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    Bihar News: ओडिशा एसएससी पेपर लीक मामले में खानपुर से एक गिरफ्तार, रिमांड पर ले गई सीआइडी

    By Abhinav Kumar Edited By: Ajit kumar
    Updated: Sat, 06 Dec 2025 07:02 PM (IST)

    ओडिशा एसएससी जेई भर्ती परीक्षा 2023 के पेपर लीक मामले में ओडिशा सीआईडी ने समस्तीपुर के खानपुर से एक आरोपी राजमोहन प्रसाद को गिरफ्तार किया है। वह पहले ...और पढ़ें

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    उस समय भी जिले से जुड़ा था गिरोह का तार, यह दूसरी गिरफ्तारी!

    जागरण संवाददाता, समस्तीपुर। ओडिशा कर्मचारी चयन आयोग के जेई भर्ती परीक्षा 2023 के पेपर लीक मामले में ओडिशा सीआईडी की टीम ने खानपुर थाना क्षेत्र से एक आरोपी युवक की गिरफ्तारी की है।

    उसकी पहचान खानपुर थाना के खानपुर उत्तर पंचायत के राजमोहन प्रसाद के रूप में हुई। पेपर लीक मामले में पुलिस की कार्रवाई के दौरान वह मौके से फरार हो गया था।

    इस दौरान उसके कई साथियों की गिरफ्तारी हुई थी। पुलिस ने राजमोहन की चारपहिया वाहन भी मौके से बरामद की थी। बाद से पुलिस टीम को उसकी तलाश थी।

    वह मामले में फरार चल रहा था। इसी बीच ओडिशा सीआईडी की टीम उसकी तलाश में शुक्रवार को यहां पहुंची। टीम ने स्थानीय पुलिस की मदद से छापेमारी की।

    जहां से उसे गिरफ्तार कर लिया गया। टीम ने उसे शनिवार को न्यायालय में पेश कर ट्रांजिट रिमांड की मांग की। न्यायालय से ट्रांजिट रिमांड मिलने बाद में उसे अपने साथ ले ओड़िशा के लिए रवाना हो गई।

    टीम का नेतृत्व कर रहे सीआईडी एएसपी विकास रंजन बेउरा ने बताया कि ओडिशा एसएससी जेई भर्ती परीक्षा 2023 के दौरान बंगाल सीमा से सटे दीघा इलाके में कुछ छात्रों को एकजुट किया गया था। सभी को वहां पश्न पत्र छात्रों को दिए जा रहे थे।

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    इसी दौरान पुलिस ने उक्त गिरोह के सदस्यों को पकड़ा था। बाद में गिरोह का भंडाफोड़ किया गया था। इसी दौरान समस्तीपुर के एक दूसरे आरोपी विरेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया था।

    वह राजमोहन का बहनोई है। यह सभी मिलकर एक गैंग संचालित करते हैं। इसका मुख्य सरगना विशाल चौरसिया है। गैंग में बिहार के अलावा पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और ओडिशा के लोग शामिल हैं। उन्होंने बताया कि बिहार से गैंग के 6 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है।

    राजमोहन से पूछताछ में खुलेंगे भेद

    अब सीआईडी की टीम आरोपी राजमोहन से पूछताछ करेंगी। उससे टीम को कई अहम जानकारी मिलनी की उम्मीद है। बताया गया कि इस गैंग के सदस्य पहले छात्रों को परीक्षा में बैठने की बात करते और उन्हें प्रश्न पत्र उपलब्ध कराया जाता।

    इसके बदले उनके मूल दस्तावेज अपने पास जमा रख लेते थे। साथ ही तय रकम की निकासी के लिए चेक भी लिया जाता था। परीक्षा निकलने बाद उससे रकम ली जाती थी।

    उक्त जानकारी पुलिस को छानबीन के दौरान पता चली। सीआईडी की टीम इस पूरे मामले में किसी प्रकार की ढिलाई नहीं बरत रही। कड़ी दर कड़ी जोड़कर केस को मजबूत किया जा रहा है।

    आठ-दस वर्षों से सक्रिय है गिरोह

    उक्त गिरोह का मुख्य सरगना जहां विशाल चौरसिया (हाजीपुर) है। वहीं विजेंद्र गुप्ता भी इसका सक्रिय सदस्य हैं। सभी मिलकर आठ-दस वर्षों से इस गिरोह का संचालन करते हैं।

    गिरोह की सक्रियता पहली बार दिल्ली पुलिस को मिली थी। उसने वहां विशाल को पकड़ा था। बाद में सभी ने ओडिशा में भी पेपर लीक किया। इस गिरोह ने अपने राज्य में भी पेपर लीक की। बीपीएससी भर्ती परीक्षा में गैंग ने पेपर लीक किया।