Samastipur News: डेढ़ हजार मीट्रिक टन मछली उत्पादन में वृद्धि, हब बनने की ओर अग्रसर
समस्तीपुर जिला मछली उत्पादन का केंद्र बनता जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में उत्पादन बढ़कर 25.55 हजार मीट्रिक टन हो गया है, और 2025-26 में 27.43 हजा ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, समस्तीपुर। जिले में मछली उत्पादन में लगातार हो रही वृद्धि से समस्तीपुर मत्स्यपालन का हब बनने की ओर अग्रसर है। जिले में वित्तीय वर्ष 2023-24 में 23.75 हजार मीट्रिक टन मछली का उत्पादन हुआ था, जबकि 2024-25 में इसे बढ़ाकर 25.55 हजार मीट्रिक टन का उत्पादन हुआ था। वही वर्ष 2025-26 में 27.43 हजार मीट्रिक टन का उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।
जिसमें इस वर्ष नवंबर माह तक 19.41 हजार मीट्रिक टन का उत्पादन हो चुका है। यह वृद्धि जिले में मत्स्य पालन को और सशक्त बना रही है। जिले में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए आधुनिक तकनीकों और सरकारी योजनाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है।
जल संसाधनों के बेहतर उपयोग से स्थानीय उत्पादन में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे जिले की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है। जिले में 1257 मत्स्य जलकर के अंतर्गत 3014.72 हेक्टेयर जल क्षेत्र में मछली पालन किया जा रहा है।
इसमें रोहू, नैनी, ग्रास कार्प, सिल्वर कार्प और पंगेसियस जैसी प्रमुख प्रजातियां शामिल हैं। जिले की 60 से 70 प्रतिशत जनसंख्या मछली का सेवन करती है, जिससे प्रतिदिन 75 से 80 मीट्रिक टन मछली की खपत होती है। स्थानीय उत्पादन के बावजूद 8 से 10 मीट्रिक टन मछली आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल से आयात करनी पड़ती है।
698 लाभुक विभिन्न योजनाओं से हुए लाभान्वित:
मत्स्य पालन को बढ़ावा देकर मत्स्यपालकों के आय में वृद्धि करने को लेकर केंद्र व राज्य सरकार की कई योजनाएं संचालित है। इस वर्ष 698 मत्स्य किसान इस वर्ष विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित हुए हैं। वहीं, पिछले वर्ष कुल 1040 से अधिक लाभुक लाभान्वित हुए थे।
नीली क्रांति योजना को सशक्त बनाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अलावे सात निश्चय के तहत अलंकारी थोक, खुदरा, ब्रीडर, शौकिया पालनकर्ता व्यवसायी को अलंकारी आधारभूत संरचना व संवर्धन इकाइयों का सुदृढ़ीकरण व इस व्यवसाय से जुड़े लोगो को सहायता पहुंचा कर इस कारोबार को सतत व टिकाऊ बनाने के उद्देश्य से समग्र अलंकारी मात्स्यिकी योजना के तहत थोक अलंकारी मत्स्य संवर्धन व विपणन, अलंकारी मत्स्य प्रजनन इकाई व अलंकारी मत्स्य इकाई सहायता योजना से लाभान्वित कराया जा रहा है।
जिले में मछली पालन की अपार संभावना है। मत्स्य पालन के क्षेत्र में खासकर युवा पीढ़ी भी जागरूक हो रहे है। इनकी जागरूकता को लेकर सरकारी स्तर से प्रशिक्षण व भ्रमण के साथ-साथ विभिन्न योजनाओं से उन्हें लाभान्वित भी कराया जा रहा है, ताकि मत्स्य पालन को बढ़ावा देते हुए मत्स्यपालकों की आय में वृद्धि किया जा सके। - मो. नियाजुद्दीन, जिला मत्स्य पदाधिकारी समस्तीपुर

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