Samastipur News: गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 78 सेमी ऊपर, आबादी वाले क्षेत्र में फैलने लगा पानी
Samastipur News समस्तीपुर में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया है जिससे दियारा क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। पानी खेतों में फैलने से फसलें बर्बाद हो रही हैं और आबादी वाले क्षेत्रों में भी पानी घुस रहा है। गंगा के जलस्तर में तेजी से वृद्धि होने से लोगों में बाढ़ की चिंता बढ़ गई है।

संवाद सहयोगी, मोहनपुर (समस्तीपुर)। Samastipur News: समस्तीपुर में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 78 सेंटीमीटर ऊपर है। शनिवार की सुबह 4628 सेमी पर पहुंच चुका है। शुक्रवार को यह 4600 सेमी पर था। जिले के दियारा क्षेत्र में खतरे का लाल निशान 4,550 सेमी है।
जलस्तर में बढ़ोतरी होने से गंगा का पानी ढाबों से होकर खेतों में फैल रहा है। खेतों में पानी फैलने से किसान मकई और अन्य फसल को काटने पर मजबूर हैं। मोहनपुर प्रखंड के हरदासपुर, सरसावा और जहिंगरा गांव में गंगा का पानी फैलने लगा है। धीरे-धीरे आबादी वाले क्षेत्र की ओर तेजी से बढ़ रहा है।
पूर्वी क्षेत्र में भी गंगा के पानी का फैलाव हो रहा। गंगा का जलस्तर 12 घंटें में 78 सेमी की रफ्तार से बढ़ रहा है। अब लोगों में बाढ़ की चिंता सताने लगी है। बाढ़ के पानी से अब आबादी वाला क्षेत्र भी घिरने लगा है। गंगा के जलस्तर में हो रही तेजी से बढ़ोत्तरी के कारण जौनापुर, मटिऔर, डुमरी दक्षिणी, हरदासपुर, सरसावा, जहिंगरा, कुतुबपुर, बरियारपुर, चपरा आदि गांवों के चारों तरफ से बाढ़ का पानी पहुंच रहा है।
इन गांवों की फसलें बाढ़ की पानी घुस जाने से पहले ही नष्ट हो चुकी है। बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल दलसिंहसराय के सरारी स्थित कैंप से मिली जानकारी के अनुसार गंगा का जलस्तर शनिवार की सुबह 4628 सेमी पर है। जलस्तर बढ़ जाने से कटाव निरोधी बंडाल सह बांध पर पानी का दवाब काफी बढ़ गया है। वहीं नदी की चौड़ाई काफी बढ़ गयी है।
उफनाती धारा के बीच छह किमी की यात्रा करते शिक्षक
गंगा नदी का जलस्तर काफी ऊपर हो जाने के कारण उसकी जलधारा काफी तेज हो गयी है। उफनती हुई गंगा की जलधारा में प्रतिदिन दर्जन भर शिक्षक अपने विद्यालय जाने के लिए नौका से गंगा पार करते हैं। शिक्षकों ने बताया कि नौका पर चढ़ने के बाद वे सभी काफी दहशत में रहते हैं।
हरदासपुर मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक अमरेश कुमार सुमन के अनुसार उफनती गंगा में उनलोगों को प्रतिदिन आते-जाते डेढ़ से दो घंटा का समय व्यतीत होता है। इस पार से उस पार जाने में नौका को छह किमी की यात्रा करनी पड़ती है। रसलपुर घाट से खुलने वाली नौका तीव्र जलधार में बहती हुई पूरब की ओर जाकर नौघड़िया के समाने जाती है, फिर पश्चिम की ओर हरदासपुर में वह घाट पर लगती है। इससे काफी समय जाया होता है। साथ ही अंदर ही अंदर तनाव और भय बना रहता है।
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