छात्रों का स्टडी रूम बना परीक्षा भवन, मम्मी-पापा बने परीक्षक
इन दिनों अधिकतर घरों में छात्रों के स्टडी रूम परीक्षा भवन में तब्दील हो गए हैं। मम्मी-पापा परीक्षक बन गए हैं। घंटे-दो घंटे चलनेवाले ऑनलाइन टेस्ट के दौरान घरों में खामोशी पसर जाती। दरअसल लॉकडाउन के दौरान शिक्षकों और शैक्षणिक संस्थानों द्वारा ऑनलाइन पढ़ाई में कई यूनिट पूरी हो चुकी है।
समस्तीपुर । इन दिनों अधिकतर घरों में छात्रों के स्टडी रूम परीक्षा भवन में तब्दील हो गए हैं। मम्मी-पापा परीक्षक बन गए हैं। घंटे-दो घंटे चलनेवाले ऑनलाइन टेस्ट के दौरान घरों में खामोशी पसर जाती। दरअसल, लॉकडाउन के दौरान शिक्षकों और शैक्षणिक संस्थानों द्वारा ऑनलाइन पढ़ाई में कई यूनिट पूरी हो चुकी है। शिक्षक अपने छात्रों को मेधा कसौटी पर कसने लगे हैं। इस सिलसिले में आंतरिक परीक्षा और यूनिट टेस्ट लेकर छात्रों की प्रगति का मूल्यांकन किया जा रहा। इनमें स्थानीय प्राइमरी कक्षाओं से लेकर नीट, आइआइटीजेईई के मेन और एडवांस तक के छात्र शामिल हैं। इन संस्थानों द्वारा पढ़ाए गए पाठ से प्रश्न देकर टेस्ट लिए जा रहे। छात्रों द्वारा दिए गए उत्तर की जांच कर प्रगति रिपोर्ट अभिभावकों को दी जा रही। मोबाइल एप्लीकेशन का किया जा रहा इस्तेमाल
परीक्षा वाट्सएप और विभिन्न मोबाइल एप्लीकेशन की सहायता से ली जा रही। छात्र घर पर ही पढ़ाई पूरी कर ऑनलाइन टेस्ट में शामिल हो रहे। ज्ञात हो कि कोरोना वायरस का संक्रमण काल प्रारंभ होते ही कई शिक्षण संस्थानों ने अपने छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था दी थी। इस दौरान कई पाठ की पढ़ाई पूरी हो गई। पढ़ाई और एग्जाम के लिए संस्थानों और शिक्षकों द्वारा वाट्सएप ग्रुप के अतिरिक्त यूट्यूब चैनल, जूम, गूगल बॉक्स, गूगल पीडीएफ व्यूअर आदि एप्लीकेशन का प्रयोग किया जा रहा। पूछे जा रहे वस्तुनिष्ठ और लघुत्तरीय प्रश्न
ऑनलाइट टेस्ट प्राय: एक से दो घंटे का हो रहा है। इसमें 20 से 50 अंक के प्रश्न पूछे जाते हैं। ऐसी परीक्षाएं कई चरणों में ली जा रही हैं। वस्तुनिष्ठ तथा अतिलघु उत्तरीय प्रश्नों के अतिरिक्त लघु उत्तरीय प्रश्नों को भी शामिल किया जाता है। छात्र अपने अभिभावकों की उपस्थिति में टेस्ट देते हैं तथा उत्तर पुस्तिका की तस्वीर उस ग्रुप पर डाल देते हैं। शिक्षकों के अनुरोध पर अभिभावक कर रहे परीक्षण
शिक्षकों ने माता-पिता से अनुरोध किया है कि वे परीक्षा के दौरान इस बात का ख्याल रखें कि उनके बच्चे नकल तो नहीं कर रहे। लिहाजा घर के अभिभावक अपनी भूमिका बखूबी अदा कर रहे। शिक्षक संजीव कुमार जायसवाल ने बताया कि उनके बच्चे भी ऑनलाइन पढ़ाई के बाद टेस्ट में शामिल हो रहे। छात्र उत्कर्ष, नित्कर्ष, दिव्यांशु, तूसी आदि का कहना है कि उन लोगों ने दी गई पाठ्य सामग्री के आधार पर टेस्ट दे दिया है। कई विद्यालयों ने शुरू की यह सुविधा
क्षेत्र में अवस्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, जागृति पब्लिक स्कूल, सेंट मेरिस पब्लिक स्कूल, मॉडर्न सेंट जोसेफ पब्लिक स्कूल आदि ने ऊंची क्लास के छात्रों के लिए यह सुविधा लॉकडाउन के बाद से ही दे रखी है। सरस्वती शिशु मंदिर के प्रधानाचार्य विकास कुमार मिश्र ने बताया कि उन्होंने ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था शुरू से ही कर दी थी और अब छात्रों का टेस्ट भी लिया जा रहा। सेंट मेरिस पब्लिक स्कूल के संचालक बीजू सीएम ने बताया कि ऊंची कक्षा के बच्चों का टेस्ट कई चरणों में लिया जा चुका है। आयोजित किए जा रहे इस टेस्ट से जहां अभिभावकों में प्रसन्नता है, वहीं छात्र-छात्राओं में भी उत्साह है।
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