Samastipur : हसनपुर के किसानों को क्यों नहीं मिल रही सस्ती यूरिया, कमी या गड़बड़ी?
Bihar latest News : समस्तीपुर के हसनपुर में किसानों को सस्ती यूरिया मिलने में परेशानी हो रही है। किसानों को यूरिया की कमी का सामना करना पड़ रहा है, जि ...और पढ़ें

इस खबर में प्रतीकात्मक तस्वीर लगाई गई है।
संवाद सहयोगी, हसनपुर (समस्तीपुर)। समस्तीपुर जिले के हसनपुर प्रखंड क्षेत्र के किसान यूरिया खाद को लेकर खासे परेशान हैं। खाद के लिए इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं। अगर कहीं मिल भी रहा है तो सरकार द्वारा निर्धारित दर से अधिक राशि वसूल की जा रही है।
गेंहू की फसल को बेहतर उपज के लिए यूरिया की आवश्यकता
पहले पटवन न होने से परेशानी थी, अब नियमित बिजली मिलने से पटवन हो रही है तो खेतों में डालने के लिए यूरिया की किल्लत है। पटवन होने के बाद गेंहू की फसल को बेहतर उपज के लिए यूरिया की आवश्यकता होती है। लेकिन बाजार में यूरिया का अभाव है।
सरकारी स्तर पर प्रति बोरा यूरिया का मूल्य 266 रुपये निर्धारित है। लेकिन यूरिया की उपलब्धता कम होने से क्षेत्र के कुछ दुकानदारों के द्वारा यूरिया की बिक्री मनमाने मूल्य पर की जा रही है। देहाती क्षेत्र के किसानों से पांच से सात सौ रुपये तक कीमत वसूल लिए जा रहे हैं।
किसान बोले, यूरिया के लिए दर-दर भटकना पड़ता
प्रखंड क्षेत्र के किसान शंभू कुमार राय,कोमल यादव, गंगोत्री राय, विजय मिश्रा, बलि यादव, सुरेश यादव, दिलजान अंसारी, वीरेंद्र साह, आशीष कुमार मिश्र आदि किसानों ने बताया कि यूरिया नहीं मिलने से काफी परेशानी हो रही है। बाजार से यूरिया गायब है।
प्रतिदिन यूरिया को लेकर दर-दर भटकना पड़ रहा है। लेकिन यूरिया नहीं मिल पा रहा है। इसकी शिकायत के लिए प्रखंड कृषि कार्यालय में जाने पर किसी अधिकारी से मुलाकात नहीं हो रही है। इस स्थिति से किसानों में भारी आक्रोश है।
किसानों का कहना है कि अगर यूरिया की व्यवस्था नहीं हुई तो किसान आंदोलन करने को विवश होंगे। किसानों ने बताया कि सखवा, राजघाट, झझरा सहित अन्य इलाकों से धंधेबाज साइकिल, बाइक, पिकअप, ट्रैक्टर, कैरियर, जीप आदि के जरिए हसनपुर क्षेत्र के किसानों के हक का उर्वरक सीमावर्ती प्रखंड पहुंचा रहे हैं।
माफिया गिरोह के सक्रिय होने से स्थानीय किसानों उर्वरक की किल्लत से परेशान है। वहीं बाजार के लाइसेंसी उर्वरक दुकानदारों का कहना है कि पहले बरौनी खाद फैक्ट्री से सीधे ट्रक से प्रखंड क्षेत्र के दुकानदारों को खाद आपूर्ति कराई जाती थी।
इसमें दुकानदारों को कम भाड़ा लगता था। लेकिन अब रेल रैक से समस्तीपुर या खगड़िया रेलवे स्टेशन के रैक प्वाइंट से आपूर्ति की जा रही है। जिसमें 40 से 45 रूपये प्रति बोरी भाड़ा के मद में व्यय करना पड़ रहा है। रैक प्वाइंट पर ही हाल सेल विक्रेताओं द्वारा यूरिया खाद के साथ साथ अन्य उर्वरक और कीटनाशक दवा भी जबरन दिया जा रहा है।
उर्वरक और कीटनाशक दवा नहीं लिए जाने पर यूरिया खाद की आपूर्ति पर हालसेल विक्रेताओं द्वारा रोक लगा दी जाती है। दुकानदारों ने बताया कि रैक प्वाइंट से दुकान तक खाद लाने में तकरीबन 350 रुपये खर्च लगता है। इस स्थिति में किसानों को सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य पर यूरिया देना संभव नहीं हो रहा। इसमें सरकारी स्तर पर पहल होने से ही किसानों को उचित दाम पर खाद मिल सकेगा।
जिला कृषि पदाधिकारी सुमित सौरभ ने बताया कि किसानों को सरकारी दर से अधिक मूल्य पर यूरिया खाद देना किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। किसानों से शिकायत मिलने पर लाइसेंसी दुकानदारों का लाइसेंस रद्द की कार्रवाई की जाएगी।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।