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बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर स्थिर रहने के बाद भी टला नहीं बाढ़ का खतरा

समस्तीपुर में बूढ़ी गंडक नदी खतरे के निशान से 2.87 सेमी ऊपर है। रविवार को पिछले 24 घंटे के बीच जलस्तर बढ़ने का सिलसिला स्थिर रहा। हालांकि तटबंध पर अभी भी पानी का दबाव है। पिछले एक सप्ताह से जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 02 Aug 2020 11:49 PM (IST)Updated: Sun, 02 Aug 2020 11:49 PM (IST)
बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर स्थिर रहने के बाद भी टला नहीं बाढ़ का खतरा
बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर स्थिर रहने के बाद भी टला नहीं बाढ़ का खतरा

समस्तीपुर । समस्तीपुर में बूढ़ी गंडक नदी खतरे के निशान से 2.87 सेमी ऊपर है। रविवार को पिछले 24 घंटे के बीच जलस्तर बढ़ने का सिलसिला स्थिर रहा। हालांकि, तटबंध पर अभी भी पानी का दबाव है। पिछले एक सप्ताह से जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। बाढ़ की आशंका से लोग घिरे हैं। नदी की तेज धार तीव्र वेग के साथ अब मगरदही घाट के निकट बने पुराने ब्रिज और समस्तीपुर दरभंगा रेलवे पुल के गाटर से टकराने लगी है। संभावित खतरे को लेकर जिला प्रशासन हाई एलर्ट पर है। रेलवे पुल व मगरदही के निकट पुराने पुल पर बांस बल्ला लगा कर आवाजाही रोक दी गई है। वहां सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया। नदी के दोनों ओर तटबंध सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। पानी की अधिक दबाव वाले स्थान पर भराव का कार्य किया जा रहा है। आला अधिकारियों की हालात पर नजर हैं। जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को सावधान, सतर्क और सुरक्षित स्थान पर रहने की अपील की जा रही है।

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आपदा प्रबंधन शाखा के मुताबिक पिछले एक सप्ताह से बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि हुई । रविवार को जलस्तर बढ़ने का सिलसिला स्थिर रहा। इससे लोगों को अनुमान है कि अब धीरे धीरे नदी का जलस्तर समान्य हो जाएगा। अगर, जलस्तर में और वृद्धि हुई तो स्थिति भयावह हो जाएगी। बता दें कि शनिवार की शाम समस्तीपुर रेलवे पुल के निकट बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर 48.60 था। जबकि खतरे का लाल निशान 45.72 है। वहीं उच्चतम जलस्तर का मानक 48.73 है। यानि नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 2.87 मीटर ऊपर और उच्चतम जलस्तर के बने मानक से 0.23 सेमी नीचे है। बता दें कि वर्ष 1987 और 2007 में उच्चतम जलस्तर का मानक 48.83 सेमी रिकार्ड दर्ज किया गया था। जो अभी तक का उच्चतम जलस्तर है। लोग बाढ़ की आशंका से भयभीत हैं। तटबंध किनारे रहने वाले लोग रतजगा कर रहे हैं।


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