Bihar Election: रोसड़ा में सिमटकर रह गई कांग्रेस, संगठन में असंतोष
समस्तीपुर में कांग्रेस गठबंधन में केवल एक रोसड़ा सीट मिलने से कार्यकर्ताओं में असंतोष है। पार्टी ने तमिलनाडु के पूर्व डीजीपी बीके रवि को उम्मीदवार बनाया है, लेकिन कार्यकर्ताओं को उम्मीद थी कि कांग्रेस को अधिक सीटें मिलेंगी। गठबंधन में सीटों के तालमेल में असफलता के कारण कार्यकर्ताओं में निराशा है, क्योंकि 2020 में भी कांग्रेस को यहाँ हार मिली थी।
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)
जागरण संवाददाता, समस्तीपुर। कांग्रेस पार्टी एक बार फिर से रोसड़ा सुरक्षित सीट तक ही सिमटकर रह गई। उसे गठबंधन में महज एक सीट से संतोष करना पड़ा। यह सीट सुरक्षित है।
पार्टी ने तामिलनाडु के पूर्व डीजीपी बीके रवि पर दांव लगाया है। लेकिन, कांग्रेस कार्यकर्ताओं के मनोबल में गिरावट दर्ज की गई है।
कार्यकर्ताओं ने गठबंधन में केवल एक सीट मिलने पर असंतोष व्यक्त किया। सभी को उम्मीद थी कि उनके हिस्से में दो से तीन सीट तो कम से कम जरूर होगी। लेकिन, केवल एक सीट से संतोष करना पड़ा।
महागठबंधन के अंदर सीटों के तालमेल के तहत कांग्रेस इस बार जिले की चार विधानसभा सीटों पर दावा ठोक रही थी। इसमें सरायरंजन, कल्याणपुर, वारिसनगर और रोसड़ा शामिल था। लेकिन अंततः उसे केवल रोसड़ा सीट दी गई। शेष सीटें गठबंधन के अन्य घटक दलों को चली गई।
कांग्रेस नेतृत्व द्वारा कई दौर की बातचीत के बावजूद सहयोगी दलों ने अन्य सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने का फैसला बरकरार रखा। इससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नाराजगी और असंतोष का माहौल है।
स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने कहा कि लगातार दो चुनावों से पार्टी को जिले में सिर्फ एक सीट तक सीमित रखना जमीनी कार्यकर्ताओं के मनोबल पर असर डाल रहा है। उनका कहना है कि जिले में पार्टी की संगठनात्मक स्थिति अच्छी है, इसलिए उसे अधिक सीटें मिलनी चाहिए थीं।
वहीं, कार्यकर्ताओं ने कहा कि रोसड़ा सीट पर पार्टी पूरे दमखम से चुनाव लड़ेगी और जीत सुनिश्चित करेगी। बता दें कि 2020 के विधानसभा चुनाव में भी रोसड़ा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा था।
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