Samastipur News: घर में चल रहा आंगनबाड़ी केंद्र का फटा पर्दा बना काल का फंदा, बच्ची की मौत
बिहार के कल्याणपुर में एक दुखद घटना घटी। आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 98 में फटे पर्दे में सर फंसने से आठ साल की बच्ची लक्ष्मी कुमारी की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि घटना के समय सेविका मौजूद नहीं थी और सहायिका केंद्र चला रही थी। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच कर रही है।

संवाद सहयोगी, कल्याणपुर (समस्तीपुर)। कल्याणपुर प्रखंड क्षेत्र की क्लौंजर पंचायत के छोटी सलहा गांव के वार्ड 10 में घर में चल रहा आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 98 का फटा पर्दा एक बच्ची के लिए मौत का फंदा बना गया। फटे पर्दे में गर्दन फंसने से उसकी मौत हो गई।
इसमें आंगनबाड़ी सेविका अनीता की लापरवाही सामने आई है। पांच वर्ष पहले पंचायत समिति की ओर से भवन निर्माण कराने के बाद भी वह अपने घर पर ही इसका संचालन कर रही थीं।
छोटी सलहा वार्ड 10 निवासी अखिलेश ठाकुर की पुत्री लक्ष्मी कुमारी (8) अपनी छोटी बहन वैष्णवी के साथ सुबह आंगनबाड़ी केंद्र चली गई। वहां गेट में लगा पर्दा फटा होने की वजह से उससे लटक कर खेलने लगी। इसी दौरान उसकी गर्दन पर्दे के बीच फंस गई।
पर्दा कसने से दम घुटने की वजह से उसकी मौत हो गई। सूचना पर ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। बताया जाता है कि आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका अनीता घटना के समय मौजूद नहीं थीं। उनके घर में ही इसका संचालन होता है, लेकिन वह समस्तीपुर में रहती हैं। वहीं से प्रतिदिन केंद्र का संचालन करने आती हैं।
सहायिका दया देवी मौके पर मौजूद थीं। पुलिस निरीक्षक सदर नीरज कुमार ने घटनास्थल का मुआयना किया। थानाध्यक्ष मनीष कुमार ने बताया कि स्वजन की ओर से अभी तक आवेदन नहीं मिला है। आवेदन मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। पोस्टमार्टम के बाद में स्वजन को शव सौंप दिया गया है।
समस्तीपुर से आती हैं सेविका
ग्रामीणों का कहना है कि सेविका समस्तीपुर से आती हैं और मनमाने ढंग से केंद्र का संचालन करती हैं। मुखिया दिनेश पासवान ने बताया कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी। उनके कार्यकाल से पहले भवन का निर्माण हुआ था। ग्रामीणों ने आज इससे अवगत कराया है। पदाधिकारियों से बात कर भवन में केंद्र को संचालित कराने की दिशा में पहल होगी।
बीडीओ बोले-हादसे की होगी जांच
घटना के बाद में आंगनबाड़ी की जिम्मेदारी पदाधिकारी स्थानीय बाल विकास परियोजना पदाधिकारी मीरा कुमारी ने चुप्पी साध ली। उनसे संपर्क की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन काट दिया। बीडीओ देवेंद्र कुमार ने बताया कि घटना की सूचना मिली है। भवन के संदर्भ में उन्हें अधिक नहीं पता है। जानकारी ली जा रही है। घटना की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई के लिए रिपोर्ट भेजी जाएगी।
पिता चलाते सैलून, घर में मचा कोहराम
पिता अखिलेश ठाकुर गांव में ही सैलून चलाते हैं। वह उनकी मंझली पुत्र थी। उन्हें लक्ष्मी के अलावा एक पुत्र रितेश कुमार (13), अंजली कुमारी (10) और वैष्णवी (5) वर्ष है। बच्ची की मौत की जानकारी मिलते ही स्वजन में कोहराम मच गया। दादी सुमित्रा देवी ने बताया कि छोटी पोती के साथ उसकी लक्ष्मी भी गई थी। उसे पता होता कि उसकी लक्ष्मी चली जाएगी तो उसे जाने ही नहीं देतीं। मां पिंकी देवी, चाची रीता देवी आदि लगातार बिलख रही थीं।
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