Ram Mandir Aandolan के अगुआ आडवाणी की समस्तीपुर से हुई थी गिरफ्तारी, Lalu Yadav ने दिया था ये ऑर्डर
वर्ष 1990 में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी के द्वारा श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में भव्य मंदिर निर्माण के संकल्प को लेकर गुजरात के सोमनाथ से अयोध्या तक के लिए रथ यात्रा 25 सितंबर 1990 को शुरू की गई थी। इस रथ यात्रा को 30 अक्टूबर को अयोध्या पहुंचना था। लालकृष्ण आडवाणी कार सेवा में शामिल होने वाले थे।
प्रकाश कुमार, समस्तीपुर। भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या में राम भक्तों का चिर प्रतीक्षित सपना अब साकार हो रहा है। अयोध्या में श्री राम विराजमान होने वाले हैं। राम जन्मभूमि में भव्य मंदिर के निर्माण में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा होनी है। संपूर्ण देश ही नहीं दुनिया के कोने-कोने में बसे सनातन धर्म के अनुयायियों और राम भक्तों में काफी उल्लास है। राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के पीछे एक बड़ा आंदोलन भी हुआ। इसका जुड़ाव समस्तीपुर से भी रहा है।
23 अक्टूबर को समस्तीपुर में होनी थी सभा
वर्ष 1990 में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी के द्वारा श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में भव्य मंदिर निर्माण के संकल्प को लेकर गुजरात के सोमनाथ से अयोध्या तक के लिए रथ यात्रा 25 सितंबर 1990 को शुरू की गई थी। इस रथ यात्रा को 30 अक्टूबर को अयोध्या पहुंचना था। लालकृष्ण आडवाणी कार सेवा में शामिल होने वाले थे।
आंदोलन के दौरान लाया गया रथ का एल्बम से ली गई तस्वीर। (फाइल फोटो)
देश के अलग-अलग भागों से होते हुए यह रथ यात्रा बिहार में गया से शुरू हुई जो बिहार के अलग-अलग जिले से होते हुए 22 अक्टूबर 1990 की देर शाम समस्तीपुर पहुंची। 23 अक्टूबर 1990 को समस्तीपुर के पटेल मैदान में लालकृष्ण आडवाणी के द्वारा एक विशाल जनसभा को संबोधित किया जाना था। इसको लेकर भारतीय जनता पार्टी, आरएसएस, विद्यार्थी परिषद सहित संघ के तमाम आनुषांगिक संगठनों के द्वारा जबर्दस्त तैयारी की गयी थी।
यह रथ यात्रा जब हाजीपुर के बाद समस्तीपुर की सीमा में कोठिया के पास पहुंची वहीं से जय श्रीराम के नारों के साथ लगातार कार्यकर्ताओं का हुजूम स्वागत कर रहा था। हर चौक-चौराहे पर लोग उस रथ पर पुष्प वर्षा और रथ की आरती उतारते थे।
जिले में प्रवेश करते ही थी गिरफ्तारी की प्लानिंग
22 अक्टूबर 1990 की देर शाम समस्तीपुर के सर्किट हाउस रथ पहुंचा और रात्रि विश्राम यहीं करना था। इसके बाद अगले सुबह पटेल मैदान में जनसभा को संबोधित करते हुए यात्रा आगे बढ़ती। लालकृष्ण आडवाणी सर्किट हाउस के उस समय के कमरा नंबर सात में रुके थे। उनके साथ तब के प्रदेश अध्यक्ष कैलाशपति मिश्रा भी परिसदन में ही दूसरे कमरे में रूके थे। इस दौरान पूरा समस्तीपुर शहर हाई अलर्ट पर था। चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती थी। लालकृष्ण आडवाणी जब विश्राम करने चले गए तो सभी प्रमुख कार्यकर्ता भी वहां से कार्यक्रम की तैयारी में चले गए।
लालू ने इन अधिकारियों को दिया था टास्क
बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने लालकृष्ण आडवाणी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस मुख्यालय में तैनात तत्कालीन डीआईजी रामेश्वर उरांव, आईएसएस अधिकारी आरके सिंह को भेजा था जो सर्किट हाउस के कमरा संख्या सात में पहुंचे और आडवाणी को उनकी गिरफ्तारी की जानकारी दी।
रथ यात्रा पहुंचने पर उमड़ा था जनसैलाब
भाजपा के वरिष्ठ नेता शशिकांत आनंद एवं घनश्याम राय उस ऐतिहासिक दिन को याद करते हुए बताते हैं कि लालकृष्ण आडवाणी की रथ यात्रा के पहुंचने पर जनसैलाब उमड़ पड़ा था। जगह-जगह सड़क के दोनों किनारे लोग स्वागत में खड़े थे। वो बताते हैं कि जब रथ यात्रा समस्तीपुर के कोठिया में प्रवेश किया था तो उसी वक्त गिरफ्तारी करने की योजना थी, लेकिन जन सैलाब को देखते हुए वहां गिरफ्तारी नहीं हो पाई। रात्रि 11 बजे वे सर्किट हाउस पहुंचे। 23 अक्टूबर की सुबह सभा होने वाली थी। अहले सुबह पटेल मैदान में एक हेलीकाप्टर पहुंचा।
इसके बाद लालकृष्ण आडवाणी की गिरफ्तारी सर्किट हाउस पहुंच कर की गई। वहां मौजूद कार्यकर्ताओं के द्वारा आडवाणी जी को गिरफ्तार कर जिस गाड़ी से ले जाया जा रहा था उसके सामने आकर लोगों ने रोकने का प्रयास भी किया गया, लेकिन पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए सभी को हटा दिया। जैसे ही यह खबर फैली पूरा बाजार से लेकर रेलवे तक को बंद करा दिया गया, लेकिन उस समय भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा. कैलाशपति मिश्र के समझाने के बाद सब कुछ सामान्य हुआ।
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