Samastipur News : कैंसर के रोगियों को अब बाहर जाने की जरूरत नहीं, सदर अस्पताल में फ्री मिलेगी ये सुविधा
समस्तीपुर में कैंसर रोगियों के लिए सदर अस्पताल में डे-केयर सेंटर खुला जहाँ कीमोथेरेपी की शुरुआत हो चुकी है। अब मरीजों को पटना या मुजफ्फरपुर जाने की आवश्यकता नहीं है। जाँच और स्क्रीनिंग की सुविधा भी अस्पताल में ही उपलब्ध है जिससे महिलाओं को विशेष लाभ होगा। स्वास्थ्य विभाग द्वारा शुरू की गई इस सुविधा से रोगियों को मुफ्त इलाज मिलेगा।

जागरण संवाददाता, समस्तीपुर। अब कैंसर रोगी की जांच और कीमोथेरेपी के लिए पटना या मुजफ्फरपुर में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। समस्तीपुर जिला में कैंसर मरीजों के इलाज के लिए डे-केयर सेंटर खुला है। यहां अब कीमोथेरेपी की शुरूआत भी कर दी गई है।
सदर अस्पताल में ही कैंसर स्क्रीनिंग होगी। जांच कराने के उपरांत कीमोथेरेपी की सुविधा मिलेगी। इसका सबसे अधिक फायदा महिलाओं को मिलेगा। महिलाओं में स्तन और गर्भाशय कैंसर की शिकायत अधिक होती है।
स्वास्थ्य विभाग ने इस दिशा में सुविधा देना शुरू कर दिया है। बता दें कि डे-केयर में कैंसर मरीजों को ओपीडी की सेवाएं दी जाती है। जिले में सात बेड का वार्ड बनाया जाना है। इसमें फिलहाल एक बेड दिया गया है।
आने वाले दिनों में मरीज बढ़ने पर बेडों की संख्या में बढ़ोत्तरी की जा सकती है। सबसे बड़ी बात यह है कि सदर अस्पताल में कीमोथेरेपी की सुविधा होने से अब कैंसर के मरीज को इसके लिए जिला से बाहर नहीं जाना होगा। यह सुविधा मुफ्त में ही सदर अस्पताल में उपलब्ध कराई जा रही है।
तीन साल में स्क्रीनिंग के दौरान मिल चुके हैं 75 नए रोगी
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार कैंसर रोगियों की पहचान के लिए सदर अस्पताल स्थित कैंसर सेंटर पर संभावित लक्षण वाले मरीजों की स्क्रीनिंग की जाती है। इसके बाद जिले के सभी प्रखंडों में भी कैंप लगाकर मरीजों की पहचान के लिए स्क्रीनिंग के लिए टीम पहुंचती है।
नवंबर 2022 से इसकी शुरुआत हुई थी। अगस्त 2025 तक जिले में कुल 52 हजार 843 लोगों की स्क्रीनिंग हुई। इसमें 18 हजार 495 पुरुष एवं 34 हजार 347 महिला है। स्क्रीनिंग में 75 नए रोगियों की पहचान की गई है।
इसमें से छह मरीज का समस्तीपुर में कीमोथेरेपी किया जा रहा है। कैंसर रोग को लेकर लोगों में जागरूकता की कमी है। कई मरीज ऐसे हैं जो कैंसर के अंतिम स्टेज में चिकित्सक के पास पहुंचते हैं। शुरूआती दौर में कैंसर की पहचान होने पर रोगी को इस रोग में काफी हद तक बचाव के लिए संभावना होती है।
डे केयर सेंटर में कीमोथेरेपी, जांच, परामर्श, दवा वितरण और फालोअप जैसी सेवाएं दी जानी है। अस्पताल प्रशासन के अनुसार, चिह्नित मरीजों को कीमोथेरेपी के लिए बुलाया जाएगा, ताकि बेहतर देखभाल सुनिश्चित हो सके। केंद्र में विशेष रूप से प्रशिक्षित आक्टर, नर्सिंग और तकनीकी कर्मियों की तैनाती की गई है। केंद्र सरकार की योजना के तहत इसकी शुरुआत की गई है। -डॉ. गिरीश कुमार, उपाधीक्षक, सदर अस्पताल, समस्तीपुर।
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