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    Samastipur News: 49 हजार को मिला कार्ड, यूडीआईडी से संवर रहा दिव्यांगों का भविष्य

    By Prakash Kumar Edited By: Ajit kumar
    Updated: Sat, 08 Nov 2025 05:09 PM (IST)

    समस्तीपुर जिले में 49 हजार से अधिक दिव्यांगों को यूडीआईडी कार्ड जारी किए गए हैं, जो राज्य में सबसे अधिक हैं। यह कार्ड दिव्यांगों को सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में सहायक है। ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया सरल होने से दिव्यांगों को आसानी हो रही है। यूडीआईडी कार्ड एक विशिष्ट पहचान प्रदान करता है और विभिन्न लाभों को प्राप्त करने में मदद करता है।

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    यह तस्वीर जागरण आर्काइव से ली गई है।

    जागरण संवाददाता, समस्तीपुर।दिव्यांगों को सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में किसी प्रकार की समस्या न हो इसके लिए प्रमाणित दिव्यांगों को यूडीआईडी कार्ड (यूनिक आईडी फार पर्सन विद डिसेबिलिटी) जारी किया जा रहा है।

    समस्तीपुर जिला में 49 हजार 952 दिव्यांग को कार्ड जारी किया गया है। यह राज्य में सर्वाधिक है। जबकि, पश्चिम चंपारण जिला ने 28 हजार 512 कार्ड के साथ द्वितीय एवं पटना ने 25 हजार 762 के साथ तृतीय स्थान प्राप्त किया।

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    समस्तीपुर जिला में कुल 81 हजार 416 दिव्यांग है। इसमें अब तक यूडीआईडी कार्ड के लिए 53 हजार 192 ने आवेदन किया है। इसमें जांच के लिए मात्र 5079 कार्ड लंबित है।

    इस कार्ड की विशेषता है कि दिव्यांग देश के किसी भी कोने में राज्य व केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ ले सकते हैं। दिव्यांग व्यक्तियों के लिए कई प्रकार की सुविधाएं प्रदान की जा रही है।

    केंद्र सरकार दिव्यांग के सशक्तिकरण विभाग द्वारा दिव्यांगों को यूनिक दिव्यांगता आईडी कार्ड और दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी करती है। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा. विशाल कुमार ने बताया कि शरीर के किसी भी अंग से दिव्यांग है, वैसे लोगों को जांच होने पर प्रतिशत कार्ड दिया है। इसके बाद उनका यूडीआईडी बनाकर दिया जाता है।

    सरल हो गई कार्ड बनाने की प्रक्रिया

    सिविल सर्जन डा. एसके चौधरी ने बताया कि यूडीआईडी कार्ड बनाने के लिए अब प्रक्रिया भी आसान कर दी गई है। दिव्यांगों को प्रमाण पत्र व यूडीआईडी कार्ड के लिए ज्यादा भाग-दौड़ करने की आवश्यकता नहीं है। इसके लिए कहीं से भी आनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

    आनलाइन करने के बाद एक स्लिप दिया जाएगा, इसपर निबंधन नंबर रहेगा।इस कार्ड के द्वारा सभी दिव्यांगों को एक विशिष्ट पहचान दी जाती है और इसके द्वारा सभी को एक यूडीआईडी नंबर दिया जा रहा है। इस स्मार्ट कार्ड में ही दिव्यांग से संबंधित सभी जानकारी उपलब्ध रहती है और यह जानकारी आनलाइन रहती है। इससे सभी दिव्यांग सभी प्रकार की सुविधाएं प्राप्त कर सकते हैं।


    कार्ड से मिलने वाले लाभ

    दिव्यांगों को कहीं भी ज्यादा दस्तावेजों को ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। कार्ड से ही जरूरी जानकारी मिल जाएगी। एकल दस्तावेज के रूप में काम करेगा और उन्हें सरकार और निजी संगठनों की ओर से दिए जाने वाले विभिन्न लाभों और विशेषाधिकारों को प्राप्त करने में मदद करेगा। यूडीआईडी कार्ड गांव, प्रखंड, जिला, राज्य और राष्ट्रीय सहित कार्यान्वयन के सभी स्तरों पर लाभार्थियों की भौतिक और वित्तीय सफलता को ट्रैक करता है।