राष्ट्रीय एकता पर निर्भर करता है राष्ट्रीय एकीकरण
भावनात्मक एकता में गांधीजी तथा भौगोलिक एकता में सरदार पटेल के योगदान एक- दूसरे के पूरक हैं। एक सूत्र में पूरे देश को बांधना ही राष्ट्रीय एकता है। राष्ट्रीय एकता में सरदार पटेल का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। राष्ट्रीय एकता पर ही राष्ट्रीय एकीकरण निर्भर करता है।
समस्तीपुर । भावनात्मक एकता में गांधीजी तथा भौगोलिक एकता में सरदार पटेल के योगदान एक- दूसरे के पूरक हैं। एक सूत्र में पूरे देश को बांधना ही राष्ट्रीय एकता है। राष्ट्रीय एकता में सरदार पटेल का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। राष्ट्रीय एकता पर ही राष्ट्रीय एकीकरण निर्भर करता है।
उक्त बातें शुक्रवार को दलसिंहसराय स्थित आरबी कॉलेज में राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा 'सरदार पटेल और भारत में राष्ट्रीय एकीकरण' विषय पर आयोजित सेमिनार को संबोधित करते हुए ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरेंद्र कुमार सिंह ने कहीं। उन्होंने छात्र- छात्राओं से अपील की कि आपको जो भी संसाधनों की कमी हो, उसे चुनौतियों के रूप में लें। जो भी सुविधा आपलोगों को मिली है, उसका उपयोग कर एक अच्छा नागरिक बने। इससे पूर्व कॉलेज के प्राचार्य सह संरक्षक डॉ. दिलीप कुमार और विभागाध्यक्ष सह संगठन सचिव डॉ. मुकुल बिहारी वर्मा के संचालन में आयोजित सेमिनार का विधिवत उद्घाटन कुलपति ने सरदार पटेल के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित कर किया। राजनीति विज्ञान की अतिथि शिक्षिका स्वप्निल चौधरी के स्वागत संबोधन से प्रारंभ हुए सेमिनार में कॉलेज की छात्रा अंशु कुमारी, सर्वनिष्ठा कुमारी, श्रेय कर्ण, तनु प्रिया ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। सेमिनार में विशिष्ट अतिथि रूसा के पूर्व उपाध्यक्ष प्रो. कामेश्वर झा, कुंवर सिंह महाविद्यालय के अध्यक्ष डॉ. जय कुमार झा, विश्वविद्यालय के सामाजिक विज्ञान के संकाय अध्यक्ष प्रो.अनिल कुमार झा तथा समन्वयक महाविद्यालय विकास परिषद सीसीडीसी प्रो. मुनेश्वर यादव ने भी सरदार पटेल और राष्ट्रीय एकीकरण विषय पर अपने-अपने विचार व्यक्त किए। मौके पर कॉलेज के पूर्व अध्यापक प्रो. राम भरत ठाकुर और उमेश चंद्र, प्रो.महेश चंद्र चौरसिया, प्रो. संजय झा, डॉ. विमल कुमार,डॉ. प्रतिभा पटेल, डॉ.संजीव कुमार साह, राजीव रंजन सहित राजनीतिक विज्ञान के पूर्ववर्ती छात्रों में मोहम्मद जिलानी, नीतीश कुमार चौधरी, प्रभाकर चौधरी,अंकित चौधरी, अजीत कुमार,अमित कुमार उपस्थित थे। धन्यवाद ज्ञापन महाविद्यालय के पूर्व प्रधानाचार्य तारकेश्वर प्रसाद चौबे ने किया।
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