Bihar News : बच्चा-चोरी कांड का मास्टरमाइंड गायब, आखिर किस डर से उसके घर व क्लीनिक पर पड़ा ताला?
Samastipur News : शाहपुर पटोरी में बच्चा चोरी गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। गिरोह का सरगना अविनाश कुमार फरार है, जिसके नर्सिंग होम में चोरी के बच्चों को ब ...और पढ़ें

अविनाश द्वारा संचालित नर्सिंग होम जहां बेचे जाते थे बच्चे। जागरण
संवाद सहयोगी, शाहपुर पटोरी (समस्तीपुर) । हाजीपुर तथा अन्य रेलवे स्टेशनों से बच्चा चोरी कर उसे बेचने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड अविनाश कुमार के पटोरी स्थित आवास और क्लीनिक पर पिछले तीन दिनों से ताला लगा है। इसके साथ ही घर के सभी सदस्य फरार हैं।
मास्टरमाइंड अविनाश कुमार पटोरी थाना क्षेत्र के लोदीपुर धीर गांव में सूर्य नारायण क्लिनिक नामक नर्सिंग होम संचालित करता था। जिसमें बाहर से डाक्टर को भी बुलाया जाता था। यह नर्सिंग होम गैर निबंधित था तथा इसके अंदर बिना लाइसेंस की दवा दुकान भी संचालित की जा रही थी। इतना ही नहीं यहां हर तरह के आपरेशन बाहर से चिकित्सक बुलाकर कराए जाते थे।
इधर, जीआरपी के द्वारा बच्चा चोर के गिरोह के उद्भेदन के बाद इस बात का खुलासा हुआ कि इस नर्सिंग होम का संचालक बच्चा चोर गिरोह का मास्टरमाइंड था। यहां चोरी के बच्चे लाए जाते थे। यहां पर ग्राहकों को खोज कर बच्चे की कीमत लगाई जाती थी। इसी क्लिनिक पर जरूरतमंद लोगों से मनमानी कीमत लेकर बच्चे बेच दिये जाते थे।
हाजीपुर से चोरी हुए बच्चे की बरामदगी के बाद हुआ खुलासा
इसका पर्दाफाश तब हुआ जब हाजीपुर जंक्शन से तीन अक्टूबर की शाम चुराए गए घुमंतू परिवार के 6 माह के बच्चे को चोरी कर बेच लेने के बाद उसकी बरामदगी रेल पुलिस ने की। पुलिस अविनाश को तलाश रही है और अविनाश वर्तमान में फरार बताया जा रहा है।
इस घटना में पटोरी थाना के चकसाहो निवासी मुन्नी की भी गिरफ्तारी हुई। उसके गांव में भी लोग अचंभित हैं और उसके घर पर सन्नाटा पसरा हुआ है। उसके घर के भी अन्य सदस्य गायब हैं।
पूछे जाने पर पड़ोस के लोगों ने बताया कि उन्हें इस संबंध में कुछ जानकारी नहीं। सिर्फ इतना मालूम कि उसे गिरफ्तार कर लिया गया लेकिन क्यों यह नहीं मालूम। इधर बच्चों के खरीदार पति-पत्नी अनिल और गुड़िया देवी को चकसाहो गांव से चुराए गए बच्चे के साथ गिरफ्तार किया गया।
वर्षों से चल रहे इस धंधे में संलिप्तता का अंदेशा
गिरफ्तारी के क्रम में जीआरपी पुलिस के साथ पटोरी के थाना अध्यक्ष और पटोरी पुलिस बल भी मौजूद थे। थाना अध्यक्ष अनिल कुमार ने बताया की वैशाली जिले के महनार के परवीन खातून की शादी पड़ोसी सुमित कुमार के साथ हुई थी। काफी गरीब रहने के कारण दोनों हाजीपुर रेलवे स्टेशन के समीप रहते थे। उनके तीन बच्चे थे।
तीन अक्टूबर को हाजीपुर जंक्शन से उनका छोटा बेटा फहीम गायब हो गया। उन्होंने चार अक्टूबर को इससे संबंधित जीआरपी थाने में प्राथमिक की दर्ज कराई। जब पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर मामले की छानबीन शुरू की तो पता चला की वैशाली के बिदुपुर निवासी अर्जुन कुमार और वैशाली जिले के चकनौर निवासी किरण देवी ने उस बच्चे को चुराया था।
वैशाली के ही एक डॉक्टर के यहां कंपाउंडर का काम करने वाला सोनू सिंह और अविनाश की क्लीनिक में नर्स का काम कर रही मुन्नी ने बच्चे को यहां लाया और चकसाहो के अनिल कुमार साह तथा गुड़िया देवी से इस बच्चे को साढ़े तीन लाख रुपए लेकर बेच दिया। इन दोनों के पहले से कोई बच्चे नहीं थे। थाना अध्यक्ष अनिल कुमार ने बताया कि यह धंधा काफी समय से चल रहा था।
अविनाश के क्लीनिक की नर्स बच्चों का खोजती थी ग्राहक
हाजीपुर जीआरपी थाना अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार और क्राइम ब्रांच के आरपीएफ इंस्पेक्टर चंदन कुमार ने जांच शुरू कर दी। जांच के बाद इस मामले का उद्वेदन हुआ। यह बच्चा पटोरी थाना के चकसाहो निवासी अनिल कुमार साह और उसकी पत्नी गुड़िया देवी के द्वारा खरीदा गया था। बच्चा चोरी करने वाला बिदुपुर (वैशाली) निवासी अर्जुन कुमार को भी गिरफ्तार किया गया है।
चोरी होने के बाद चकसाहो गांव की मुन्नी कुमारी ग्राहक खोजती थी और बच्चे को चोरी कर पटोरी स्थिति अविनाश कुमार के क्लीनिक में लाया जाता था। जहां से इसकी बिक्री होती थी। यहां बच्चा साढ़े 3 से 5 लाख के बीच बेच दिया जाता था।
ग्राहकों को यह कहा जाता था कि बच्चा ऐसे व्यक्ति का है जो रखना नहीं चाहता है और उसने बच्चे को छोड़ दिया है। फिलहाल पटोरी से जुड़े इस मामले से आसपास के लोग अचंभित हैं। उन्हें विश्वास नहीं होता कि इस क्लीनिक में ऐसा कुकृत्य भी होता था।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।