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    Bihar News: बिहार के इस जिले में सहकारिता विभाग का अजब-गजब कारनामा, गायब धान पहुंचा राइस मिल

    Updated: Fri, 20 Jun 2025 04:15 PM (IST)

    समस्तीपुर में सहकारिता विभाग का कारनामा उजागर हुआ है। वासुदेवपुर पैक्स की जांच में किसानों से खरीदा धान गायब मिला। बीसीओ ने गबन की रिपोर्ट दी डीसीओ ने प्राथमिकी का आदेश दिया पर वह दर्ज नहीं हुई। बताया गया कि मिलर की मनमानी से धान का उठाव नहीं हो रहा वे औने-पौने दामों पर धान मांग रहे हैं।

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    सहकारिता विभाग के अजब गजब कारनामा, गायब धान पहुंचा राइस मिल

    जागरण संवाददाता, समस्तीपुर। सहकारिता विभाग का अजब गजब कारनामा सामने आया है। डीएम की सख्ती के बाद विभाग ने चावल जमा नहीं करने वाले पैक्सों का भौतिक सत्यापन शुरू की। इस दौरान वासुदेवपुर पैक्स की भी जांच की गई। जांच के क्रम में किसानों से खरीदा धान गायब मिला।

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    बीसीओ ने इस संबंध में एक रिपोर्ट बनाकर जिला सहकारिता पदाधिकारी को अवगत कराया। उक्त रिपोर्ट में बीसीओ द्वारा धान के गबन किए जाने की बात कही गई। डीसीओ ने तत्काल कार्रवाई करते हुए 24 घंटे के भीतर पैक्स समिति के अध्यक्ष के विरुद्ध अधिप्राप्ति धान के गबन के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया।

    बाद में प्राथमिकी दर्ज करने को जारी समय सीमा समाप्त हो गई। पैक्स अध्यक्ष पर प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई जा सकी। यहां तक कि इसकी शिकायत भी पुलिस से नहीं की गई। पूछे जाने पर कल्याणपुर बीसीओ धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि जांच के दौरान धान गायब मिली थी। उस समय अध्यक्ष ने इसका स्पष्ट जबाव नहीं दिया था।

    प्राथमिकी का आदेश निकाले जाने बाद में पैक्स अध्यक्ष द्वारा धान को मिल में प्राप्त कराने से संबंधित रसीद उपलब्ध करा दिया गया है। इससे यह मामला गबन का नहीं बन रहा। मिलर द्वारा जल्द ही धान के बदले चावल की आपूर्ति किए जाने की बात कही गई है। यही वजह रही कि प्राथमिकी की कार्रवाई नहीं संभव हो सकी।

    उन्होंने बताया कि उक्त आदेश पैक्स अध्यक्ष पर दबाव बनाने को निकाली गई थी। ताकि, ससमय चावल की आपूर्ति संभव हो सके।

    जांच रिपोर्ट में क्या कहा:

    भौतिक जांच के बाद जिला कार्यालय को दिए रिपोर्ट में बताया गया कि पैक्स ने 126. 625 एमटी धान की खरीद की। इसके बदले 87 एमटी सीएमआर की आपूर्ति राज्य खाद्य निगम को आपूर्ति की जानी है। समिति द्वारा 29 एमटी ही सीएमआर की आपूर्ति की गई। समिति का निर्गत स्वीकृत्यादेश भी 135 दिनों से लंबित है।

    समिति द्वारा अध्यावधि तक सीएमआर आपूर्ति नहीं किया गया। धान के भौतिक निरीक्षण के दौरान किसानों से खरीद की गई धान का गबन परिलक्षित होता है। बाद में डीसीओ ने प्राथमिकी के आदेश दिए। बताया गया कि वासुदेवपुर पैक्स का धान लक्ष्मी राइस मिल में पड़ा है।

    अब भी पैक्स पर पड़ा है धान, मिलर की मनमानी से अध्यक्ष परेशान:

    किसानों से खरीदा गया धान अब भी कई पैक्स पर रखा है। इसका उठाव मिलर के द्वारा नहीं किए जाने की बात भी सामने आ रही। बताया गया कि कुछ मिलर इसमें अपनी मनमानी कर रहे। जबकि, पैक्स अध्यक्ष ने सही और दुरुस्त ढंग से धान की खरीदारी की। बताया गया कि मिलर धान को औने-पौने दामों पर पैक्स अध्यक्ष से मांग रहे, जबकि बदले में चावल वे तय दर के हिसाब से देने की बात कह रहे।

    यही वजह रही कि अब तक मिलर के द्वारा धान और सावल का सही ढंग से हिसाब किताब नहीं हो पा रहा। नाम नहीं छापने की शर्त पर एक पैक्स अध्यक्ष ने बताया कि उन्हें जिस मिल से टैंग किया गया वह बीस रुपये प्रति किलो की दर से धान मांग रहा। बाद में तय दर से चावल की आपूर्ति किए जाने की बात कह रहा। इससे यह प्रतीत हो रहा कि धान के बदले चावल देने में बड़ा खेल बदस्तूर जारी है।

    जांच के दौरान धान गायब मिला था। उस समय अध्यक्ष ने इसका स्पष्ट जबाव नहीं दिया था। प्राथमिकी का आदेश निकाले जाने बाद पैक्स अध्यक्ष द्वारा धान को मिल में प्राप्त कराने से संबंधित रसीद उपलब्ध करा दिया गया है। इससे यह मामला गबन का नहीं बन रहा। धर्मेंद्र कुमार, बीसीओ, कल्याणपुर