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    समस्तीपुर के स्कूलों में अब ‘गुरुजी’ नहीं, लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम सिखाएगा सुर-ताल

    By Prakash Kumar Edited By: Dharmendra Singh
    Updated: Mon, 17 Nov 2025 04:44 PM (IST)

    समस्तीपुर जिले के सरकारी स्कूलों में अब लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम (एलएमएस) के माध्यम से संगीत सिखाया जाएगा। शिक्षा विभाग द्वारा शुरू की गई इस पहल में कंप्यूटर और प्रोजेक्टर के माध्यम से बच्चों को संगीत की शिक्षा दी जाएगी। शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है, और छात्रों में इस नई पहल को लेकर उत्साह है।

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    इस खबर में प्रतीकात्मक तस्वीर लगाई गई है। 

    प्रकाश कुमार, समस्तीपुर । समस्तीपुर जिले के सरकारी विद्यालयों में लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम के जरिए संगीत शिक्षा को नया रूप दिया जाएगा। इस प्लेटफार्म पर हिन्दी में वीडियो ट्यूटोरियल, पाठ्यक्रम आधारित माड्यूल और प्रगति ट्रैकिंग डैशबोर्ड उपलब्ध होंगे। छात्र अपने संगीत प्रदर्शन के वीडियो अपलोड कर शिक्षकों से मूल्यांकन प्राप्त कर सकेंगे।

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    उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को डिजिटल बैज, ट्राफी और प्रमाणपत्र दिए जाएंगे। यह प्रणाली बच्चों में रचनात्मकता और संगीत के प्रति रुचि बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। विद्यालयों में वीडियो मैन्युअल साफ्टवेयर इन्वेंटरी मैनेजमेंट सिस्टम, लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम, डिस्ट्रीब्यूशन ट्रैकिंग साफ्टवेयर भी एजेंसी ही उपलब्ध कराएगी।

    जिले के 2527 प्रारंभिक के अलावा माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में वाद्य यंत्र उपलब्ध उपलब्ध कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसे लेकर बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है।

    समग्र शिक्षा के तहत राज्य स्तर से ई-निविदा के माध्यम से चयनित एजेंसी जिले के सभी प्रखंड संसाधन केंद्रों पर म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट भेजेगी। वहां से विद्यालयों को दिया जाएगा।

    प्रारंभिक विद्यालयों को 10 तरह से इंस्ट्रूमेंट दिए जाएंगे। इनमें तबला, डफली, ढोलक, झाल, बासुरी, घुंघरू सहित अन्य रहेंगे। मध्य विद्यालयों में 11 सामान दिए जाएंगे। प्रारंभिक विद्यालयों में जो सामान मिलेंगे, उनमें से एक अतिरिक्त सामान हारमोनियम रहेगा।

    संगीत गतिविधियों को मिलेगा नया आयाम 

    जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (प्राथमिक शिक्षा एवं सर्व शिक्षा अभियान) जमालुद्दीन ने बताया कि इस पहल से विद्यालयों में संगीत के प्रति बच्चों की रुचि और दीवानगी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि कला और संगीत बच्चों के सर्वांगीण विकास में अहम भूमिका निभाते हैं। वाद्य यंत्र उपलब्ध होने से विद्यालयों में संगीत गतिविधियों को नया आयाम मिलेगा और छात्र-छात्राएं सांस्कृतिक रूप से भी अधिक समृद्ध होंगे।

    विद्यालयों में वाद्य यंत्रों का डिजिटल प्रबंधन सिस्टम 

    जिले के सरकारी विद्यालयों में संगीत शिक्षा को सशक्त बनाने के लिए अब इन्वेंट्री मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया जा रहा है। इसके तहत आपूर्तिकर्ता, विभाग और विद्यालय तीनों स्तरों पर उपकरणों की आपूर्ति और प्राप्ति की आनलाइन निगरानी होगी। वाद्य यंत्रों को विभाग से प्राप्त के रूप में विद्यालय चिन्ह्त कर सकेंगे और प्रत्येक उपलब्ध उपकरणों की रिपोर्ट तैयार की जाएगी। विद्यालयों तक संगीत वाद्य यंत्रों में क्यूआर कोड रहेंगे। जिसमें प्रत्येक उपकरण बैच को एक यूनिक क्यूआर या बारकोड दिया जाएगा।


    जिले के सभी सरकारी विद्यालयों में वाद्य यंत्र उपलब्ध कराया जाएगा। इससे छात्रों को संगीत के प्रति रुचि बढ़ाने में सहायक होगा। राज्य स्तर से एजेंसी का चयन कर वाद्य यंत्रों को उपलब्ध कराने की दिशा में पहल शुरू हो गई है।

    कामेश्वर प्रसाद गुप्ता, जिला शिक्षा पदाधिकारी, समस्तीपुर।