परिवहन विभाग ने दी राहत! अब नहीं कटेगा 10 हजार का चालान, कम हो गया इस नियम के उल्लंघन का जुर्माना
समस्तीपुर में परिवहन विभाग ने प्रदूषण प्रमाण पत्र के बिना गाड़ी चलाने पर लगने वाले जुर्माने में भारी कटौती की है। पहले 10000 रुपये का चालान काटा जाता था लेकिन अब वाहन की श्रेणी के अनुसार 1000 से 5000 रुपये का जुर्माना लगेगा। विभाग ने ई-चालान जमा करने के लिए 7 दिनों की मोहलत भी दी है।

जागरण संवाददाता, समस्तीपुर। बिना प्रदूषण प्रमाण पत्र के गाड़ी चलाना पहले जितना महंगा नहीं पड़ेगा। परिवहन विभाग ने वाहन चालकों को बड़ी राहत देते हुए इस जुर्माने में भारी कटौती की है।
पहले सभी प्रकार के वाहनों चाहे वह दोपहिया हो या मालवाहक पर बिना प्रदूषण प्रमाण पत्र के सीधा 10,000 रुपये का चालान काटा जा रहा था। लेकिन, अब वाहन की श्रेणी के अनुसार यह जुर्माना घटाकर 1,000 से 5,000 रुपये के बीच कर दिया गया है।
परिवहन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, अप्रैल और मई माह में कुल 1.35 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना वसूला गया है। इसमें ड्राइविंग लाइसेंस नहीं होने, बिना हेलमेट गाड़ी चलाने, ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन और प्रदूषण प्रमाण पत्र की अनुपस्थिति जैसे मामलों में चालान काटे गए हैं।
अप्रैल महीने में कुल 65 लाख 28 हजार 836 रुपये का जुर्माना वसूला गया, जबकि मई में यह आंकड़ा बढ़कर 70 लाख 20 हजार 417 रुपये तक पहुंच गया। जून माह का आंकड़ा अभी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो पाया है।
परिवहन विभाग ने वाहन मालिकों को राहत देते हुए प्रदूषण प्रमाण पत्र के मामले में ई-चालान जमा करने के लिए 7 दिनों की मोहलत भी दी है। इस अवधि में यदि वाहन मालिक प्रमाण पत्र अद्यतन करा लेते हैं, तो दोबारा चालान से बचा जा सकता है।
अब नए नियमों के तहत वाहन मालिकों को आटोमैटिक ई-चालान की सुविधा से पहले ही सूचित किया जाएगा और 7 दिनों के भीतर प्रमाण पत्र अपडेट न कराने पर दोबारा ई-चालान कट सकता है, जिससे जुर्माने की राशि लगातार बढ़ती जाती है।
जिला परिवहन पदाधिकारी विवेक चंद्र पटेल ने बताया कि नए प्रविधानों को सख्ती से लागू कराने के लिए परिवहन विभाग ने जांच टीमों का गठन किया है। यह शहर के अलग-अलग हिस्सों में वाहनों का प्रदूषण प्रमाण पत्र चेक करेंगी और नियमों के उल्लंघन पर उसी श्रेणी के अनुसार चालान करेगी।
उन्होंने वाहन मालिकों और चालकों से समय रहते प्रदूषण प्रमाण पत्र अपडेट कराने की अपील की। केंद्रीय मोटर वाहन नियमावली के अनुसार, सभी वाहनों के लिए वैध प्रदूषण प्रमाण पत्र रखना अनिवार्य है।
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