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    Samastipur News: प्लास्टिक अब नहीं बनेगा मुसीबत, रिसाइक्लिंग मशीन से तैयार होगा कुर्सी और फर्नीचर

    Updated: Mon, 15 Sep 2025 12:45 PM (IST)

    समस्तीपुर नगर निगम ने मल्टी लेयर प्लास्टिक रिसाइक्लिंग के लिए नई मशीन लगाई है। 18 लाख की लागत वाली मशीन प्लास्टिक गलाकर छोटे टुकड़ों में बदलेगी। इससे रिसाइक्लिंग क्षमता दोगुनी होगी रोजगार बढ़ेगा और कचरा प्रबंधन सुधरेगा। मशीन से तैयार प्लास्टिक से कुर्सी फर्नीचर आदि बनेंगे। यह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

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    रिसाइक्लिंग मशीन से तैयार होगा कुर्सी और फर्नीचर। फोटो जागरण

    जागरण संवाददाता, समस्तीपुर। मल्टी लेयर प्लास्टिक की अब बेहतर ढंग से रिसाइक्लिंग होगी। समस्तीपुर नगर निगम में इसके लिए नई मशीन लगाई गई है। यह प्लास्टिक को गलाकर उसे छोटे टुकड़ों में करेगी। बाद में रिसाइकिल प्लास्टिक से उत्पाद बनाने वाली फैक्ट्री को भेजा जाएगा। मशीन की लागत 18 लाख रुपये है।

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    पहले रिसाइक्लिंग की व्यवस्था नहीं थी। अलग-अलग सेंटर से एकत्रित कर यहां केवल भंडारण किया जाता था। इससे अब मल्टी लेयर प्लास्टिक यानि अधिकांशतः पैकिंग में उपयोग होने वाली प्लास्टिक होती है।

    पहले इसके रिसाइक्लिंग की व्यवस्था नहीं रहने से थोड़ा बहुत कचरा रोड आदि के निर्माण में इस्तेमाल किया जाता था। जबकि, शेष इसी तरह से सेंटर पर पड़ा रह जाता था। अब, इस मशीन के आने बाद उक्त सेंटर पर इन प्लास्टिक को लगाने की व्यवस्था होगी।

    इससे न केवल सेंटर की कार्यक्षमता बढ़ेगी बल्कि, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली को भी नई दिशा मिलेगी। नई मशीन से कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।

    दो टन प्रतिदिन की क्षमता

    मशीन प्रत्येक दिन एक टन मल्टी लेयर प्लास्टिक को गलाकर उसे छोटे-छोटे टुकड़ों में बनाने के लिए कारगर है। इससे उक्त सेंटर की कचरा रिसाइक्लिंगग की क्षमता भी दोगुनी हो जाएगी। पहले जहां एक टन कचरा का निस्तारण संभव हो पाता था।

    वहीं अब दो टन प्रतिदिन निस्तारण की क्षमता होगी। इससे प्लास्टिक प्रदूषण में कमी आएगी। यह मशीन रोजगार सृजन और स्थानीय स्तर पर संसाधन प्रबंधन को भी बढ़ावा देगी।

    कुर्सी व अन्य उत्पाद बनाने में होगा उपयोग

    मशीन द्वारा मल्टी लेयर प्लास्टिक को लगाने बाद में तैयार टुकड़ा का उपयोग अलग-अलग उत्पाद के निर्माण में किया जाता है। इसमें प्रमुख रूप से कुर्सी बनाया जाता हैं। इसके अलावा फर्नीचर व अन्य सामान भी बनाए जाते हैं।

    जिलेभर से एकत्रित होता है कचरा

    नगर निगम के साथ ही विभिन्न पंचायतों में बना कचरा प्रबंधन केंद्र से सेंटर द्वारा कचरा का उठाव किया जाता है। इसके बदले उन्हें तय राशि दी जाती है। बाद में इन कचरों को सेंटर पर रिसाइक्लिंग कर उसे दोबारा उपयोग के लिए तैयार करता है। इससे यह मशीन जिलेभर के कचरा प्रबंधन को मजबूती प्रदान करेंगी। 

    यह पहल जिले को पर्यावरण संरक्षण और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के क्षेत्र में एक नई पहचान दिलाएगी। एमएलपी प्लास्टिक का रिसाइक्लिंग होना कचरे की समस्या के स्थायी समाधान की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। इस परियोजना का उद्देश्य शहर को अधिक स्वच्छ, टिकाऊ व पर्यावरण अनुकूल बनाना है। - निखिल कुमार प्रबंधक, एमआरएफ सेंटर।