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    बाजार समिति में बढ़ी आवक, व्यवसाय को मिली संजीवनी

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 04 Jun 2020 09:31 PM (IST)

    लॉकडाउन के बाद अनलॉक-वन में सामान की ढुलाई के लिए मिली छूट का असर दिखने लगा है। कृषि उत्पादन बाजार समिति में चहल-पहल दोगुनी हो गई है। विभिन्न राज्यों से फल और अन्य सामान लेकर आनेवाले वाहनों की संख्या बढ़ गई है।

    बाजार समिति में बढ़ी आवक, व्यवसाय को मिली संजीवनी

    समस्तीपुर । लॉकडाउन के बाद अनलॉक-वन में सामान की ढुलाई के लिए मिली छूट का असर दिखने लगा है। कृषि उत्पादन बाजार समिति में चहल-पहल दोगुनी हो गई है। विभिन्न राज्यों से फल और अन्य सामान लेकर आनेवाले वाहनों की संख्या बढ़ गई है। वहीं, बाइपास और मुक्तापुर से सटी सड़कों पर मालवाहक वाहनों की आवाजाही पहले से ज्यादा हो गई है।

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    हालांकि, अधिकतर रूटों पर ट्रेनों के बंद रहने से पहले जैसा व्यवसाय अभी शुरू नहीं हो पा रहा। बस व टेंपो की सेवा बहाल होने का प्रभाव कुछ-कुछ दिख रहा और बाहरी व्यवसायियों का आना शुरू हो गया है। व्यवसायी कहते हैं कि पहले वाली स्थिति आने में अभी वक्त लगेगा। मसाला व्यवसाय का बड़ा केंद्र :

    कृषि उत्पादन बाजार समिति, मुक्तापुर उत्तर बिहार में मसाला व्यवसाय का प्रमुख प्रसिद्ध बाजार है। यहां लगने वाली रविवारीय हाट में पहले सिर्फ मसाला व्यवसाय के लिए 50-60 ट्रकों की आवाजाही होती थी। लॉकडाउन अवधि में संख्या चार से पांच पर आ गई। लॉकडाउन की समाप्ति के बाद इसमें मामूली बढ़ोतरी हुई है। अभी तक यह संख्या सात से नौ पर ही पहुंची है।

    जय मां भवानी ट्रेडिग कंपनी के प्रोपराइटर विक्रांत गुप्ता तथा आरके ट्रेडर्स के प्रोपराइटर रंजीत कुमार राय टुन्ना का कहना है कि बाहर के व्यवसायियों की लॉकडाउन के बाद आवाजाही बढ़ी है। परंतु, अभी आशा के अनुरूप व्यवसाय नहीं हो रहा। उम्मीद है, अगले हफ्ते 10 दिन में कुछ बढ़ोतरी हो। स्थानीय सब्जियों से भरा रहा बाजार

    सब्जी गद्दीदार अमरेश कुमार बताते हैं कि लॉकडाउन की अवधि में सब्जियों के आवक मे यहां कोई परेशानी नहीं थी। क्योंकि, इस क्षेत्र में इसबार सब्जी की प्रचुर खेती हुई है। बाजार स्थानीय सब्जियों से ही भरा रहा। लॉकडाउन की अवधि में हर रोज 50 पिकअप वैन सब्जियां आती थीं। इनमें 20 पिकअप बिकती और 30 बर्बाद हो जाया करती थी। लॉकडाउन समाप्ति पश्चात सब्जियों के भाव में भी कुछ इजाफा हुआ है। बिक्री में भी तेजी देखी जा रही। किसान सब्जियों को बाहर भेजने लगे हैं। अभी लगभग 30 पिकअप प्रतिदिन आती है और 25-27 बिक जाती है। ट्रेनों की आवाजाही शुरू होने के बाद बाजार पहले की तरह होगा।

    किराना दुकानदार भारत ट्रेडर्स के संचालक का बताना है कि इस व्यवसाय में लॉकडाउन का कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। बाहर से सभी सामग्री की आवाजाही पहले की ही तरह होती रही व दुकानदारों को भी आपूíत होती रही है। इस कारण ही लॉकडाउन में मांगों अनुरूप सभी सामग्री बाजार में उपलब्ध रही और कालाबाजारी नही हुई।