गुरुगृह गए पढ़न रघुराई, अल्पकाल विद्या सब पाई
महाराज दशरथ ने राम सहित चारों भाइयों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए गुरु वशिष्ठ के आश्रम में भेजा। वहां पर गुरु की कृपा से अल्प अवधि में ही चारों भाइयों ने सभी प्रकार की विद्या प्राप्त कर ली।
समस्तीपुर । महाराज दशरथ ने राम सहित चारों भाइयों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए गुरु वशिष्ठ के आश्रम में भेजा। वहां पर गुरु की कृपा से अल्प अवधि में ही चारों भाइयों ने सभी प्रकार की विद्या प्राप्त कर ली। 'गुरुगृह गए पढ़न रघुराई। अल्पकाल विद्या सब पाई।।' उक्त बातें उज्जैन से पधारी रामकथा वाचिका प्रभुप्रिया ने प्रवचन करते हुए गुरुवार को कहीं। पूसा प्रखंड के श्रीरामपुर अयोध्या गांव में नौ दिवसीय रामकथा ज्ञान महायज्ञ के पांचवें दिन कथा को विस्तार देते हुए प्रभु श्रीराम के बाल लीलाओं का संगीतमय कथा श्रवण कराया। कहा कि राम खेल में अपने अनुजों को जीता कर स्वयं हारते हैं। यह राम की उदारता है।अपने से छोटे को प्रोत्साहित करना राम का शील, स्वभाव है। लोक मंगल के लिए विश्वामित्र के यज्ञ की रक्षा के लिए जाते हैं। गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या का उद्धार करते हैं। यज्ञ रक्षा के लिए असुर ताड़का एवं सुबाहु का वध करते हैं। मारीच को बिना फन के वाण से ही काफी दूर फेंक देते हैं। कथा पंडाल में डॉ. नवल किशोर चौधरी के नेतृत्व में राम के बाल काल की नयनाभिराम झांकी सजाई गई। श्रोताओं की उमड़ी भीड़ झांकी देखकर मंत्रमुग्ध हो गई। वहीं रामकथा की गंगा में गोते लगाते रही।
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