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    लाखों खर्च के बाद भी साफ-सफाई की व्यवस्था बदहाल

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 25 May 2021 01:01 AM (IST)

    नगर निगम द्वारा सफाई व कर्मचारियों के मद में प्रतिमाह 30 से 35 लाख रुपये खर्च करती है फिर भी शहर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। कहीं कूड़ा-कचरा तो कहीं जलजमाव। गलियां हों या मुख्य मार्ग जगह-जगह कचरे का अंबार जमा है। यूं तो नगर निगम द्वारा रोजाना कचरे का उठाव किया जाता है। लेकिन यह नाकाफी दिख रही।

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    लाखों खर्च के बाद भी साफ-सफाई की व्यवस्था बदहाल

    समस्तीपुर । नगर निगम द्वारा सफाई व कर्मचारियों के मद में प्रतिमाह 30 से 35 लाख रुपये खर्च करती है फिर भी शहर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। कहीं कूड़ा-कचरा तो कहीं जलजमाव। गलियां हों या मुख्य मार्ग जगह-जगह कचरे का अंबार जमा है। यूं तो नगर निगम द्वारा रोजाना कचरे का उठाव किया जाता है। लेकिन यह नाकाफी दिख रही। नगर निगम के पास संसाधनों की भी कमी नहीं है। प्रत्येक माह साफ सफाई के मद में लाखों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। बाबजूद ऐसी स्थिति बनी हुई है कि शहर में सड़क पर निकलना मुश्किल होता है। मुख्य मार्ग से लेकर गलियों में कचरे का अंबार जमा है।

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    शहर में इन जगहों पर कूड़े का अंबार

    शहर के अंदर वैसे तो जिधर देखेंगे कूड़े ही नजर आएंगे, लेकिन कुछ जगहों पर स्थिति काफी खराब है। शहर के मोहनपुर रोड, बीएड कॉलेज, काशीपुर, सोनवर्षा चौक, गणेश चौक आदि जगहों पर कूड़े का ढेर है। कूड़े के ढेर से सड़ांध परेशान करती है। सड़क पर चलने वाले तथा आसपास के दुकानदार बदबू से त्रस्त हैं।

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    हर रोज 20 टन होता है कचरे का उठाव

    नगर परिषद के सफाई कर्मियों द्वारा शहर में प्रत्येक वार्डों से प्रतिदिन लगभग 20 टन कचरे का उठाव किया जाता है। इसे फेंकने के लिए केंद्रीय विद्यालय के पीछे और कृष्णापुरी में डंपिग ग्राउंड बने हैं। कचरा निस्तारण के लिए उपकरण भी लगाए गए हैं। नगर परिषद द्वारा गंदगी से निपटने के लिए प्रतिमाह संसाधनों में लगभग पांच लाख रुपये खर्च किए जाते हैं। साफ.सफाई के लिए नगर परिषद के सभी वार्डों में जमादार व सफाई कर्मी भी नियुक्त किए गए हैं। प्रत्येक घरों में सूखा और गीला कचरा निकालने के लिए अलग अलग डस्टबिन भी वितरण किए गए। लगभग 300 दैनिक सफाई कर्मी डोर टू डोर कचरे का उठाव करते हैं।

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    लाखों रुपये की लागत से आई डस्टबिन बेकार पड़ी

    नगर परिषद द्वारा चौक.चौराहों पर कचरा जमा करने के लिए लाखों रुपये की लागत से चौक-चौराहे तथा प्रत्येक वार्ड में लोहे की डस्टबिन लगाई गई हैं। लेकिन, मेंटेनेंस के अभाव में अधिकतर डस्टबिन जंग लगकर बेकार हो गई हैं। इसके कारण लोग सड़क किनारे खुले में कचरा डाल देते हैं।

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    आम आदमी को नहीं रहा ध्यान

    घरों के कूड़ा फेंकने में आम लोग भी सावधानी नहीं बरत रहे हैं। उनके द्वारा घर की सफाई कर पॉलीथिन में कचरे भरकर सीधे सड़क पर फेंक दिया जाता है। ऊपरी मंजिल पर रहने वाले लोग तो नीचे आने की जहमत भी नहीं उठाते सीधे खाली सड़क देख ऊपर से कचरा पॉलीथिन में बांधकर फेंक देते हैं।

    ------------------------------------------ क्या कहते हैं लोग

    सफाई होती तो है, लेकिन फिर भी अभी बहुत काम करने की जरुरत है। मच्छर की समस्या बहुत ज्यादा है। अब तो सालोभर मच्छर परेशान करते हैं।

    नीतेश कुमार, वार्ड 04

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    शहर में कुछ इलाके तो ऐसे हैं, जहां कभी सफाई होती ही नहीं है। जो थोड़ी बहुत सफाई होती भी है, फिर उस जगह कचरा जमा हो जाता है।

    संतोष कुमार, वार्ड 06

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    प्रत्येक दिन शहर में साफ सफाई का काम किया जा रहा है। घर घर कचरे का उठाव किया जा रहा है। नालों में भी सफाई काम शुरु कर दिया गया है। शहर को स्वच्छ व सुंदर बनाने के लिए आम लोगों को भी अपना दायित्व समझना होगा। कचरे को यत्र तत्र न फैलाएं।

    राजेश कुमार, नगर प्रबंधक

    ----------------------------------------- साफ सफाई के लिए संसाधन

    बड़ा ट्रैक्टर : 06

    छोटा ट्रैक्टर : 04

    टीपर : 03

    लोडर : 04

    जेसीबी : 01

    पंपसेट : 02