastipur News : पांच दिवसीय पल्स पोलियो अभियान का शुभारंभ सिविल सर्जन डा. एसके चौधरी ने मंगलवार को सदर अस्पताल में नवजात को खुराक पिलाकर किया।

    सिविल सर्जन ने कहा कि कि वे अपने बच्चों को जन्म से लेकर पांच वर्ष तक पोलियो की वैक्सीन अवश्य पिलाएं। इसके साथ ही, बच्चों को नियमित टीकाकरण के सभी टीकों को समय पर लगवाने की भी सलाह दी।

    उन्होंने सख्त रूप से सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं चिकित्सा पदाधिकारी को अभियान की मानिटरिंग करने का निर्देश दिया ताकि अभियान में निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप शत-प्रतिशत उपलब्धि मिल सके।

    उन्होंने कहा कि लापरवाही बरतने वाले चिकित्सा पदाधिकारी एवं कर्मियों के वेतन पर रोक लगाई जाएगी। पांच दिनी पल्स पोलियो अभियान 16 से 20 दिसंबर तक चलेगा। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा. विशाल कुमार ने कहा कि पल्स पोलियो का ड्राप जन्म के समय ही दी जाती है, और इसके अलावा छह, 10 और 14 सप्ताह पर भी यह ड्राप दी जाती है।

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    इसकी बूस्टर खुराक 16 से 24 महीने में दी जाती है। मौके पर सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डा. गिरीश कुमार, डा. आरपी मंडल, यूनिसेफ एसएमसी नकी शेर, यूएनडीपी वीसीसीएम खालिद इरफान, डीआईओ कार्यालय के डीईओ चंदन कुमार सहित अन्य मौजूद रहे।

    खुराक पिलाने के लिए लगाया गया 2481 दल 

    विभाग की ओर से आठ लाख 70 हजार 867 घरों में सात लाख छह हजार 602 बच्चों को खुराक पिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। पोलियो खुराक पिलाने का लक्ष्य पूरा करने के लिए जिले में 2440 दल को लगाया गया है। जिसमें घर-घर दल में 2069, ट्रांजिट दल में 221, मोबाइल दल में 94, वन मैन दल में 56 को लगाया गया है।

    दल की निगरानी करने के लिए 775 सुपरवाइजर, सब डिपो में 125 को तैनात किया गया है। दरअसल, भारत में तो पोलियो के उन्मूलन के दावे किए गए। पिछले कई वर्षों से इस तरह का एक भी मामला सामने नहीं है।

    डब्लूएचओ की ओर से भी इसके बारे में कहा गया है कि भारत में इसका खतरा कम है। लेकिन, पड़ोसी देशों नेपाल, बांग्लादेश, पाकिस्तान और भूटान में इसके मामले पूरी तरह से खत्म नहीं हुए है। ऐसे में इस बात की आशंका हमेशा बनी रहती है कि एक बच्चे से संक्रमण किसी भी रूप में भारत आ सकता है। इसलिए समय समय पर पोलियो वैक्सीन बच्चों को दिव्यांगता से बचाने के लिए दिया जाता है।