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    900 दिनों में पूरा होगा दरभंगा-सीतामढ़ी रेलखंड दोहरीकरण का काम,  518 करोड़ रुपये होंगे खर्च

    Updated: Thu, 09 Oct 2025 11:51 AM (IST)

    दरभंगा-सीतामढ़ी रेलखंड के दोहरीकरण का कार्य 900 दिनों में पूरा किया जाएगा, जिस पर 518 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस परियोजना से रेल यातायात सुगम होगा, रेलवे का बुनियादी ढांचा मजबूत होगा, आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और यात्रियों को सुविधा होगी।

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    दरभंगा-सीतामढ़ी रेलखंड दोहरीकरण का काम

    जागरण संवाददाता, समस्तीपुर। दरभंगा-सीतामढ़ी रेलखंड का दोहरीकरण 518 करोड़ रुपये की लागत से होगा। इस परियोजना के तहत नए प्लेटफार्म, सर्कुलेटिंग एरिया, फुट ओवरब्रिज, सर्विस बिल्डिंग, माल गोदाम, मुख्य पुल व छोटे पुलों का निर्माण किया जाएगा। 

    टेंडर प्रक्रिया पूरी करने की अंतिम तिथि 22 जनवरी है और परियोजना के लिए 900 दिन का समय निर्धारित किया गया है। दोहरीकरण के बाद इस रूट पर यात्रियों और मालगाड़ियों के आवागमन में सुविधा बढ़ेगी, समय की बचत होगी और नेपाल एवं उत्तर-पूर्व भारत के साथ कनेक्टिविटी मजबूत होगी। 

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    साथ ही, क्षेत्रीय औद्योगिक और आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। रेलखंड के दोहरीकरण के दौरान कई आधुनिक निर्माण कार्य किए जाएंगे। इसमें नए प्लेटफार्म, फुट ओवर ब्रिज, सर्कुलेटिंग एरिया, सर्विस बिल्डिंग, माल गोदाम, मुख्य पुल और छोटे पुलों के निर्माण का कार्य शामिल है। इसके अलावा रेलवे स्टेशन के आस-पास के क्षेत्रों में भी यात्री सुविधाओं को बेहतर बनाया जाएगा।

    यात्रियों को मिलेगा सीधा लाभ

    दरभंगा-सीतामढ़ी रेलखंड के दोहरीकरण से यात्रियों को सीधा लाभ मिलेगा। इस रूट पर ट्रेनों का अधिक से अधिक परिचालन संभव हो सकेगा, जिससे यात्रा समय में कमी आएगी। साथ ही, भीड़ भाड़ के समय ट्रेनों की लेटलतीफी की समस्या भी काफी हद तक दूर होगी।

    उत्तर-पूर्व भारत और नेपाल से मजबूत होगी कनेक्टिविटी

    रेलखंड के दोहरीकरण के बाद यह रूट उत्तर-पूर्व भारत और नेपाल से बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। नॉर्थ-ईस्ट के लिए चलने वाली कई ट्रेनों को अब अधिक सुगमता से संचालित किया जा सकेगा। इससे न केवल क्षेत्रीय यातायात में सुधार होगा बल्कि सीमा पार व्यापारिक गतिविधियों को भी बल मिलेगा।

    आर्थिक और औद्योगिक विकास को मिलेगा बढ़ावा

    परियोजना से सामाजिक और आर्थिक विकास को गति मिलेगी। दोहरीकरण के बाद मालगाड़ियों की आवाजाही सुचारू होगी, जिससे उद्योगों और व्यापार को लाभ पहुंचेगा। क्षेत्रीय स्तर पर औद्योगिक और आर्थिक गतिविधियों में भी वृद्धि होने की संभावना जताई गई है। 

    परियोजना के दौरान स्थानीय स्तर पर मजदूरों और तकनीकी कर्मियों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। साथ ही, निर्माण कार्यों से जुड़ी सामग्री की आपूर्ति से स्थानीय बाजारों में आर्थिक गतिविधियां भी तेज होगी।

    518 करोड़ रुपये की लागत से दरभंगा-सीतामढ़ी रेलखंड का दोहरीकरण कार्य तय समय सीमा में पूरा कर लिया जाएगा। इसके पूरा होते ही इस मार्ग पर ट्रेनों की गति, आवागमन और परिचालन की दक्षता में वृद्धि होगी।- सरस्वती चंद्र, सीपीआरओ, पूर्व मध्य रेल।