Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    समस्तीपुर में JDU का दबदबा कायम, 7 सीट पर लड़ रही चुनाव; BJP ने सहयोगी पार्टी को दी एक सीट

    Updated: Fri, 17 Oct 2025 01:18 PM (IST)

    समस्तीपुर में जदयू का दबदबा बरकरार है, पार्टी सात सीटों पर चुनाव लड़ रही है। एनडीए में भाजपा को एक सीट सहयोगी दल के लिए छोड़नी पड़ी। जदयू ने ज्यादातर पुराने चेहरों पर भरोसा जताया है, जबकि भाजपा दो सीटों पर चुनाव लड़ रही है। पिछले चुनाव में एनडीए और महागठबंधन ने बराबर सीटें जीती थीं। इस बार सभी पार्टियां अपनी सीटें बचाने की कोशिश में हैं।

    Hero Image

    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)

    जागरण संवाददाता, समस्तीपुर। समाजवादी की धरती पर एक बार फिर से जदयू का दबदबा कायम रहा। पार्टी ने गत विस चुनाव की तरह ही अबकी बार फिर से सात सीटों पर चुनाव में अपने पहलवानों को उतारा है।

    जबकि, एनडीए के सबसे बड़े दल भाजपा को अपनी एक सीट गठबंधन धर्म के पालन में छोड़नी पड़ी। भाजपा ने अपनी एक सीट रालोमो को दे दिया। इससे जिले में जदयू का दबदबा बना रहा।

    जदयू इस दफा समस्तीपुर, सरायरंजन, मोरवा, विभूतिपुर, हसनपुर, कल्याणपुर और वारिसनगर सीट पर भाग्य आजमाया रही। गत वर्ष इनमें तीन सीटों पर पार्टी को जीत मिली थी। जबकि, चार सीटों पर उसे हार का सामना करना पड़ा।

    जदयू ने सरायरंजन, कल्याणपुर और वारिसनगर सीट पर गत चुनाव में जीत दर्ज की। इनमें दो प्रमुख चेहरे शामिल रहे। कल्याणपुर सीट से विधायक महेश्वर हजारी और सरायरंजन से निर्वाचित विधायक विजय चौधरी को नीतीश मंत्रिमंडल में जगह मिली।

    जबकि, विभूतिपुर, हसनपुर, मोरवा और समस्तीपुर सीट पर पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था। भाजपा ने गत चुनाव में तीन सीट पर चुनाव लड़ा। इसमें एक सुरक्षित और दो सामान्य सीट शामिल रही। इसमें रोसड़ा सुरक्षित, मोहिउद्दीननगर और उजियारपुर की सीट शामिल रही। इसमें उजियारपुर को छोड़ दोनों सीट पर पार्टी ने गत चुनाव में जीत दर्ज की।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भाजपा ने वर्ष 2020 में पहली दफा उजियारपुर सीट से अपने प्रत्याशी मैदान में खड़े किए थे। लेकिन, उसे पराजय का सामना करना पड़ा। अबकी बार स्थानीय भाजपा के कार्यकर्ताओं ने इस सीट पर पार्टी की मजबूती को लेकर चुनाव पूर्व काफी संघर्ष किया।

    लेकिन, गठबंधन की साख बचाने को भाजपा को इस सीट की बलि देनी पड़ी। यह सीट भाजपा ने अपने सहयोगी पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा को दे दिया। बता दें कि राज्यभर में जदयू और भाजपा दोनों ही 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।

    जदयू के पांच पुराने चेहरे, दो बदले

    जदयू ने जहां सात सीट पर अपना दबदबा कायम रखा। वहीं पार्टी ने एक बार फिर से उन्हीं पुराने चेहरों पर भरोसा जताया है। वारिसनगर और विभूतिपुर में चेहरे जरुर बदले लेकिन, टिकट पुराने पहलवानों के स्वजनों को ही दिया गया। वर्तमान समय में सभी सीटों पर उम्मीदवार के नामांकन हो चुके हैं।

    इसमें सरायरंजन से विजय कुमार चौधरी, कल्याणपुर सु से महेश्वर हजारी, समस्तीपुर से अश्वमेघ देवी, विभूतिपुर से पूर्व विधायक रामबालक सिंह की पत्नी रविना कुशवाहा, वारिसनगर से वर्तमान विधायक अशोक कुमार मुन्ना के पुत्र मंजरिक मृणाल और हसनपुर से राज कुमार राय पर भरोसा जताया है।

    भाजपा से दोनों विधायक मैदान में उतरे

    दस विस क्षेत्र वाले जिले में महज दो सीट पर भाजपा चुनाव लड़ रही। उसे एक सीट छोड़नी पड़ी। इन सीटों पर दोनों वर्तमान विधायक एक बार फिर से अपना भाग्य आजमा रहे।

    इसमें मोहिउद्दीननगर से राजेश कुमार और रोसड़ा से विरेंद्र पासवान शामिल है। जबकि, उजियारपुर सीट इस बार रालोमो के हिस्से में है। इस सीट पर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रशांत कुमार पंकज मैदान में उतरे हैं।

    आधे-आधे की रही थी हिस्सेदारी

    गत विस चुनाव में एनडीए को जहां पांच सीट पर जीत मिली थी। वहीं, महागठबंधन ने भी पांच सीट पर जीत दर्ज की थी। जदयू अपनी सात सीटों में तीन सीट ही निकाल सकी थी। जबकि, भाजपा को तीन में एक सीट गंवानी पड़ी थी।

    एक बार फिर से सभी पार्टियां चुनावी रण में आमने-सामने होंगी। अब सभी के सामने अपने-अपने किलें को बचाने की जवाबदेही होगी।