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    Bihar News: गाय और भैंस पालने पर नीतीश सरकार दे रही सब्सिडी, डेयरी खोलने पर भी दे रही अनुदान

    Updated: Sun, 13 Jul 2025 04:44 PM (IST)

    समस्तीपुर में सरकार देसी गाय पालन को बढ़ावा दे रही है जिसके तहत साहिवाल गिर और थारपारकर नस्ल की गायों से दूध उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य है। युवाओं को स्वरोजगार देने के लिए डेयरी यूनिट स्थापित करने पर अनुदान दिया जाएगा। समग्र भैंस पालन योजना भी शुरू की गई है जिसमें भैंस खरीदने पर सब्सिडी मिलेगी। आवेदन की अंतिम तिथि 25 जुलाई है।

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    देसी गाय पालन के साथ भैंसपालन पर भी मिलेगा अनुदान। (जागरण)

    जागरण संवाददाता, समस्तीपुर। साहिवाल, गिर व थारपारकर नस्ल की गायें समस्तीपुर में दूध का उत्पादन बढ़ाएंगी। पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने देसी गाय पालन योजना की शुरुआत की है।

    सूबे में पहली बार समग्र भैंस पालन योजना भी शुरू की गई है। जबकि, समग्र गव्य विकास योजना के तहत गौ पालन को बढ़ावा पहले से ही दिया जा रहा है। देसी गाय डेयरी यूनिट स्थापित करने से युवाओं को स्वरोजगार मिलेगा।

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    योजना पहले आओ, पहले पाओ के तर्ज पर आवेदकों को दिया जाएगा। समग्र भैंस पालन योजना के तहत एक भैंस अथवा दो भैंस खरीदने का मौका चयनित आवेदकों को मिलेगा। इसको लेकर विभागीय स्तर पर आवेदन की प्रक्रिया चल रही है। 25 जुलाई आवेदन करने की अंतिम तिथि तय की गयी है। गव्य विकास निदेशालय के पोर्टल पर आवेदन करना होगा।

    देसी गाय की डेयरी के लिए 10 कट्टा जमीन जरूरी 

    जिला गव्य विकास पदाधिकारी सुरेंद्र कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना-2 अंतर्गत देसी गौ-पालन प्रोत्साहन योजना के तहत सभी वर्गों के किसान, पशुपालक, बेरोजगार युवक-युवतियों के लिए स्वरोजगार सृजन किया जाना है।

    इसके लिए दो और चार देसी गाय, बाछी, हिफर की डेयरी खोलने की योजना है। इसमें कुल 50 लोगों को लाभ देने की योजना है। इसमें दो और चार देसी गाय की डेयरी पर अनुसूचित जाति-जनजाति के लिए 75 फीसदी और सामान्य वर्ग के लिए 50 फीसदी अनुदान मिलेगा।

    इसमें दो देसी गाय का लागत मूल्य 2 लाख 42 हजार रुपये है। अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति जनजाति के लिए 1 लाख 81 हजार 500 अनुदान मिलेगा। जबकि, अन्य सभी वर्गों के लिए 1 लाख 21 हजार रुपये निर्धारित है। चार देसी के लिए लागत मूल्य 5 लाख 20 हजार रुपये है। इसमें अत्यंत पिछड़ा वर्ग व अनुसूचित जाति जनजाति के लिए 3 लाख 90 हजार और अन्य सभी वर्गों के लिए 2 लाख 60 हजार रुपये अनुदान मिलेगा।

    भैंस पालन के लिए मिलेगा अनुदान 

    सूबे में समग्र भैंस पालन योजना पहली बार शुरू की गई है। इसमें भी अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति को 75 फीसद तो अन्य वर्गों को 50 फीसद अनुदान मिलेगा।

    समग्र भैंस पालन योजना के तहत एक भैंस अथवा दो भैंस खरीदने का मौका चयनित आवेदकों को मिलेगा। एक भैंस खरीदने और शेड निर्माण पर कुल लागत 1 लाख 21 हजार रुपये आएगी।

    ओबीसी और एससी वर्ग को 90 हजार 750 रुपया तो अन्य वर्गों को 60 हजार 500 रुपया अनुदान दी जाएगी। जबकि, शेड बनाने और दो भैंस खरीदने पर दो लाख 42 हजार खर्च होगा। ओबीसी और एससी वर्ग को एक लाख 81 हजार 500 तो अन्य वर्गों को एक लाख 21 हजार का अनुदान मिलेगा।

    समग्र गव्य विकास योजना के तहत 84 को मिलेगा लाभ 

    समग्र गव्य विकास योजना के तहत दो, चार, 15 व 20 दुधारू मवेशी की डेयरी इकाई स्थापित करने आवेदन करने का सुनहरा अवसर है। इसमें कुल 84 लाभुक को योजना का लाभ मिलेगा। दो एवं चार दुधारु मवेशी के लिए अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति तथा जनजाति के लिए 75 प्रतिशत तथा अन्य सभी वर्गों के लिए 50 प्रतिशत अनुदान एवं 15 तथा 20 दुधारु मवेशी के लिए सभी वर्गों हेतु 40 प्रतिशत अनुदान देने की योजना है।

    इसमें दो मवेशी का लागत मूल्य 1 लाख 74 हजार रुपये है। अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति जनजाति के लिए 1 लाख 30 हजार 500 अनुदान मिलेगा। जबकि, अन्य सभी वर्गों के लिए 87 हजार रुपये निर्धारित है। चार मवेशी के लिए लागत मूल्य 3 लाख 90 हजार रुपये है।

    इसमें अत्यंत पिछड़ा वर्ग व अनुसूचित जाति जनजाति के लिए 2 लाख 92 हजार 800 रुपये और अन्य सभी वर्गों के लिए 1 लाख 92 हजार 200 रुपये अनुदान मिलेगा। 15 मवेशी का लागत 15 लाख 34 हजार रुपये है। इसमें सभी वर्गों के लिए 6 लाख 13 हजार 600 रुपये अनुदान मिलेगा। 20 दुधारु मवेशी का लागत 20 लाख 22 हजार रुपये है। इसमें सभी वर्गों के लिए 8 लाख 8 हजार रुपये अनुदान मिलेगा।

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