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    गर्भवती को मांसपेशियों की मालिश के लिए चक्की चलाना आसन करनी चाहिए

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 13 Jun 2019 06:28 AM (IST)

    योग साधना का तात्पर्य उस आध्यात्मिक अभ्यास से है जो साधक को ईश्वर-साक्षात्कार की ओर अग्रसर करता है।

    गर्भवती को मांसपेशियों की मालिश के लिए चक्की चलाना आसन करनी चाहिए

    समस्तीपुर। योग साधना का तात्पर्य उस आध्यात्मिक अभ्यास से है जो साधक को ईश्वर-साक्षात्कार की ओर अग्रसर करता है। साधना के बिना कोई अपने जीवन का लक्ष्य प्राप्त नहीं कर सकता। जीवन का लक्ष्य चार विभिन्न मार्गों द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। कर्मयोग सक्रिय स्वभाव वाले व्यक्ति, भक्तियोग भावुक स्वभाव वाले व्यक्ति, राजयोग अंतर्मुखी एवं रहस्यवादी स्वभाव वाले व्यक्ति तथा ज्ञानयोग संकल्प एवं विवेकयुक्त व्यक्ति के लिए उचित है। उक्त बातें योग प्रशिक्षक वर्षा आनंद ने कही। उन्होंने कहा कि मनुष्य की बुद्धि, भावना और कर्म सभी का सर्वांगीण विकास होना चाहिए, तभी पूर्णता आएगी। एकांगी विकास वांछनीय नहीं है। ये चारों मार्ग, एक दूसरे के प्रतिरोधी होने के बजाए इस बात को दर्शाता है कि योग की विभिन्न पद्धतियों का आपस में संपूर्ण समन्वय है। अंतत: सभी मार्ग एक बन जाते है। गर्भवती के लिए उपयोगी अभ्यास मेरुदंड की हड्डियों में होने वाली विशेष बीमारियां जैसे यक्ष्मा, कैंसर और ऑस्टियो मायलाइटिस शायद ही पीठ दर्द का कारण बनती है। स्लिप-डिस्क, अस्थि भंग और अस्थिभ्रंश को भी पीठ दर्द का मुख्य कारण नहीं माना जा सकता। मेरुदंड में दर्द के इतने सामान्य कारण होते है जिन्हें योग के अभ्यासों द्वारा सफलतापूर्वक दूर किया जा सकता है। इसके लिए चक्की चलाना आसन करना चाहिए। गर्भवती महिलाओं के लिए यह एक उपयोगी अभ्यास है, क्योंकि इससे गर्भाशय और आमाशय की मांसपेशियों की अच्छी मालिश हो जाती है। जबकि, ब्लड प्रेशर हाई रहने वाले मरीजों को यह आसन नहीं करना चाहिए।

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    पीठ दर्द ऐसा शब्द है जिसका प्रयोग हम पीठ की विभिन्न प्रकार की समस्याओं के लिए करते हैं, किन्तु उनमें से प्रत्येक को अलग-अलग समझने और उन पर ध्यान देने की आवश्यकता है। प्रोलैप्स डिस्क सामान्यत: स्लिप डिस्क के नाम से जाना जाता है। इसमें दो मेरुदंडीय अस्थियों के बीच स्थित रेशेदार गद्दी फट जाती है जिसका जेली जैसा पदार्थ बाहर निकल कर मेरुदंड की तरफ आ जाता है और मेरुदंड के स्नायुओं पर दबाव डालने लगता है। इसके परिणामस्वरूप होने वाले दर्द का अनुभव कमर या पीठ के निचले हिस्से में हो सकता है। टीस उठ सकती है या पैर झुनझुनी के साथ सुन्न हो जा सकते है। गहरी श्वास लेने पर दर्द बढ़ता है। इस तरह करनी चाहिए चक्की चलाना आसन

    पैरों को फैला कर बैठ जाइए। हाथों को सामने सीधे फैलाकर अंगुलियों को एक-दूसरे में फंसा लेना चाहिए। कमर से झुकते हुए हाथों द्वारा घेरे का आकार बनाना चाहिए। कल्पना करनी चाहिए कि चक्की चला रहे है। इसे 10-10 बार दायीं और बायीं ओर से करना चाहिए।

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    योग करने से शांत रहता है मन

    दवा व्यवसायी उज्जवल कुमार कहते है कि शरीर को अलग-अलग मुद्राओं में मोड़ना या असंभव लगने वाली क्रियाएं करना ही योग नहीं है। योग में व्यक्ति का मस्तिष्क और शरीर कुछ इस तरह मिलते हैं जिससे दिमागी कसरत तो होती ही है साथ ही शरीर को बिना कोई नुकसान पहुंचे अत्यंत लाभ भी मिलते है। योग करने से मन शांत रहता है। किसी एक कसरत से ऐसा होना संभव नहीं इसलिए धैर्य के साथ योग को अपनाना चाहिए। ऐसा कोई भी योग जिसमें कुछ समय के लिए सांस रोकी जाती है हृदय और उसकी धमनियों को स्वस्थ रखता है। योग रक्तसंचार को बेहतर करता है जिससे रक्त एक जगह रुकता नहीं और हृदय स्वस्थ रहता है। योग के जादुई फायदों के कारण ही पूरा संसार अब योग की ओर बढ़ रहा है। आध्यात्मिक ²ष्टि से भी योग के अलग फायदे हैं।

    -------------------- रोग प्रतिरोधक क्षमता को विकसित करता है योग अरुण कुमार झा कहते है कि योग विद्या को धारण कर मनुष्य अपना सर्वांगीण विकास कर सकता है। प्रत्येक दिन योगाभ्यास करने से हम कठिन से कठिन बीमारी से छुटकारा पा सकते है। इसे अपनाने वाला व्यक्ति कभी भी निराश नहीं होता है तथा सदैव प्रसन्न रहता है। योग हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को विकसित करता है। योग से बीमारियों का जड़ से सफाया हो जाता है। उन्होंने कहा कि योग हमारी भारतीय संस्कृति की अभूतपूर्व निधि है। आज के भौतिकवादी युग में हमारी नैतिक जीवन क्रिया अधिक अव्यवस्थित हो गई है। इस पर योग के द्वारा ही काबू पाया जा सकता है। योग अनेकों प्रकार के रोगों को दूर करता है। इसे हर किसी को अपनाना चाहिए।

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