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    फणि चक्रवात का जिले में दिखा आंशिक असर

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 03 May 2019 11:01 PM (IST)

    समस्तीपुर। बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवात फणि का आंशिक असर जिले में भी दिख रहा है। शुक्रवार की सुबह से ही आसमान में बादल छाने लगे जबकि दोपहर होते-होते ...और पढ़ें

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    फणि चक्रवात का जिले में दिखा आंशिक असर

    समस्तीपुर। बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवात फणि का आंशिक असर जिले में भी दिख रहा है। शुक्रवार की सुबह से ही आसमान में बादल छाने लगे जबकि दोपहर होते-होते बारिश शुरू हो गई। करीब दो बजे से रुक-रूक कर वर्षा होती रही। इससे जहां लोगों को गर्मी से राहत मिली है। बारिश के बाद पेयजल संकट भी थोड़ी कमी होने की संभावना है। तेज धूप एवं गर्मी की वजह से सूख रहे सब्जियों सहित अन्य फसलों को बहुत ज्यादा फायदा पहुंचा है। मौसम विभाग ने जारी किया था पूर्वानुमान

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    बता दें कि पूसा के मौसम विभाग ने पिछले मंगलवार को जारी अपने मौसम पूर्वानुमान में कहा था कि 3 एवं 4 अप्रैल को उत्तर बिहार के जिलों में आसमान में गरज वाले बादल छाए रहेंगे। इसके कारण हल्की वर्षा की संभावना भी जताई थी। सोमवार को इसका असर भी दिखा बंगाल की खाड़ी में उठे फणि चक्रवात के कारण सुबह से ही आसमान में बादलों की लुकाछिपी शुरू हो गई। दोपहर करीब दो बजे हल्की तेज हवा के साथ वर्षा हुई। इसके बाद रूक-रूक कर वर्षा होती रही। पिछले एक सप्ताह से उमस भरी गर्मी और तेज धूप से लोग परेशान थे। तापमान बढ़ने के कारण भू-जल स्तर भी तेजी से नीचे चला गया। जिससे जिले के हर क्षेत्रों में गंभीर पेयजल संकट उत्पन्न गया है। चापाकल से पानी निकलना बंद हो गया है। वहीं मोटर से भी पानी नहीं निकल रहा है। शुक्रवार को अचानक मौसम का मिजाम बदला। कुछ देर हुई झमाझम बारिश से मौसम खुशगवार हो गया। जबकि इसके बाद रूक-रूक कर बारिश शुरू हो गई। मौसम के बदले मिजाज से लोगों को राहत मिली है। वहीं वर्षा से किसानों को आम, लीची, कटहल और अन्य सब्जियों वाली फसल को काफी लाभ पहुंच रहा है। रूक-रूक कर हो रही वर्षा से पेयजल संकट से थोड़ी निजात मिलने की संभावना जताई जा रही है। मौसम विभाग ने अगले एक-दो दिनों तक बारिश की संभावना जताई है, जिससे किसानों के साथ-साथ आमलोगों की परेशानी भी थोड़ी कम होगी। उत्तर बिहार में अगले एक-दो दिनों तक रहेगा फणि का असर

    जासं, समस्तीपुर : बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवात का आंशिक प्रभाव उत्तर बिहार में भी दिखने लगा है। इसके प्रभाव से अगले 1 से 2 दिनों में उत्तर बिहार के जिलों में आसमान में गरज वाले बादल बनने के साथ वर्षा की भी संभावना है। इस दौरान तेज हवा या आंधी की भी संभावना है। इसका ज्यादा असर तराई के जिलों में ज्यादा रह सकता है। यह कहना है कि डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के मौसम विभाग का। शुक्रवार को जारी मौसम पूर्वानुमान में कहा गया है कि बंगाल की खाड़ी से उठा फणि का आंशिक असर उत्तर बिहार में पड़ेगा। इसके कारण आसमान में गरज वाले बादल बनेंगे। कहीं-कहीं वर्षा भी होगी। इस दौरान आंधी या तेज हवा रहने की भी संभावना है। मौसम विभाग ने कहा है कि 6 मई से मौसम आमतौर पर शुष्क रहने की संभावना है। इस दौरान अधिकतम तापमान 34 से 37 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है। जबकि न्यूनतम तापमान 21 से 23 डिग्री सेल्सियस के आस-पास रह सकता है। मौसम विभाग का कहना है कि इस अवधि में औसतन 10 से 15 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से मुख्यत: पुरवा हवा चलने की संभावना है। जबकि 7-8 मई को कुछ स्थानों पर पछिया हवा चलने का अनुमान है। सापेक्ष आ‌र्द्रता सुबह में 80 से 90 प्रतिशत तथा दोपहर में 50 से 60 प्रतिशत रहने की संभावना है। शुक्रवार को अधिकतम तापमान: 38.2 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया जो सामान्य से 1.7 डिग्री सेल्सियस अधिक है। जबकि न्यूनतम तापमान: 23.8 डिग्री सेल्सियस रहा सामान्य से 1.1 डिग्री सेल्सियस अधिक है। कृषि कार्य में बरतें सावधानी

    किसानों के लिए जारी समसामयिक सुझाव में कहा गया है कि अगले 1 से 2 दिनों तक गरज वाले बादल बनने के साथ-साथ वर्षा होने की संभावना को देखते हुए किसान कृषि कार्य में सावधानी बरतें। कटी हुई गेहूं की फसल को सुरक्षित स्थान पर भंडारित कर लें। इस दौरान खड़ी फसलों में कीटनाशकों का छिड़काव एवं सिचाई स्थगित रखें। हल्दी एवं अदरक की बुआई के लिए खेत की तैयारी करें। खेत की जुताई में प्रति हेक्टेयर 25 से 30 टन गोबर की सड़ी खाद डालें। खरीफ धान की नर्सरी के लिए खेत की तैयारी करें। स्वस्थ पौध के लिए नर्सरी में सड़ी हुई गोबर की खाद का व्यवहार करें।

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