Pusa Agricultural University Convocation: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान पहुंचे, कुलपति ने किया स्वागत
Pusa Agricultural University विश्वविद्यालय में आयोजित दीक्षा समारोह में कुलपति ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डाला। कहा विश्वविद्यालय कृषि शिक्षा अनुसंधान और नवाचार में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। प्राकृतिक खेती मशरूम उत्पादन और ड्रोन प्रशिक्षण जैसे क्षेत्रों में नए कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। छात्रों के प्लेसमेंट और राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं में सफलता पर भी जोर दिया गया।

संस, पूसा (समस्तीपुर)। Pusa Agricultural University Convocation: डा. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित चतुर्थ दीक्षा समारोह में भाग लेने केंद्रीय कृषि कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान पहुंचे। उनके साथ केंद्रीय कृषि कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर, राज्य सरकार के कृषि मंत्री विजय सिन्हा भी शामिल रहे। मेडल वितरण से पूर्व एक शोभायात्रा निकाली गई।
अतिथियों का स्वागत करते हुए कुलपति डा. पीएस पांडे ने कहा कि आप लोगों के आने से विश्वविद्यालय गौरवान्वित महसूस कर रहा है। विश्वविद्यालय में नई ऊर्जा का संचार हो रहा है। विश्वविद्यालय ने अपनी स्थापना वर्ष से कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान के क्षेत्र में स्वयं को प्रतिष्ठित किया है।
आठ महाविद्यालय, 14 अनुसंधान केंद्र एवं 16 कृषि विज्ञान केंद्र को समेटे हुए इस विश्वविद्यालय अंतर्गत 10 स्नातक, 28 स्नातकोत्तर एवं 16 पीएचडी कार्यक्रमों को संचालित किया जा रहा है। विश्वविद्यालय कृषि के साथ-साथ उद्यान, वानिकी, सामुदायिक विज्ञान, मत्स्यकी, कृषि अभियंत्रण, प्रौद्योगिकी, कृषि व्यवसाय एवं ग्रामीण प्रबंधन प्राकृतिक खेती आदि क्षेत्रों में भी मानव संसाधन विकसित कर रहा है।
विगत नौ वर्षों में फसलों के 27 नवीनतम किस्म, 27 नवीनतम कृषि तकनीक को विकसित किया है। इसके अलावा 13 पेटेंट एवं मरचा धान को जीआइ टैग हासिल किया है। विश्वविद्यालय ने नए छात्रों के लिए दीक्षारंभ कार्यक्रम की शुरुआत भी की है। इस पूरे कार्यक्रम का उद्देश्य भारतीय परंपरा की संस्कृति और देश प्रथम के प्रति समर्पण को जागृत करना है।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती की महत्ता को समझते हुए विश्वविद्यालय ने स्कूल ऑफ नेचुरल फार्मिंग की स्थापना की है। फरवरी 2025 में राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत विश्वविद्यालय के मोतिहारी के प्रांगण में स्थापित पशु प्रजनन उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया गया है।
इतना ही नहीं विश्वविद्यालय में मशरूम के क्षेत्र में कार्य किया गया है। यही कारण है कि बिहार में आज 40000 मैट्रिक टन से अधिक मशरूम पैदा किया जा रहा है। विश्वविद्यालय के द्वारा अब तक 350 से अधिक ड्रोन पायलट प्रशिक्षित किए गए हैं। इसमें 35 नमो ड्रोन दीदी शामिल है। अब विश्वविद्यालय ने मखाना पर भी कार्य शुरू कर दिया है। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय के एग्री बिजनेस एंड रूरल मैनेजमेंट के विद्यार्थियों का 100 प्रतिशत कैंपस सलेक्शन हुआ है।
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