PM किसान की 22वीं किस्त से पहले बड़ा अपडेट, हर किसान की बनेगी डिजिटल आईडी
PM Kisan 22nd Installmen से पहले समस्तीपुर में किसान डिजिटल आईडी रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया है। रजिस्ट्री योजना के तहत 2.26 लाख से ज़्यादा किसानों को किस ...और पढ़ें

PM Kisan Update Bihar: इसके बिना भविष्य में कई सरकारी योजनाओं का लाभ मिलना मुश्किल हो सकता है। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, समस्तीपुर। Farmer Digital ID: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 22वीं किस्त से पहले किसानों के लिए एक अहम अपडेट सामने आया है। अब प्रत्येक किसान की डिजिटल पहचान यानी फार्मर आईडी बनाई जाएगी, जिसके बिना भविष्य में कई सरकारी योजनाओं का लाभ मिलना मुश्किल हो सकता है।
नेशनल ई-गवर्नेंस प्लान एग्रीकल्चर (कृषोन्नति योजना) के तहत फार्मर रजिस्ट्री योजना के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर संयुक्त कृषि भवन परिसर में एक दिवसीय जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलन के साथ किया गया।
कार्यक्रम में दरभंगा प्रमंडल के संयुक्त निदेशक (शष्य) संजय नाथ तिवारी और अपर समाहर्ता ब्रजेश कुमार बतौर अतिथि शामिल हुए। अधिकारियों ने बताया कि जिले में वर्तमान में करीब 2 लाख 26 हजार किसान पीएम किसान सम्मान निधि योजना से जुड़े हैं, जिनकी फार्मर आईडी तैयार की जानी है।
संयुक्त कृषि भवन प्रांगण में प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ करते अतिथि। जागरण
कृषि विभाग के अनुसार अब तक 6,780 से अधिक किसानों की डिजिटल आईडी बनाई जा चुकी है, जबकि शेष किसानों का पंजीकरण तेजी से कराया जा रहा है।
एक ही डिजिटल आईडी से मिलेगा सभी लाभ
संयुक्त निदेशक (शष्य) ने कहा कि फार्मर आईडी बनने के बाद किसानों को बार-बार कागजी प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ेगा। एक ही डिजिटल पहचान के आधार पर पीएम किसान सम्मान निधि, फसल बीमा, बीज अनुदान और अन्य कृषि योजनाओं का सीधा लाभ मिलेगा। उन्होंने सभी प्रखंडों और पंचायतों में विशेष अभियान चलाकर समयबद्ध पंजीकरण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
फार्मर रजिस्ट्री राज्य सरकार की प्राथमिक योजना
अपर समाहर्ता ने कहा कि फार्मर रजिस्ट्री राज्य सरकार की प्राथमिकता वाली योजना है। इसका उद्देश्य किसानों का सटीक डिजिटल डाटाबेस तैयार करना और योजनाओं को पारदर्शी बनाना है। फार्मर आईडी में किसान की भूमि का विवरण, आधार नंबर, मोबाइल नंबर सहित अन्य आवश्यक जानकारियां दर्ज होंगी। इससे आपदा या फसल क्षति की स्थिति में मुआवजा प्रक्रिया भी आसान होगी।
पंजीकरण के लिए जरूरी दस्तावेज
जिला कृषि पदाधिकारी सुमित कुमार ने बताया कि फार्मर आईडी बनवाने के लिए आधार कार्ड, भूमि से जुड़े दस्तावेज (खाता-खेसरा) और सक्रिय मोबाइल नंबर अनिवार्य हैं। पहले आधार के माध्यम से ई-केवाईसी, फिर भूमि अभिलेखों का सत्यापन और अंत में ई-साइन के जरिए फार्मर आईडी जारी की जाएगी।
उन्होंने स्पष्ट किया कि फार्मर रजिस्ट्री डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर एग्रीकल्चर का अहम हिस्सा है और भारत सरकार ने पीएम किसान योजना के लाभुकों के लिए फार्मर आईडी को अनिवार्य कर दिया है।

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